क्‍या प्रकृति में लेने और देने का परस्‍पर संबंध होता है ??

जीवन में बहुत सारे लोग , खासकर आध्‍यात्मिक ज्ञान और रूचि वाले लोग इस बात को मानते हैं कि प्रकृति में लेने और देने का परस्‍पर संबंध है। एक बार पिता पुत्र की देखभाल करता है , तो दूसरी बार पुत्र को पिता के कमजोर होते शरीर को सहारा देना पडता है। इसी प्रकार हर रिश्‍ते में लेने और देने की पुष्टि तो हो जाती है। रिश्‍तो से इतर दोस्‍ती वगैरह में भी लेने देने का क्रम दोतरफा संबंध ही होता है , कभी हम किसी के काम आते हें , तो कभी कोई दूसरा हमारे काम आता है। जहां ऐसा कोई संबंध नहीं दिखता , वहां लोग पूर्वजन्‍म आदि का लेन देन तक मान लेते हैं , चाहे वो अंधविश्‍वास हो या सत्‍य। पर कभी कभी ऐसे ऐसे सुयोग दुर्योग होते हैं कि प्रकृति के रहस्‍य को सोंचने को मजबूर हो जाना पडता है।

मेरे पिताजी के एक मित्र के बेटे बहू हमारे कॉलोनी में ही रहते हैं। उनके एक पडोसी के बच्‍चे की तबियत खराब हो गयी थी , जिसके इलाज के लिए  अपने पडोसिन के साथ मेरी वह परिचिता हमारे घर के बगल में एक डॉक्‍टर के यहां आई। डॉक्‍टर के यहां नंबर मिलने में थोडी देर थी , इसलिए बीमार बेटे को साथ लेकर आधे घंटे इंतजार करने की अपेक्षा वे दोनो महिलाएं मेरे यहां आ गईं। परिचिता की उस पडोसिन से मैं पहली बार मिल रही थी , कभी कोई बात चीत नहीं हुई थी , आधे घंटे बात चीत के क्रम में हल्‍का फुल्‍का जलपान और चाय पीना ही था। वह मुझे अपने यहां आने का निमंत्रण दे गयी। पर मुझसे उम्र में काफी छोटी होने के कारण मुझे उसके यहां जाने का कभी ध्‍यान ही नहीं गया। मैं उस बात को यूं ही भूल गयी।

करीब सालभर बाद एक दिन मैं अपनी आंखों का चेकअप करवाने अपने परिचित डॉक्‍टर के यहां गयी , तो संयोग से बाहर एक नया स्‍टाफ बैठा था। उसने मुझे नहीं पहचाना , तो जबरदस्‍ती परिचय देकर अपना पहचान जताने की मेरी इच्‍छा नहीं हुई। मैने फी चुकाकर नंबर ले लिया , आधे घंटे बाद का एप्‍वाइंटमेंट मिला। इसी नर्सिंग होम के बगल में वो परिचित परिवार रहते थे , इसलिए मै उसी के यहां समय काटने चल पडी। हमेशा किसी न किसी प्रकार के चिंतन में रहने की मेरी बुरी आदत है ही , सडक पर टहलते हुए जा ही रही थी कि उस परिचित की दो वर्ष की छोटी बच्‍ची को मैने एक गेट के अंदर बाहर आते जाते हुए खेलते देखा । मैं बिना किसी बात पर ध्‍यान दिए उसके पीछे पीछे मैं गेट के अंदर चली गयी , तो आगे वह बच्‍ची मकान के अंदर गयी। जब मैने लॉन पर नजर डाला , मुझे अपनी गल्‍ती का अहसास हुआ। ये घर तो वह नहीं , जिसमें मै जानेवाली थी, पर वह बच्‍ची ??
पर थोडी ही देर में मेरे सामने मेरी परिचिता की वह पडोसन दिखाई पडी , 'दीदी , आइए'

मैं तो चौंक ही गयी , ये मैं कहां आ गयी, मैने बच्‍ची के बारे में पूछा। उस महिला ने बताया कि कभी कभी बच्‍ची उसके यहां खेला करती है। मैने बताया कि मैं गलतफहमी में यहां आ गयी , तब भी उसने मुझे जाने नहीं दिया , अपने यहां बैठाया। ठीक बगल वाला मकान मेरी परिचिता का था , उसे भी आवाज देकर बुलाया , आधे घंटे उसी प्रकार हम तीनो की बात चीत हुई , जैसा मेरे घर पर हुआ था , चाय नाश्‍ता हुआ। डॉक्‍टर के यहां एप्‍वाइंटमेंट का समय होने पर मैं निकल पडी। रास्‍ते में मैं यही सोंच रही थी कि ठीक एक वर्ष बाद वही परिस्थिति , लगभग उतना ही समय , उतना ही जलपान और एक कप चाय। मानो मेरा उसके यहां बाकी रह गया हो , जिसे चुकाने के लिए मैं उस बच्‍ची के पीछे पीछे वहां तक चली गयी थी या हो सकता है यह एक महज संयोग था , जिसे मैं बडा रूप दे रही हूं , पर यह वाकया अभी भी बहुत कुछ सोंचने को मजबूर करता है।

संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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