दिसंबर, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
दिसंबर 2012 में माया पंचांग के समाप्त होने के कारण विश्व में प्रलय आने की संभावना को काटती हुई मेरे आलेखों की श्रृंखला अभी पूरी भी नहीं हुई और कल से ही मेरे पास चंद्रग्रहण से शुरू होनेवाले इस वर्ष में ग्रहों के अच्छे या बुरे प…
इस दुनिया में आने के बाद हमारी इच्छा हो या न हो , हम अपने काल , स्थान और परिस्थिति के अनुसार स्वयमेव काम करने को बाध्य होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं , अपने काल , स्थान और परिस्थिति के अनुरूप ही हमें फल प्राप्त करने की लाल…
2012 में इस दुनिया के अंत की संभावना हकीकत है या भ्रम ? इसकी पहली कडी को लिखने के बाद दूसरे कार्यों में व्यस्तता ऐसी बढी कि आगे लिखना संभव ही न पाया। 2012 दिसंबर को दुनिया के समाप्त होने के पक्ष में जो सबसे बडी दलील दी जा रही…
आज आप किसी भी मध्यमवर्गीय परिवार में पहुंच जाएं , उसके युवा पुत्र या पुत्री मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों के पैकेज वाली नौकरी कर रहे हैं , कितने की तो विदेशों से ऐसी आवाजाही है मानों भारत घर है और विदेश आंगन। उच्च वर्गीय लोगों …
ब्यूटी पार्लर आरंभ करने जा रही मेरी भांजी ने शायद पंडित या ज्योतिषी को भगवान ही समझ लिया , तभी तो उसने अपनी दुकान खोलने के लिए मुझे एक ऐसा मुहूर्त्त देखने को कहा , जिसमें खोलने पर उसकी दुकान में घाटे का कोई सवाल ही नहीं हो। …
Role of religion in indian society पता नही क्यूं , अंधविश्वासी स्वभाव नहीं होने के बावजूद प्राचीन परंपराएं मुझे बुरी नहीं लगती , धर्म मुझे बुरा नहीं लगता । क्यूंकि मैं मानती हूं कि विदेशी आक्रमणों के दौरान हमारी सभ्यता औ…
ज्योतिष जैसे विषय से मेरे संबंधित होने के कारण मेरे समक्ष परेशान लोगों की भीड लगनी ही है। तब मुझे महसूस होता है कि इस दुनिया में समस्याओं की कमी नहीं , सारे लोग किसी न किसी प्रकार के दुख से परेशान हैं। इसमें वैसे अभिभावकों की…
मनुष्य के शारीरिक मानसिक विकास की चर्चा करने के क्रम में एक 'टीन एजर' बात अवश्य आ जाती है। यह शब्द 13 से 19 वर्ष तक के किशोरों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। शारीरिक विकास के मामले में यह उम्र तो विशेष है ही , मानसिक…
कुछ दिनों से झारखंड में सारे नेता , उनके भाई बंधु और चुनाव के बहाने कुछ कमाई कर लेने वाले लोग विधान सभा चुनाव की गहमा गहमी में जितना व्यस्त थे , बुद्धि जीवी वर्ग उतना ही चिंतन में उलझे थे। झारखंड को समृद्ध समझते हुए बिहार से…
'ज्योतिष' विषय पर लिखे जा रहे मेरे इस ब्लॉग पर ज्योतिष के अलावे भी बहुत सामग्रियां पोस्ट की जा चुकी हैं , जो मिल जुलकर खिचडी हो गयी हैं।चूंकि उस समय मेरा और कोई दूसरा ब्लॉग नहीं था, मेरी मजबूरी थी कि मैने सारे आलेख…
इस पृथ्वी पर मनुष्य का अवतरण भी तो अन्य जीवों की तरह ही हुआ होगा , जहां प्रकृति ने सभी पशु पक्षियों कोसिर्फ अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक दिमाग प्रदान किया है , वहीं मनुष्य को ऐसी विलक्षण मस्तिष्क भेंट की है, …
भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही पिता का विशेष महत्व है। वाल्मीकि(रामायण, अयोध्या काण्ड) में कहा गया है ... न तो धर्मचरणं किंचिदस्ति महत्तरम्। यथा पितरि शुश्रूषा तस्य वा वचनक्रिपा॥ (यानि पिता की सेवा अथवा उनकी आज्…
