गुण मिलान टेबल पीडीऍफ़ डाउनलोड
(ONLINE JYOTISH MARRIAGE MATCHING)
हिन्दू परिवारों में माना जाता है कि ग्रहो और खगोलीय पिंड का हमारे जीवन पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ता है, इसलिए वर-वधू के भाग्य की अनुकूलता को देखने के लिए विवाह के पूर्व कुंडली मिलान (MATCH MAKING KUNDALI IN HINDI) आवश्यक माना जाता है , ताकि विवाह के बाद जोड़े का दांपत्य जीवन कुशल-मंगल से कट सके। इस विषय पर पूर्व में भी मेरा एक लेख 'क्या कुंडली मिलाना आवश्यक है ?(KUNDALI MILAN IN MARRIAGE)' विद्वान् पाठकों के मध्य काफी लोकप्रिय हो चुका है।
हिन्दू पंडितों के अनुसार विवाह की प्रक्रिया के शुरुआत में ही अष्टकूट चक्र से वर-वधु की कुंडली मिलाने की परम्परा रही है। दोनों की कुंडली मिलाते वक्त जन्मकुंडली में वर्ण, वश्य , तारा, योनी ,ग्रह मैत्री, गण, भकूट, नाड़ी आदि से मिले स्कोर का कम से कम 18 गुणों का मिलना आवश्यक माना जाता है , अधिक से अधिक गुण मिले तो बहुत अच्छा। इसके लिए एक गुण मिलान टेबल (गुण मिलान सारणी ) का सहारा लिया जाता है।
गुण मिलान टेबल PDF
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GUN MILAN FOR MARRIAGE
ज्योतिष के सभी सॉफ्टवेयर कुंडली मिलान की सुविधा ऑनलाइन देते हैं, इसमें कोई गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती है। ज्योतिष को नहीं जानने वाले भी इस सॉफ्टवेयर का उपयोग आराम से कर सकते हैं। लेकिन गत्यात्मक ज्योतिष के अनुसार कुंडली मिलान का कार्य इतना भी आसान नहीं है कि आप सिर्फ इस गुण मिलान सारणी से देखकर समझ जाएँ। जब वर-वधु को प्रभावित करने में सभी ग्रहों की भूमिका होती है, तो उनके बीच के समझ को समझने के लिए सिर्फ चन्द्रमा के नक्षत्र और मंगल की स्थिति ही कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं ?
वर वधू गुण मेलापक सारणी
(VAR VADHU GUN MILAN SARNI/CHART)
पंडितों द्वारा कुंडली मिलाने में मंगल दोष की जाँच भी अलग से की जाती है। यदि दोनों कुंडलियों में मंगल संतुलित है, तो माना जाता है कि दंपत्ति को वैवाहिक सुख प्राप्त होंगे। मंगल के दोष को 'गत्यात्मक ज्योतिष' इसलिए अधिक प्रभावी नहीं मानता , क्योंकि 12 राशि में से 5 राशि में मंगल होने से लोग मांगलिक हो जाते हैं, इस दृष्टि से कुल जनसँख्या के 5 /12 यानि 44% लोग मांगलिक होते हैं। मांगलिक होना बहुत बड़ी बात नहीं, गत्यात्मक दृष्टि से मंगल कमजोर हो तो विवाह में देर अवश्य होती है, यदि खास ग्रहस्थिति के कारण शादी जल्द हुई तो वह भी मुसीबत का कारण बनती है।
KUNDALI MILAN BY NAME AND DATE OF BIRTH
जन्मदिन से कुंडली मिलान, नाम से कुंडली मिलान
आजतक समाज में ज्योतिष शास्त्र को लेकर बहुत ही भ्रम की स्थिति बनी हुई है, पढ़े-लिखे समझदार अभिभावकों को भी समझ में नहीं आता कि वे करें क्या ? कुछ वर्षों से गत्यात्मक ज्योतिष के रिसर्च वाले तर्कपूर्ण आलेख समाज से भ्रम दूर करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। एक लेख में मैंने स्पष्ट किया था कि जन्मकुंडली के ग्रह लव मैरिज होने के संकेत देते हैं या नहीं ?
