ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति
मैंने ज्योतिष ब्लॉग लिखना शुरू किया ताकि मैं दुनिया को इस बात की जानकारी दे सकूँ कि ज्योतिष के क्षेत्र में नया वैज्ञानिक शोध हो चूका है, जिससे भविष्य की सटीक जानकारी दी जा सकती है। अधिकाँश ज्योतिष प्रेमियों के मन में यही होता है कि किसी ज्योतिषी के लिए जन्मकुंडली ही भविष्यफल बताने के लिए पर्याप्त है। उस जन्मकुंडली के लग्न, राशि, १२ खानो और उसमे स्थित ग्रहों को देखकर ज्योतिषी किसी भी प्रश्न का जवाब दे सकता है।
यह भ्रम हम ज्योतिषियों का ही पैदा किया हुआ ही है, क्योंकि महान बनने के क्रम में हम कुछ भूलें करते जाते हैं। पूजा, पाठ और रत्न धारण के लिए पैसे कमाने के चक्कर में अपने पास आये हर क्लाइंट्स में भय को जन्म देने के लिए उसकी जन्मकुंडली में दृष्टि डालते ही ऋणात्मक चर्चा शुरू कर देते हैं। क्लाइंट को महसूस होता है कि जन्मकुंडली में दृष्टि डालते साथ ज्योतिषियों को सबकुछ पता चल जाता होगा।
यदि परंपरागत ज्योतिष के हिसाब से किसी जन्मकुंडली को समझना हो तो जीनपर्यन्त दिखाई देनेवाले कुछ मामलों के बारे में कुछ जानकारी दी भी जा सकती है, क्योंकि वहां ग्रहों की शक्ति का निर्णय ग्रहों की स्थिति, दृष्टि आदि पर ही निर्भर करती है, जो जन्मपत्री में स्पष्ट दिखाई देता है । पर किसी भी ग्रह के कारण किसी भी भाव की गड़बड़ी कब आएगी, इसे समझने के लिए दशा-महादशा की गणना तो करनी ही होती है। बिना दशा महादशा के आप समय के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते।
गयात्मक ज्योतिष की जो जन्मकुंडली बनती है, उसमे पहले पन्ने में ही जन्मकुंडली के साथ सभी ग्रहों की गत्यात्मक, स्थैतिक, धनात्मक और ऋणात्मक शक्ति की चर्चा होती है। उन शक्तियों के आधार पर ही पुरे जीवन के लिए गत्यात्मक ग्राफ्स खींचे जाते हैं, जिनमे विभिन्न भावों के गुण दोषों की चर्चा की जाती है। ग्रहों की इन शक्तियों को देखे बिना गत्यात्मक ज्योतिष भविष्य के बारे में कुछ भी फल निकालने में असमर्थ होता है। गत्यात्मक ज्योतिष जन्मकुंडली का पहला पन्ना इस प्रकार का होता है __
इस कुंडली में चन्द्रमा को औसत गत्यात्मक शक्ति प्राप्त हुई है, पर स्थैतिक शक्ति 91% है। अभी तक हमारे लेखों को पढ़कर आप समझ गए होंगे कि गत्यात्मक शक्ति सहजता देता है, जबकि स्थैतिक शक्ति पहचान। इस जन्मकुंडली के जातक को दशम भाव का स्वामी चन्द्रमा पिता, करियर या प्रतिष्ठा के मामलों में सुख से अधिक स्तर या पहचान देनेवाला और व्यव भाव में ऋणात्मक होने के कारण खर्च का दायित्व भी देनेवाला है। यदि हम आगे बुध की दोनों शक्ति को देखें तो ये बिलकुल सामान्य हैं , इसलिए इसके भाग्य और खर्च के मामले सामान्य होंगे, बुध सकारात्मक शक्ति संपन्न है, इसलिए इन मामलों में अधिक तनाव की वजह नहीं दिखती । मंगल की गत्यात्मक शक्ति कमजोर जबकि स्थैतिक शक्ति सामान्य है, इसलिए धन और परिवार के मामले भी जीवन में कमजोरी रहेगी, इन मामलों में पहचान सामान्य तौर की होगी।
शुक्र की गत्यात्मक और स्थैतिक स्थिति के हिसाब से स्वास्थय और जीवनशैली तथा सूर्य की गत्यात्मक शक्ति के हिसाब से लाभ के मामलों में सहजता और पहचान औसत से अच्छी दिखाई दे रही है। जातक के बृहस्पति को चन्द्रमा की तरह ही गत्यात्मक रूप से औसत लेकिन स्थैतिक रूप में ९०% की शक्ति प्राप्त हो रही है, इसलिए भाई-बंधू और प्रभाव के मामलों में जातक बहुत ही पहचान वाला बना रहेगा। पुनः शनि गत्यात्मक तौर पर कमजोर रहेगा, इस कारण संतान पक्ष और स्थायित्व को लेकर तनाव की बात होगी। इस जातक का जीवन सुख के ख्याल से कमजोर और महत्वाकांक्षा के ख्याल से मजबूत रहेगा। जातक के पुरे जीवन का ग्राफ और गत्यात्मक जन्मकुंडली इसी गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति से बनायीं जाती है।