भिन्न भिन्न वर्षों में भी किसी खास तिथि को जन्मलेने वालों की कुंडली में सूर्य की स्थिति बिल्कुल उसी स्थान पर होती है। इस एकमात्र सूर्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ग्रंथों में जातक के फलाफल के बारे में बहुत कुछ लिखा मि…
आज सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अच्छी पढाई न होने से समाज के मध्यम वर्ग की जीवनशैली पर बहुत ही बुरा असर पड रहा है। चार वर्ष के अपने बच्चे का नामांकण किसी अच्छे विद्यालय में लिखाने के लिए हम परेशान रहते हैं , क्यू…
अपने जन्मदिन पर कुछ शब्द चाहे सुखभरी हों या दुखभरी , बचपन की यादें कभी हमारा पीछा नहीं छोडती। खासकर जब भी कोई विशेष मौका आता है , पुरानी यादें अवश्य ताजी हो जाती हैं। जिस संयुक्त परिवार में मेरा जन्म हुआ, उसमें उस समय दादा ज…
यदि आप अभी मेरी प्रोफाइल खोलकर देखे , तो आपको 'गत्यात्मक ज्योतिष' में कुल 279 पोस्ट दिखाई पडेंगे , पर सही समय या संपादन के अभाव में सारी पोस्टें प्राकशित नहीं की जा सकी है और आज मै इसमें 250वां आलेख ही पोस्ट कर रही…
जब मैं बालपन में थी , रेडियो पर गाने बजते देखकर आश्चर्यित होती थी । फिर कुछ दिनों में इस बात पर ध्यान गया कि रेडियो में लोग अपनी अपनी रूचि के अनुसार गाने सुनते हैं। पहले तो मैं समझती थी कि हमारा रेडियो पुराना है और पडोस के भ…
बीज तो हर दिमाग में होते हैं , पर समय पर ही उनकी देखभाल हो पाती है , अंकुरण हो पाता है , विकास के क्रम में उन्हें हर प्रकार का वातावरण मिल पाता है और वह छोटा सा बीज एक विशाल वृक्ष बन पाता है। आज के सामाजिक राजनीतिक हालत में अन…
'आपलोगों ने सुना या नहीं , कालीचरण लौट गया है' आंगन में आते ही 'खबर कागज' ने समाचार सुनाया। हमेशा की तरह हमलोगों के लिए यह एक सनसनीखेज खबर थी , इसी प्रकार की खबर सुनाने के लिए ही तो हमलोगों ने मुहल्ले के उस व्…
एक लेख में मैंने बताया है कि किस तरह आध्यात्म , धर्म , अंधविश्वास और जादू टोना एक दूसरे से अलग हैं। युग के परिवर्तन के साथ ही साथ धर्म की परिभाषा बदलने लगती है। आज के विकसित समाज में भी परिवार में हर सुख या दुख के मौके की वर्…
दुनिया भर के खासकर भारत में गली गली , मुहल्ले मुहल्ले विचरण करने वाले बाबाओं , तुम अपने शहर में न जाने कितने अपराध करते हो , पर काफी दिनों तक पुलिस की लापरवाही या उनसे मिलीभगत से तुम पकडे नहीं जाते , इस उत्साह से बडी बडी गलत…
जिस तरह जन्म और मृत्यु जीवन का सत्य है , उसी प्रकार आशा और आशंका हमारे मन मस्तिष्क के सत्य हैं। जिस तरह गर्भ में एक नन्हीं सी जान के आते ही नौ महीने हमारे अंदर आशा का संचार होता रहता है , वैसे ही किसी बीमारी या अन्य किसी…
अमृतफल आंवले से भला कौन परिचित न होगा , फिर भी इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी के लिए विकिपीडीया का यह पृष्ठ पढें। एशिया और यूरोप में बड़े पैमाने पर आंवला की खेती होती है. आंवला के फल औषधीय गुणों से युक्त होते हैं, इसलिए इसकी…
अपने ब्लॉग के लिए इतने लंबे लंबे आलेख और 'साहित्य शिल्पी' में लंबी लंबी कहानियां लिखकर प्रकाशित करते हुए मैं अपना जितना समय जाया करती हूं , उससे कम पाठकों का भी नहीं होता , जबकि कुछ ब्लागर एक छोटी सी त्रिवेणी लिखकर…