प्रैक्टिकली ज्योतिष शास्त्र कैसे सीखे - 1

 

Jyotish sikhe in hindi

विषय प्रवेश - मेरे द्वारा पत्र पत्रिकाओं में ज्‍योतिष से संबंधित जितने भी लेख छपे , वो सामान्‍य पाठकों के लिए न होकर ज्‍योतिषियों के लिए थे। यहां तक कि मेरी पुस्‍तक भी उन पाठकों के लिए थी , जो पहले से ज्‍योतिष का ज्ञान रखते थे। यही कारण है कि मैं ब्‍लॉग के पाठकों के लिए जनोपयोगी लेख लिखा करती हूं। इधर कुछ वर्षों से ज्‍योतिष में प्रवेश करने के लिए एक पुस्‍तक की मांग बहुत सारे पाठकों द्वारा की जा रही है , क्‍यूंकि इसके बिना वे मेरी प्रकाशित पुस्‍तक को समझने में समर्थ नहीं हैं।

वैसे तो ज्‍योतिष में प्रवेश करने के लिए बाजार में पुस्‍तकों की कमी नहीं , जिसका रेफरेंस मैं अपने पाठकों को देती आ रही हूं , पर अधिक वैज्ञानिक ढंग से पाठकों को ज्‍योतिष की जानकारी दी जा सके , इसलिए मैं खेल खेल में वैज्ञानिक ढंग से ज्‍योतिष की सामान्य जानकारी देने के लिए यह कोर्स तैयार किया, जिसका पीडीऍफ़ आप सबों के साथ साझा करूंगी! आप सबों का साथ मिले तो दुनिया के जान-जान तक ज्योतिषीय ज्ञान पहुंचाने का मेरा प्रयास अवश्‍य सफल होगा।

Aao jyotish sikhe in hindi

कोई भी कुंडली खोलकर आप जातक के जन्म के वक्त विभिन्न दिशाओ में मौजूद ग्रहों को समझ सकते हैँ!

राशि परिचय - हमारे लिए हमारी यह धरती कितनी भी बडी क्‍यूं न हो , पर इतने बडे ब्रह्मांड में इसकी स्थिति एक विंदू से अधिक नहीं है और इसके चारो ओर फैला है विस्‍तृत आसमान। हमारे ऋषि महर्षियों ने पृथ्‍वी को एक विंदू के रूप में मानते हुए 360 डिग्री में फैले आसमान को 30-30 डिग्री के 12 भागों में बांटा था। इन्‍ही 12 भागों को राशि कहा जाता है , जिनका नामकरण मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्‍या , तुला , वृश्चिक , धनु , मकर , कुंभ और मीन के रूप में किया गया है। यह ज्‍योतिष का एक मुख्‍य आधार है और इन्‍हीं राशियों तथा उनमें अनंत की दूरी तक स्थित ग्रहों के आधार पर ज्‍योतिष के सिद्धांतों की सहायता से भविष्‍यवाणियां की जाती है।

    चिन्तनशील विचारक पाठकों, आपके मन में ज्योतिष से सम्बंधित कोई भी प्रश्न उपस्थित हो , सकारात्मक तार्किक बहस के लिए हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप (jyotish whatsapp group link) में आपका स्वागत है , क्लिक करें !

पर हमेशा से जो ज्‍योतिष विरोधी हैं , वे ज्‍योतिष के इस मुख्‍य आधार को ही गलत सिद्ध करने की चेष्‍टा करते हैं। वे बेतुका तर्क करते हैं कि ज्‍योतिष पृथ्‍वी को अचल मानते हुए अपना अध्‍ययन शुरू करता है , जबकि पृथ्‍वी सूर्य के चारो ओर चक्‍कर लगाती है। विरोधी यह मानने की भूल करते हैं कि फलित ज्‍योतिष का विकास उस वक्‍त हुआ , जब लोगों को यह मालूम था कि पृथ्‍वी स्थिर है और सूर्य तथा अन्‍य तारे उसके चारो ओर चक्‍कर लगाती है।

लग्नकुंडली

हमारे ऋषि मुनियों पर यह इल्‍जाम लगाना बिल्‍कुल गलत है कि उन्‍हे सत्‍य की जानकारी नहीं थी। जब उनके द्वारा विकसित किए गए सिद्धांतों के आधार पर विभिन्‍न ग्रहों और खगोलिय स्थिति का एक एक घटी पल निकालना संभव हो चुका है , तब उनके बारे में कोई पूर्वाग्रह पालना उचित नहीं।

Kaise Jyotish sikhe in Hindi

सापेक्षिक गति की अवधारणा - इस विषय पर मेरे अपने कुछ तर्क हैं। हमारी अपनी नजर या दृष्टि हमारे शरीर को स्थिर मानकर ही आसपास की परिस्थितियों या दृश्‍यों का अवलोकण करती है, चाहे हमारा शरीर गतिशील ही क्‍यूं न हो। हम सडक पर किसी के साथ चल रहे हों और उसकी गति अधिक हो जाए तो हम अपने को पीछे मानने लगते हैं , यह जानते हुए कि हम पीछे नहीं हैं, अपने घर से काफी आगे बढ चुके हैं। विपरीत स्थिति में हम उसे पीछे मानेंगे , इसका अर्थ यह है कि हम अपने शरीर को स्थिर मानते हुए ही आसपास का जायजा लेते हैं। इसलिए तो भौतिक विज्ञान में भी सापेक्षिक गति की अवधारणा है।

किसी भी वस्‍तु की सापेक्षिक गति हमारी इसी सोंच का परिणाम है। इसी प्रकार हम गाडी में बैठे हों तो न सिर्फ पेड पौधों को गतिशील देख आश्‍चर्यित होते हैं , वरन् यह भी कह बैते हैं कि ‘अमुक शहर , अमुक गांव या अमुक मुहल्‍ला आ गया’, जबकि वो शहर , गांव या मुहल्‍लावहां पहले से होता है। इसी नियम के तहत् जब हमें ब्रह्मांड और आकाश में बिखरे अगणित तारों का अध्‍ययन करना होता है , तो हम पृथ्‍वी को स्थिर और आसमान के सभी राशियों और ग्रहों तारों को गतिशील मान लेते हैं , जो अज्ञानता नहीं मानी जा सकती है।



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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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