tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post3493725798581523352..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: महिलाएं अपने को कमजोर न समझें !!संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-40164300633847765682013-05-15T22:36:04.947+05:302013-05-15T22:36:04.947+05:30bahut badhiya...bahut badhiya...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-31890969114700850702010-01-04T20:42:11.578+05:302010-01-04T20:42:11.578+05:30स्वतंत्रता और स्वछंदता में सीमा रेखा होनी जरूरी है...स्वतंत्रता और स्वछंदता में सीमा रेखा होनी जरूरी है.<br>विज्ञान भी मानता है की शारीरिक रूप से स्त्री की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता एक उम्र तक पुरुष से ज्यादा रहती है . ये सारा भेदभाव हार्मोन का है . सही तो यही होगा की भेदभाव की जगह सबको अपना उचित स्थान मिले .<br>नव वर्ष शुभम .डॉ महेश सिन्हाhttp://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-70265798291296136312010-01-03T10:35:50.560+05:302010-01-03T10:35:50.560+05:30तब तो "अबला" शब्द के अर्थ ही बदल जायेंगे...तब तो "अबला" शब्द के अर्थ ही बदल जायेंगे।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंकhttp://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-74871089133712218442010-01-03T07:23:25.232+05:302010-01-03T07:23:25.232+05:30बहुत अच्छी रचना। बधाई।बहुत अच्छी रचना। बधाई।हास्यफुहारhttp://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-72744658160887131272010-01-03T01:31:10.697+05:302010-01-03T01:31:10.697+05:30अच्छा लिखा है आपने .................नव वर्ष की ढेर...अच्छा लिखा है आपने .................<br><br>नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनायेंAAKASH RAJhttp://www.blogger.com/profile/16694611264692471439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-30879101694457025922010-01-02T21:15:17.945+05:302010-01-02T21:15:17.945+05:30आपके विचारो से सहमत हूँ .....आपके विचारो से सहमत हूँ .....महेन्द्र मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-23550940458169296772010-01-02T20:49:41.844+05:302010-01-02T20:49:41.844+05:30सादर वन्दे!हर युग में सशक्त रही नारी आज भी उतनी ही...सादर वन्दे!<br>हर युग में सशक्त रही नारी आज भी उतनी ही सशक्त है, इसमे कोई शक नहीं है, और उसका सबसे सशक्त रूप माँ का रूप है, जिसका ओहदा भगवान से भी ऊँचा है. इसलिए इसे जननी कहा जाता है. वह न कभी कमजोर थी न है और (जब तक हमारे वास्तविक भारतीय जीवन मूल्य जीवित हैं) न हीं होगी. <br>रत्नेश त्रिपाठीaaryahttp://www.blogger.com/profile/08420022724928147307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-76358022191489255932010-01-02T20:43:25.961+05:302010-01-02T20:43:25.961+05:30bahut acchcha likha haen aap nebahut acchcha likha haen aap neरचनाhttp://www.blogger.com/profile/09795080624079458936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-20097443940140567042010-01-02T20:05:17.028+05:302010-01-02T20:05:17.028+05:30शारीरिक तौर पर पुरूषों से काफी कमजोर होते हुए भी म...शारीरिक तौर पर पुरूषों से काफी कमजोर होते हुए भी महिलाएं मानसिक तौर पर बहुत ही सशक्त है। <br>मैं आपकी बात से बिलकुल इत्तेफाक़ नहीं रखता। बछेन्द्री पाल को तो आप जानती ही होंगा। वही जो सबसे पहली महिला थीं जो एवरेस्ट पर चढ़ गई थी। फिर भी आप कहती हैं शारीरिक रूप से महिलाएं कमज़ोर होती हैं। हर क्षेत्र में वो बराबर हैं, और मां के रूप में तो पुरुषों से काफी-काफी ऊपर हैं। नौ महीने गर्भ में रखकर उन्हें जन्म देती हैं और फिर भी उन्हें प्रताड़ना .. क्यों। आपका यह आलेख काफी अच्छा और समयोचित है। आपके इस मुहिम का न सिर्फ स्वागत करता हूं, बल्कि हर क़दम आपके साथ हूं।<br>आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com