Ascendant meaning in astrology in Hindi
ज्योतिष शास्त्र में लग्न-राशि को जातक के व्यक्तित्व के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह कुंडली का प्रथम भाव होता है , जिससे जातक के शरीर, व्यक्तित्व , आत्मविश्वास आदि का पता चलता है। इस राशि का स्वामी लग्नेश और इस भाव में मौजूद ग्रहों की शक्ति से ही किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आकलन किया जा सकता है। किसी भी कुंडली में लग्न की स्थिति सबसे ऊपर होती है। यदि लग्न में ही चंद्र की स्थिति हो तो जातक की एक ही लग्नकुंडली और चंद्रकुंडली होती है।
चूँकि सूर्य 15 अप्रैल से 15 मई के मध्य सबसे पहली राशि मेष में होता है , इसलिए इस दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न मेष होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद वृष लग्न, चार घंटे बाद मिथुन , छह घंटे बाद कर्क , आठ घंटे बाद सिंह - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है। 15 मई से 15 जून के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न वृष होता है , लग्न में सूर्य होता है , अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद मिथुन लग्न, चार घंटे बाद कर्क , छह घंटे बाद सिंह , आठ घंटे बाद कन्या - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है।
15 जून से 15 जुलाई के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न मिथुन होता है , लग्न में सूर्य होता है , अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद कर्क लग्न, चार घंटे बाद सिंह , छह घंटे बाद कन्या , आठ घंटे बाद तुला - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है। 15 जुलाई से 15 अगस्त के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न कर्क होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद सिंह लग्न, चार घंटे बाद कन्या , छह घंटे बाद तुला , आठ घंटे बाद वृश्चिक - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है।
Ascendent in Hindi Astrology
15 अगस्त से 15 सितम्बर के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न सिंह होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद कन्या लग्न, चार घंटे बाद तुला , छह घंटे बाद वृश्चिक, आठ घंटे बाद धनु - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है। 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न कन्या होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद तुला लग्न, चार घंटे बाद वृश्चिक , छह घंटे बाद धनु , आठ घंटे बाद मकर - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है।
- मेष लग्न की कुंडली
- वृष लग्न की कुंडली
- मिथुन लग्न की कुंडली
- कर्क लग्न की कुंडली
- सिंह लग्न की कुंडली
- कन्या लग्न की कुंडली
15 अक्टूबर से 15 नवंबर के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न तुला होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद वृश्चिक लग्न, चार घंटे बाद धनु , छह घंटे बाद मकर , आठ घंटे बाद कुम्भ - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है। 15 नवंबर से 15 दिसंबर के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न वृश्चिक होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इसी महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद धनु लग्न, चार घंटे बाद मकर , छह घंटे बाद कुम्भ , आठ घंटे बाद मीन - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है।
Ascendent in Hindi Astrology
15 दिसंबर से 15 जनवरी के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न धनु होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इस महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद मकर लग्न, चार घंटे बाद कुम्भ , छह घंटे बाद मीन , आठ घंटे बाद मेष - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है। 15 जनवरी से 15 फरवरी के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न मकर होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इस महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद कुम्भ लग्न, चार घंटे बाद मीन , छह घंटे बाद मेष , आठ घंटे बाद वृष - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है।
15 फरवरी से 15 मार्च के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न कुम्भ होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इस महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद मीन लग्न, चार घंटे बाद मेष , छह घंटे बाद वृष , आठ घंटे बाद मिथुन - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है। 15 मार्च से 15 अप्रैल के दौरान सूर्योदय के आसपास जन्म लेने वाले बच्चे का लग्न मीन होता है , लग्न में सूर्य होता है, अमावस के दिन चन्द्रमा भी साथ में होता है।। बुध और शुक्र के भी लग्न के आसपास होने की संभावना रहती है। इस महीने में सूर्योदय के लगभग दो घंटे बाद मेष लग्न, चार घंटे बाद वृष, छह घंटे बाद मिथुन , आठ घंटे बाद कर्क - इसी प्रकार लग्न बढ़ता जाता है।
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