वैसे तो मनुष्य के पूरे शरीर की बनावट प्रकृति की एक उत्कृष्ट रचना है ही , खासकर इसके मन और मस्तिष्क की बनावट इसे दुनियाभर के जीवों से अलग करती है। जन्म लेने के पश्चात ही मनुष्य सूक्ष्मता से वातावरण का निरीक्षण करता रहत…
पृथ्वी को केन्द्र में मानकर पूरे आसमान के 360 डिग्री को जब 12 भागों में विभक्त किया जाता है , तो उससे 30-30 डिग्री की एक राशी निकलती है। इन्हीं राशियों को मेष , वृष , मिथुन ............... मीन कहा जाता है। किसी भी जन्मकुंडली म…
पृथ्वी की निरंतर गतिशीलता के कारण प्रत्येक दो घंटे में विभिन्न लग्नों का उदय है। इसकी दैनिक गति के कारण दिन और रात का अस्तित्व है, वार्षिक गति के कारण इसके ऋतु परिवर्तन का चक्र। गति के कारण ही चंद्रमा का बढता घटता स्वरूप…
अभी तक एक स्वर से गणित ज्योतिष को विज्ञान स्वीकार किए जाने के बावजूद इसी पर आधारित फलित पक्ष पर हमेशा वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वालों के द्वारा सवालिया निशान लगाया जाता रहा है। 'गत्यात्मक ज्योतिष' ने इसे चुनौतीपूर्…