पृथ्वी की निरंतर गतिशीलता के कारण प्रत्येक दो घंटे में विभिन्न लग्नों का उदय है। इसकी दैनिक गति के कारण दिन और रात का अस्तित्व है, वार्षिक गति के कारण इसके ऋतु परिवर्तन का चक्र। गति के कारण ही चंद्रमा का बढता घटता स्वरूप…
अभी तक एक स्वर से गणित ज्योतिष को विज्ञान स्वीकार किए जाने के बावजूद इसी पर आधारित फलित पक्ष पर हमेशा वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वालों के द्वारा सवालिया निशान लगाया जाता रहा है। 'गत्यात्मक ज्योतिष' ने इसे चुनौतीपूर्…
मेरे ब्लॉग में और फेसबुक में अनेक बार जीवन ग्राफ शब्द की चर्चा हुई है .. शायद ही लोग जानते होंगे कि 'गत्यात्मक ज्योतिष' के सूत्रों के आधार पर किसी के जन्मकालीन ग्रहों को देखकर किसी के पूरे के उतार चढाव का लेखा चित्…
जिस तरह पृथ्वी में सुंदर दृश्यों की कमी नहीं , वैसे ही पूरे ब्रह्मांड में भी बनते रहते हैं। हमारा ब्रह्मांड करोड़ों निहारिकाओं के समूह से भरा हुआ है। आसमान में अक्सर इनकी विभिन्न गतियों के कारण सुंदर दृश्य बनते हैं। कभी कभी…