एक अच्‍छी खबर

काफी दिनों से ब्‍लॉग लेखन में अनियिमितता बनी हुई है , कई तरह के पूर्वानुमान मन में ही रह जाते हैं , जिसके कारण पाठक जानकारी से वं‍चित रह रहे हैं। पहले मैं मौसम के क्षेत्र की भवष्यिवाणियां हमेशा किया करती थी , जिससे आम जन को मौस…

तभी तो धूम होती है ... मेहंदी लगाके रखना !!

मेहंदी लिथेसिई कुल का काँटेदार आठ दस फुट तक ऊंचा झाडीनुमा पौधा होता है , जिसका वैज्ञानिक नाम लॉसोनिया इनर्मिस है। इसे त्वचा, बाल, नाखून, चमड़ा और ऊन रंगने के काम में प्रयोग किया जाता है। जंगली रूप से यह ताल तलैयों के किनारे उगता …

इतने दिनो बाद भी दिलों के मध्‍य फासला न बना ..यही क्‍या कम है ??

हमने तो बहुत दिनों तक अपने हाथो से भाइयों को राखी बांधी , आजकल की बहनें तो शुरू से ही पोस्‍ट से राखी भेजने या ग्रीटींग्स कार्ड के द्वारा राखी मनाने को मजबूर हैं, भाई साथ रहते ही कितने दिन हैं ??  बहनों के लिए वो दिन तो अब लौट न…

अखबार में नाम ..... बधाई तो बनती ही है !!!!!!

अखबार में अपना भी नाम आए , इसकी इच्‍छा भला किसे न होगी ?? जनसामान्‍य की इस मानसिकता को लेखक यशपाल जी ने अच्‍छे से समझा था और एक सफल कहानी 'अखबार में नाम' लिख डाला था। इस कहानी के नायक गुरदास को बचपन से ही अखबार में अपन…

अपने हिस्‍से का सुख (कहानी) .... संगीता पुरी

hamari kahani मात्र एक खबर से पूरे घर में सन्‍नाटा पसर गया था। सुबह एक्‍सीडेंट के बाद से ही सबके कान समय समय पर फोन पर होनेवाले बातचीत में ही लगे थे , इसलिए फोन रखते हुए 'मामाजी नहीं रहें' कहनेवाले पुलकित के धीमे से स…

पोस्‍ट के माध्‍यम से ही लोगों को जबाब देने का सिलसिला शुरू .....

परसों मेरी लेख पढने के बाद एक ब्‍लॉगर भाई का ईपत्र मिला ...... कल फिर आपकी एक अच्छी पोस्ट पढने को मिली। उसी के साथ करीब साल भर पहले की एक कसक भी उभर आई, जब बहुत ही ज्यादा परेशानी में बड़ी आशा से आप का मार्ग-दर्शन चाहा था पर …

बचपन में मैं ऐसी ही कुंडलियां बनाती होऊंगी ......

अपने द्वारा बनायी गयी 27 वर्ष पहले की जन्‍मकुंडली मिलने के बाद मैं ज्‍योतिष के क्षेत्र में अपने अनुभव को लेकर काफी खुश थी और इंतजार कर रही थी कि पापाजी कब दिल्‍ली पहुंचे और मैं उनसे इस संबंध में बात कर सकूं। जैसे ही उनके दिल्‍ली…

ज्‍योतिष का अनुभव

अपरिचित लोगों के फोन का आना मेरे लिए बिल्‍कुल सामान्‍य बात है । परसों रांची से एक सज्‍जन ने मेरे मोबाइल पर फोन किया। उन्‍होने नाम बताया , पर नाम नहीं बता सकती मैं। उन्‍होने परिचय देते हुए बताया कि 27 वर्ष पूर्व वे मेरे पिताजी …

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