चार छह दिनों के ट्रिप के बाद कल ही बोकारो लौटना हुआ, झारखंड और बिहार में तो इस वर्ष बारिश बहुत ही कम हुई है , पर देश के बाकी हिस्सों में बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त सा लगा । हर स्थान पर रुक-रुक कर कभी तेज तो कभी हल्की बारिश होने से कई इलाकों में सड़कों पर पानी जमा हो गया है। अखबारों में चर्चा है कि पहाडी स्थानों पर भी मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहा और बारिश ने पिछले 15 साल का रिकॉर्ड तो़ड दिया। यही नहीं , पहाड़ी क्षेत्र की मूसलाधार बरसात ने मैदानी इलाके में खतरा उत्पन्न कर दिया है। नदी को खतरे के निशान की ओर बढ़ता देख नजदीकी आबादी में डर गहराने लगा है। लगातार हो रही बारिश से सब्जियों की आवक में कमी ने गृहिणियों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
इस बारिश की वजह से सबसे अधिक चिंता में हमारी सरकार है , दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं और आयोजन समिति यह भी प्रार्थना कर रही है कि बरसात कहीं रंग में भंग में डाल दे. मौसम विभाग का मानना है कि अक्तूबर महीने में बारिश बिलकुल भी नहीं होगी ऐसा तो पक्के तौर पर कहा ही नहीं जा सकता. पिछले 110 सालों में मौसम का अध्ययन कर भारतीय मौसम विभाग ने कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान बारिश होने की संभावना 15 से 20 प्रतिशत जताई है. मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 40 सालों का आंकड़ा दिखाता है कि बारिश होने की संभावना उदघाटन समारोह के दिन ज्यादा है.
मौसम के बारे में भविष्यवाणी करते हुए 29 मार्च को पोस्ट किए गए अपने आलेख में मैने लिखा था कि 24 जून तक लगातार बढते हुए क्रम में नहीं , वरन् कमोबेश होती हुई गर्मी बनी रहनी चाहिए , पर उसके तुरंत बाद शुभ ग्रहों का प्रभाव आरंभ होगा , जिसके कारण बादल बनने और बारिश होने की शुरूआत हो सकती है , यदि नहीं तो कम से कम मौसम खुशनुमा बना रह सकता है। इस वर्ष यानि 2010 में मौसम की सबसे अधिक बारिश 4 अगस्त के आसपास से शुरू होकर 19 सितम्बर के आसपास तक होगी। ठीक अगस्त के पहले सप्ताह से ही ऐसी बारिश्ा शुरू हुई है कि आम जन जीवन अस्त व्यस्त ही बना हुआ है।
पर अब 19 सितंबर बहुत निकट है और इस हिसाब से तेज बारिश का मौसम यहीं समाप्त हो जाना चाहिए। वैसे 16 सितंबर को एक खास ग्रहयोग एक दो दिनों तक यत्र तत्र बहुत तेज बारिश और आंधी तूफान तक का दृश्य उपस्थित कर सकती है , लेकिन इसके बाद लगातार होनेवाली बारिश बादलों को समाप्त करनेवाली है और अब बारिश खात्मे की ओर है। यदि थोडी देर भी हुई तो यह अधिकतम 24 सितंबर तक दिखाई दे सकती है। इसलिए कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसी मुसीबतभरी बारिश की कोई संभावना नहीं दिखती। पर अक्तूबर के पहले सप्ताह तक हस्त नक्षत्र में सूर्य होने तक बारिश बिल्कुल नहीं होगी , ऐसा नहीं माना जा सकता। यत्र तत्र तो बारिश होगी ही , खासकर 3 अक्तूबर को खेल के उद्घाटन के दिन ही थोडी बहुत बारिश की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। पर 'गत्यात्मक ज्योतिष' के हिसाब से बारिश से भयानक तबाही वाली कोई बात अब नजर नहीं आएगी।