tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post2759130191955696186..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: जय हनुमान ज्ञान गुण सागर संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-33481303675903202772010-08-12T21:58:46.365+05:302010-08-12T21:58:46.365+05:30jai bajrangbali........jai bajrangbali........योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-45522751059284432832010-08-12T16:09:55.348+05:302010-08-12T16:09:55.348+05:30पूजा को भी,चाहे वह किसी तरीके से की गई हो,एक शुरुआ...पूजा को भी,चाहे वह किसी तरीके से की गई हो,एक शुरुआत मात्र समझना चाहिए। असली बात तो ध्यान में है जिसे वही जानता है जिसने उसका स्वाद चखा हो।कुमार राधारमणhttp://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-44906074812575146052010-08-11T11:25:18.060+05:302010-08-11T11:25:18.060+05:30मन चंगा तो कठौती में गंगा | दिखावे से होए पंगा | म...मन चंगा तो कठौती में गंगा | दिखावे से होए पंगा | मेरा भी यही मानना हैशंकर फुलाराhttp://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-64276625796578077362010-08-11T09:34:06.648+05:302010-08-11T09:34:06.648+05:30आपकी यह बात बिलकुल सही है कि कर्मकांडों से नहीं मन...आपकी यह बात बिलकुल सही है कि कर्मकांडों से नहीं मन कि आस्था से ही सब संभव होता है ...मैं भी यही करती हूँ ...हर इंसान में अपनी शक्ति होती है बस उसे पहचानना होता है ..संगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-58025724466249861402010-08-11T08:10:49.875+05:302010-08-11T08:10:49.875+05:30हनुमान चालीसा मैं भी रोज़ पढती हूं।हनुमान चालीसा मैं भी रोज़ पढती हूं।हास्यफुहारhttp://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-30965977860274070782010-08-11T07:17:07.825+05:302010-08-11T07:17:07.825+05:30यही कारण है कि जीवन में हर मौके पर हमलोग समाज और प...यही कारण है कि जीवन में हर मौके पर हमलोग समाज और पंडितों के हिसाब से नहीं , अपनी मानसिकता के अनुसार काम करते रहें।<br><br><br>-ये आपने बिल्कुल सही कहा.Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com