भूत को कैसे देखे एक गांव में दो गरीब पति पत्नी रहा करते थे , किसी तरह दो जून का रूखा सूखा खाना जुटा पाते। पर्व त्यौहारों में भी पकवान बना पाना मुश्किल होता। अगल बगल के घरों से कभी कुछ मिल जाता तो खाकर संतोष कर लेते थे। पर …
आसमान में मंगल की खास स्थिति के कारण कई दिनों से चल रही आलेखों के कई और आयाम बाकी ही रह गए हैं। खास 12 - 13 अक्तूबर 2009 से चल रही इस खास ग्रह स्थिति के कारण युवा वर्ग के सम्मुख नई नई चुनौतियां , नए नए कार्यक्रम और नई नई संभा…
किसी गांव में तीन मित्र साथ साथ रहते थे, खुद ही खाना बनाते और मिलजुलकर खाते थे। बहुत दिनों से रूखा सूखा खाना खाकर वे तीनो उब चुके थे , इसलिए एक बार तीनों को कुछ बढिया खाने की इच्छा हुई। उन्होने सारी सामग्री इकट्ठा की और मिलकर…
कीडो मकोडो से मुझे जितना भय है , कीडे मकोडे हमें उतना ही परेशान करते हैं। बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 4 के जिस क्वार्टर में हमें पहली बार ठीक बरसात में रहने की शुरूआत करनी पडी , वहां कीडे मकोडो के नई नई प्रजातियों को देखने क…
ग्रहों के क्रिकेट मैच पर पडनेवाले प्रभाव को दिखाने के लिए मैं कई दिनों से मैच के एक दिन पहले ही ग्रहीय आधार पर मैच का विश्लेषण करती आ रही हूं। कुछ लोगों के लिए ज्योतिष तो मजाक का विषय है ही , मेरे पोस्ट पर प्रकाश गोविंद जी क…
गल्ती करना मानव का स्वभाव है कभी न कभी हर किसी से गल्ती हो ही जाती है। यदि गल्ती का फल स्वयं को भुगतना पडे , तो कोई बात नहीं होती , पर आपकी गल्ती से किसी और को धन या मान की हानि हो रही हो, तो ऐसे समय नि:संकोच हमें क्षमा म…
जब आप अपने घर का ताला लगाकर कहीं बाहर जाते हैं , थोडी ही देर में आपको इस बात का संशय होता है कि आपने दरवाजे का ताला अच्छी तरह बंद नहीं किया है। थोडी दूर जाने के बाद भी आप इस बात के प्रति आश्वस्त होने के लिए घर लौटते हैं और ज…
चार वर्ष पहले जब हिन्दी ब्लाग जगत में गिने चुने लोग ही थे , उस समय यहां मैं कैसे हो सकती थी। सचमुच आप सभी पाठकों को यह जानकर ताज्जुब होगा , पर यह बिल्कुल सत्य है कि हिन्दी ब्लाग जगत में मैने ब्लाग स्पाट पर अपनी पहली प्…
भूत प्रेत की कहानी संभवत: यह घटना 1981 के आस पास की है। कलकत्ते में रहनेवाले हमारे एक दूर के रिश्तेदार पहली बार हमारे गांव के अपने एक नजदीकी रिश्तेदार के घर पर आए। पर वहां उनका मन नहीं लगता था , रिश्तेदार अपने व्यवसाय …