अपने जन्मदिन पर कुछ शब्द चाहे सुखभरी हों या दुखभरी , बचपन की यादें कभी हमारा पीछा नहीं छोडती। खासकर जब भी कोई विशेष मौका आता है , पुरानी यादें अवश्य ताजी हो जाती हैं। जिस संयुक्त परिवार में मेरा जन्म हुआ, उसमें उस समय दादा ज…
यदि आप अभी मेरी प्रोफाइल खोलकर देखे , तो आपको 'गत्यात्मक ज्योतिष' में कुल 279 पोस्ट दिखाई पडेंगे , पर सही समय या संपादन के अभाव में सारी पोस्टें प्राकशित नहीं की जा सकी है और आज मै इसमें 250वां आलेख ही पोस्ट कर रही…
जब मैं बालपन में थी , रेडियो पर गाने बजते देखकर आश्चर्यित होती थी । फिर कुछ दिनों में इस बात पर ध्यान गया कि रेडियो में लोग अपनी अपनी रूचि के अनुसार गाने सुनते हैं। पहले तो मैं समझती थी कि हमारा रेडियो पुराना है और पडोस के भ…
बीज तो हर दिमाग में होते हैं , पर समय पर ही उनकी देखभाल हो पाती है , अंकुरण हो पाता है , विकास के क्रम में उन्हें हर प्रकार का वातावरण मिल पाता है और वह छोटा सा बीज एक विशाल वृक्ष बन पाता है। आज के सामाजिक राजनीतिक हालत में अन…
'आपलोगों ने सुना या नहीं , कालीचरण लौट गया है' आंगन में आते ही 'खबर कागज' ने समाचार सुनाया। हमेशा की तरह हमलोगों के लिए यह एक सनसनीखेज खबर थी , इसी प्रकार की खबर सुनाने के लिए ही तो हमलोगों ने मुहल्ले के उस व्…
एक लेख में मैंने बताया है कि किस तरह आध्यात्म , धर्म , अंधविश्वास और जादू टोना एक दूसरे से अलग हैं। युग के परिवर्तन के साथ ही साथ धर्म की परिभाषा बदलने लगती है। आज के विकसित समाज में भी परिवार में हर सुख या दुख के मौके की वर्…
दुनिया भर के खासकर भारत में गली गली , मुहल्ले मुहल्ले विचरण करने वाले बाबाओं , तुम अपने शहर में न जाने कितने अपराध करते हो , पर काफी दिनों तक पुलिस की लापरवाही या उनसे मिलीभगत से तुम पकडे नहीं जाते , इस उत्साह से बडी बडी गलत…
जिस तरह जन्म और मृत्यु जीवन का सत्य है , उसी प्रकार आशा और आशंका हमारे मन मस्तिष्क के सत्य हैं। जिस तरह गर्भ में एक नन्हीं सी जान के आते ही नौ महीने हमारे अंदर आशा का संचार होता रहता है , वैसे ही किसी बीमारी या अन्य किसी…
अमृतफल आंवले से भला कौन परिचित न होगा , फिर भी इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी के लिए विकिपीडीया का यह पृष्ठ पढें। एशिया और यूरोप में बड़े पैमाने पर आंवला की खेती होती है. आंवला के फल औषधीय गुणों से युक्त होते हैं, इसलिए इसकी…
अपने ब्लॉग के लिए इतने लंबे लंबे आलेख और 'साहित्य शिल्पी' में लंबी लंबी कहानियां लिखकर प्रकाशित करते हुए मैं अपना जितना समय जाया करती हूं , उससे कम पाठकों का भी नहीं होता , जबकि कुछ ब्लागर एक छोटी सी त्रिवेणी लिखकर…