Samay balwan hota hai
सभी मनुष्यों का समय बहुत ही तेज गति से बदलता है !!
एक सज्जन कई वर्षों से हमारे संपर्क में थे , बहुत बुरा दिन चल रहा था उनका। कभी करोडों में खेलने का मौका जरूर मिला था उन्हें , पर बाद में एक एक पैसे के लिए मुहंताज चल रहे थे। महीनेभर का खर्च , बेटे बेटियों की पढाई , हर बात के लिए कर्ज लेने को मजबूर थे। कोई परेशानी आती , तो हमें भी फोन पर परेशान कर देते थे। 'गत्यात्मक ज्योतिष' यह मानता है कि ज्योतिष में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए अभी तक बहुत सटीक उपाय नहीं हुए हैं, कुछ उपायों से बुरे समय को कम बुरा और अच्छे समय को अधिक अच्छा ही किया जा सकता है। इसलिए कुछ पाने के लिए समय का धैर्यपूर्वक इंतजार करना ही पडेगा। हम उन्हें भी उनके आगे के समय के सकारात्मक होने की चर्चा करते हुए उनके आत्म विश्वास को बढाने की कोशिश करते थे। उनकी पत्नी हमेशा कहा करती कि मेरे दिलासा देने के कारण ही वे इतना धैर्य रख पा रही हैं , नहीं तो इतनी बेचैनी में कब पूरा परिवार पुडिया खाकर सो गया होता।
उन्होने जहां तहां से पूंजी जुटाकर कुछ व्यवसाय करने की भी कोशिश की , पर खास फायदा न होने से वह कर्ज भी माथे पर आ गया। अब उनके समय को सुधरने में दो वर्ष बचे हैं। कल उनका फोन आया , वे आत्मविश्वास से भरे थे , दो वर्ष में उनकी सारी समस्याएं हल हो जाएंगी , उन्हें अब दिख रहा था। मेरे पूछने पर उन्होने बताया कि उनके पिताजी के नाम से कुछ जमीन पडी थी , तीनो भाइयों में सहमति न बन पाने से उसकी बिक्री नहीं हो सकी थी। एक बिल्डर ने उस जमीन में अपार्टमेंट बनाने का निश्चय किया है , जिसमें से पांच पांच फ्ल्ैट वह तीनो भाइयों को दे देगा। एक फ्ल्ैट में वो रहेंगे , बाकि किराए पर लगा देंगे , तबतक बेटे बेटियां भी पढकर निकल जाएंगे। धीरे धीरे वो कर्ज चुका ही देंगे , यदि खुद नहीं भी चुका सकें , तो मात्र एक फ्ल्ैट को बेचकर बाजार का कर्ज चुकाया जा सकता है। चलिए वृद्धावस्था सुख से कटेगा , यह कम बडी बात नहीं है।
एक ऐसा ही किस्सा पिछले वर्ष भी हमारे सामने आया था , एक अच्छे खासे व्यवसायी अपनी लापरवाही के कारण अपने स्टाफों के द्वारा हिसाब किताब में किए गए घोटालों के कारण ऐसी स्थिति में पहुंच गए कि उन्हें अपना सबकुछ गंवाना पड गया। उनके बेटे भी बडे हो गए थे , हर काम में पैसों की आवश्यकता थी , तीन चार वर्षों तक काफी परेशान थे। ऐसी हालत को सुधारने के लिए कई ज्योतिषियों ने भी उन्हें लंबी चौडी आर्थिक चपत लगा दी थी। काफी दिनों बाद ही वे मेरे पास पहुंचे , मैने उन्हें कुछ दिनों का इंतजार करने को कहा , पर उनके सामने घना अंधेरा छाया था , मेरी बातों पर वे विश्वास ही नहीं कर पा रहे थे कि उनका समय भी अब आ सकता है। पर एक जमीन ने ही उनकी भी मदद की ,कुछ मित्रों के सुझाव पर जब उन्होने वहां पर मारकेट कांप्लेक्स बनाने का प्लान किया , दुकान की बुकिंग के लिए एडवांस मिलने शुरू हो गए। पैसे जुटते ही फटाफट काम शुरू हुआ , फिर तो बैंक से लोन भी पास हो गया और दो वर्ष के अंदर उनकी समस्याएं हल हो गयीं।
उपरोक्त दोनो उदाहरण में देखने को मिला कि उनकी समस्या को सुलझाने में संपत्ति ने ही मदद की , पर यदि उनके पास संपत्ति नहीं होती , तो भी समय आने पर समस्याएं सुलझ ही जाती। कोई न कोई ऐसा बहाना निकल आता , जिसके कारण समस्याएं हल हो जाती। दाने दाने के लिए मुहंताज एक परिवार को मैने दस वर्षों के अंदर काफी तरक्की करते पाया है। पिछले वर्ष तक एक युवति मेरे पास आकर रोया करती थी , न तो उसका विवाह हो पा रहा था और न ही कैरियर के कोई आसार दिख रहे थे। पर अचानक इसी वर्ष उसका ववाह भी हुआ और एक बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप मे बहाली भी हुई। मेरे सामने कई ऐसे उदाहरण है , जिन्होने सतत् संघर्ष के बाद विजय पायी है। आज जो सफल हैं , उन्होने ही जीवन में मेहनत की , ऐसा नहीं है। आज जो मेहनत कर रहे हें , वे कल भी सफल हो सकते हैं। संयोग और दुर्योग किसी को आगे ले जाने में और पीछे खींचने में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। सभी मनुष्यों का समय बहुत ही तेज गति से बदलता है , ऐसे में धैर्य बहुत आवश्यक है। !
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