गत्यात्मक दृष्टि से यह तो तय है कि तालमेल रखनेवाले प्रेमी-प्रेमिका की शादी से पहले गुण मिलान सारणी(GUN MILAN SARNI) से कुंडली मिलाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, दोनों के मध्य निश्छल प्रेम होने के बावजूद बहुत सारे अभिभावक और पंडित उनकी शादी न किये जाने के पक्ष में फैसला करते हैं। हालाँकि जहाँ समस्याएँ आती हैं, वहीँ समाधान भी होता है। गुण नहीं मिलने की स्थिति में पंडित कुछ ज्योतिषीय उपाय की व्यवस्था करवाते हैं।
KUNDALI MILAN BY NAME (नामांक मिलान)
जन्म तिथि न होने की स्थिति में दोनों के नाम से भी मिलान किया जाता है। पंडितों का मानना है कि नाम के पहले अक्षर का महत्व बहुत अधिक होता है। इसलिए शादी से पहले वर-वधु नाम में बदलाव लाकर भी इस समस्या को सुलझा सकते हैं। प्रचलित नाम के उपयोग से या जन्मतिथि के उपयोग से सिर्फ कुंडली मिलान हो सकता है , पंडित मानते हैं कि दोनों के नाम का प्रभाव जीवन पर कुछ जरूर पड़ता है। पर 'गत्यात्मक ज्योतिष' इससे भी इत्तेफाक नहीं रखता कि नाम को बदलकर ही आपस में शादी की जाये।
गाँवों में जब किसी के घर बच्चा पैदा होता था तो पंडित को बुलाकर उनकी सलाह से बच्चे का नामकरण किया जाता था । पंडित जन्म के समय के अनुसार चन्द्रमा के नक्षत्र के आधार पर नाम का पहला अक्षर बताते थे, जिससे बच्चे को नाम रखा जाता था, लेकिन आजकल कुंडली का नाम प्रचलित नाम नहीं होता, अभिभावक बिना किसी ज्योतिषी गणना के बच्चे के जन्म से पहले हीं या बाद में नाम रख लेते हैं। इसलिए इस नाम से कुंडली मिलान हमें तर्कसम्मत नहीं लगता ।
ज्योतिष में हुए नए रिसर्च, गत्यात्मक ज्योतिष के बारे में अधिक जानने के लिए ये लेख अवश्य पढ़ें ------
MATCH MAKING KUNDALI FREE
आपसी समायोजन की कमी के भाव और तलाक के बढ़ते मामलों ने आज इतना डर पैदा किया है कि जिन परिवारों में कुंडली नहीं मिलाई जाती थी, वे भी अब मिलाकर शादी करना चाहते हैं। 21वीं सदी आ गयी है और चतुर्दिक विज्ञान का प्रभाव है। घर-घर में कम्प्यूटर और इंटरनेट के बाद मंगला-मंगली और कुंडली मेलापक की सुविधा घर-बैठे मिल जाने से कुंडली मिलान समाधान न होकर और बड़ी समस्या बन गयी है। क्योंकि किन्ही भी दो बायोडाटा को डालकर उनका मैच देखना काफी आसान हो गया है , पर इसके चक्कर में अच्छे-अच्छे रिश्ते हाथ से निकलते देखे जाते हैं ।
तार्किक बात की जाये तो मैं तो यही कहूंगी कि अपने परिवार, मित्र और रिश्तेदार के विवाहित जोड़ो की बायोडाटा लें, जिनकी बिना कुंडली मिलाए शादी हुई है और जिनकी काफी अच्छी निभ रही है या जिनकी कुंडली मिलाकर शादी हुई है और जिनकी नहीं निभ रही है , उन बायोडाटा को सॉफ्टवेयर में डालकर चेक करें। कम्प्यूटर और उसमें डाले गए इस प्रोग्राम की पोल खोली जा सकती है। हमने तो यही समझा है, चेक करने के बाद आप भी पाएंगे कि वैवाहिक सुख कुछ तो भाग्य से आता है, कुछ आपसी समझ से आता है।
अगर कुंडली न मिले तो क्या करें ?
(AGAR KUNDALI NA MILE TO KYA KAREN)
एक ज्योतिषी होने के नाते मेरा कर्तब्य है कि मै अभिभावकों को उचित राय दूं। मेरा उनसे अनुरोध हे कि वे पुरानी मान्यताओं पर ध्यान दिए बिना , कुंडली मेलापक की चर्चा किए बिना , अपने बच्चों का विवाह उपयुक्त पार्टनर ढूंढ़कर करें । बिना गुण मिलाये भी शादी हो सकती है। किसी मंगला और मंगली की शादी भी सामान्य वर या कन्या से निश्चिंत होकर की जा सकती है, मन में भ्रम न पालें।जिनकी कुंडली में वैवाहिक सुख है, वह मिलेगा ही. कुंडली को देखकर जब सभी भावों के बारे में सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है, तो किसी के वैवाहिक जीवन के बारे में भी बताया जा सकता है कि उनके जीवन में सुख है या नहीं ?
निष्कर्ष यही है कि यदि दोनों युवक युवती या दोनों परिवार एक दूसरे को अच्छे से जानते हों , सच्चा प्यार करते हों तो कुंडली न मिलने की स्थिति में विवाह से मुँह न मोड़ें। मतलब यह है कि दोनों पक्षों को सबकुछ पसंद है, दोनों पक्ष पूर्ण रूप से संतुष्ट है तो बेहतर हो कुंडली मिलाने को प्रोसेस ही छोड़ दिया जाये। हमारे यहाँ कहा ही गया है, अनजान सदा कल्याण ! जन्म-कुंडली नहीं मिलने पर भी शादी के बाद आपसी सहयोग के द्वारा आप अपने जीवन को सुखद बना सकते हैं। कोई समस्या आये तो एक दूसरे पर इल्जाम न लगाकर मिलकर समस्या से जुझा और उसका हल किया जा सकता है, मन को हमेशा मजबूत बनाये रखें।
अनजान परिवार, अनजान लड़के से रिश्ता करने जा रहे हों तो कुंडली से बहुत कुछ समझने, कुंडली मिलाने की बात हो सकती है, पर इसके लिए जानकार विद्वान् ज्योतिषी से संपर्क किया जाना चाहिए। हमलोग सिर्फ चन्द्रमा और मंगल को ही नहीं , वैवाहिक सुख के लिए सभी ग्रहों , खासकर सातवे भाव को देखकर निर्णय लेते हैं। इस कार्य में हमारे केंद्र के 'गत्यात्मक ज्योतिष विशेषज्ञ' आपकी मदद कर सकते हैं। हमारे एप्प को डाउनलोड करें और हमसे 8292466723 पर संपर्क करें।
अमेज़ॉन के किंडल में गुरूवर विद्या सागर महथा जी की फलित ज्योतिष : कितना सच कितना झूठ को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें !
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