कोशिश करनी चाहिए .. हम कुछ अच्‍छा काम करें !!


कुछ दिन पूर्व एक दंपत्ति से मिलना हुआ , अपनी पुत्री के विवाह के प्रयास में काफी दिनों से जहां तहां चक्‍कर लगा रहे हैं , पर कहीं भी सफलता नहीं मिल रही है। उनको शक है कि वो जहां भी बातचीत करते हैं और बात आगे बढने को होती है , उनके एक रिश्‍तेदार कोई न कोई जुगत लगाकर बात को आगे बढने से रोक देते हैं। इसी तरह ऊपर से निचले स्‍तर तक कार्यालय के फाइलों को आगे बढाने में भी वहां के बाबुओं पर निर्भर रहना पडता है। अपने अधिकार और प्रभाव का वे पूरा फायदा उठाते हैं और मनमानी करते हुए किसी का काम पहले कर और किसी का काम अंटकाकर लोगों को परेशान करते है। इस तरह की घटनाओं को हम प्रभावित भी होते हैं और लाचार हालत में अपने भाग्‍य से अधिक सामनेवालों को कोसा करते हैं।

इस तरह अन्‍य स्‍थानों पर भी हमारे जीवन में अक्‍सर कुछ घटनाएं ऐसी देखने को मिलती हैं , जहां हमें महसूस होता है कि किसी ने हमारा काम बना और किसी ने हमारा काम बिगाड दिया है । इतने दिनों तक ग्रहों के प्रभाव का अध्‍ययन करने के पश्‍चात् हमलोग इस निष्‍कर्ष पर पहुंच चुके हैं कि प्रकृति के किसी नियम के तहत प्रतिदिन बहुत सारे कार्य बनते और  बिगडते हैं , जिसमें हमारा कोई वश नहीं होता। इतनी बडी सृष्टि का चलते रहना कोई हंसी मजाक नहीं , जहां इतने बडे बडे पिंड किसी नियम से काम कर रहे हों , वहां छोटी छोटी घटना को संयोग या दुर्योग मान लेना या किसी के किए का फल मान लेना हमारी बेवकूफी ही है।किसी का काम बनाना था , इसलिए बना , उसे हमने बनाया , ऐसा नहीं सोंचना चाहिए , हमें अपनी अच्‍छी करनी का फल खुद मिलेगा। इसी प्रकार किसी का काम बिगडना था , इसलिए बिगडा , पर जिसने बिगाडा , उसने ही किया ऐसा नहीं सोचना चाहिए। उसे अपने गलत किए का फल खुद ही मिलेगा। कहा भी जाता है कि भगवान के घर देर है , अंधेर नहीं है।

जिस काम को बनना है , उसे बनने से कोई रोक नहीं सकता। इसी तरह जिस काम को बिगडना है , उसे बिगडने से कोई नहीं रोक सकता।  हां , इन कार्यों को अंजाम देने के लिए प्रकृति किसी न किसी का सहारा अवश्‍य लेती है। यदि हम न करें , तो प्रकृति किसी न किसी प्रकार उस कार्य को संपन्‍न कर ही देगी। पर यदि किसी कार्य को बनाने में या कुछ लोगों को संतुष्‍ट करने में हम माध्‍यम बनते हैं , तो हमारे हिस्‍से कुछ सकारात्‍मक चीजें जरूर जुड जाती हैं। यदि किसी कार्य को बिगाडने में हम माध्‍यम बनते हैं , तो हमारे हिस्‍से कुछ ऋणात्‍मक चीजें जुड जाती है। इसलिए हमें सदैव कोशिश करनी चाहिए कि हम कुछ अच्‍छा काम करें , सामनेवालों के चेहरे पर मुस्‍कान ला सकें। इसका फल हमें कभी न कभी अवश्‍य मिलता है।

संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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