karka lagna predictions in hindi
आसमान के 90 डिग्री से 120 डिग्री तक के भाग का नामकरण कर्क राशि के रूप में किया गया है। जिस बच्चे के जन्म के समय यह भाग आसमान के पूर्वी क्षितिज में उदित होता दिखाई देता है , उस बच्चे का लग्न कर्क माना जाता है। कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार मन का स्वामी चंद्र प्रथम भाव का स्वामी होता है और यह जातक के शरीर , स्वास्थ्य , व्यक्तित्व , आत्विश्वास आदि का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए कर्क लग्न के जातकों के मन को पूर्ण तौर पर संतुष्ट करने वाले ये सारे संदर्भ ही होते है। जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में चंद्र के मजबूत रहने पर स्वास्थ्य की मजबूत स्थिति से कर्क लग्न के जातक का मन खुश और जन्मकुंडली या गोचर में चंद्र के कमजोर रहने पर स्वास्थ्य की कमजोर स्थिति से इनका मन आहत होता है।
Kark lagna ka bhavishya
कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार समस्त जगत में चमक बिखेरने वाला सूर्य द्वितीय भाव का स्वामी होता है और यह जातक के धन , कोष , परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए अपने नाम यश को फैलाने के लिए कर्क लग्न के जातक धन की स्थिति को मजबूत बनाने पर जोर देते हैं। नाम यश फैलाने के लिए इन्हें धनार्जन के सिवा कोई उपाय नहीं दिखता। जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में सूर्य के मजबूत रहने पर धन कोष की मजबूती से इनकी कीर्ति फैलती और जन्मकुंडली या गोचर में सूर्य के कमजोर रहने पर धन की कमी से इनकी कीर्ति घटती है।
Karka lagna in hindi
कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी होता है और यह जातक के बुद्धि , ज्ञान , संतान , पिता , पद प्रतिष्ठा तथा सामाजिक राजनीतिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इस लग्न के जातकों के प्रतिष्ठा का अपने या संतान पक्ष के बुद्धि ज्ञान से सहसंबंध होता है। जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में मंगल के मजबूत रहने पर बुद्धि ज्ञान की स्थिति मजूबत होकर अपनी प्रतिष्ठा के साथ साथ संतान पक्ष से भी प्रतिष्ठा में बढोत्तरी की संभावना बनाती है । विपरीत स्थिति में यानि जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में मंगल के कमजोर रहने पर न तो समाज में अपनी पहचान बनाने में कामयाबी मिलती है और न ही संतान से सुख प्राप्त हो पाता है।
Kark lagna me shukra
कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है और यह जातक के मातृ पक्ष , हर प्रकार की छोटी बडी संपत्ति और लाभ के वातावरण का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए कर्क लग्नवालों के लाभ के वातावरण में स्थायित्व की बडी भूमिका होती है। जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में शुक्र के मजबूत रहने पर हर प्रकार की छोटी बडी संपत्ति की स्थिति मजबूत होकर लाभ का वातावरण तैयार कर देती हैं , पर जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में शुक्र के कमजोर रहने पर उनका स्थायित्व कमजोर होता है और लाभ प्राप्ति में कठिनाई आती हैं।
Karka lagna me budh
कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार बुध तृतीय और द्वादश भाव का स्वामी है और यह जातक के भाई बहन , बंधु बांधव और खर्च से संबंधित मामलों का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इस लग्न के जातकों के खर्च में भाई बहन से संबंध बना होता है। जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में बुध के मजबूत रहने पर भाई बंहन बंधु बांधव के मजबूत होने पर खर्च की व्यवस्था होती रहती है , या खर्च शक्ति के बने होने पर भाई बहन बंधु बांधव से संबंध बना होता है। पर विपरीत स्थिति में यानि जन्मकुंडली या गोचर में बुध के कमजोर रहने पर खर्च शक्ति की कमी ऐसे संबंधों को कमजोर बनाती है या ऐसे संबंधों के कमजोर होने से खर्च शक्ति में कमी आती है।
Kark lagna me guru ka fal
कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार बृहस्पति षष्ठ और नवम भाव का स्वामी होता है और यह जातक के रोग , ऋण , शत्रु जैसे झंझटों और भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए कर्क लग्न के जातकों के झंझटों के निबटारे में भाग्य की बडी भूमिका होती है। जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में बृहस्पति के मजबूत रहने पर किसी प्रकार के संयोग से इनके झंझट दूर हो जाते हैं , जबकि जन्मकुंडली या गोचर में बृहस्पति के कमजोर रहने पर किसी दुर्योग के उपस्थित होने से इनके झंझट और उलझते हैं।
Karka lagna shani
कर्क लग्न की कुंडली के अनुसार शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी होता है यानि यह जातक के घर गृहस्थी और जीवनशैली का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इस लग्नवाले जातकों के जीवनशैली का घर गृहस्थी के वातावरण से संबंध बना होता है। जन्मकुंडली , दशाकाल या या गोचर में शनि के मजबूत रहने पर इस लग्नवाले लोगों के घर गृहस्थी का वातावरण मनोनुकूल होता है , जिससे ये अपने जीवन से संतुष्ट होते हैं। इसके विपरीत स्थिति में यानि जन्मकुंडली , दशाकाल या गोचर में शनि के कमजोर रहने पर घर गृहस्थी के वातावरण में समस्याएं ही समस्याएं होती हैं , जिससे इनका जीवन प्रभावित होता है। ज्योतिष में सभी लग्न की कुंडलियों के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
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कर्क लग्न की कुंडली
Reviewed by संगीता पुरी
on
6/05/2020
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6 टिप्पणियां:
अन्य राशियों/लग्नवालों से कर्क लग्नवालों के सम्बन्धों पर भी कुछ संकेतों की तलाश अधूरी रही इस पोस्ट में। आपके अनुसार मेरा लग्न मकर है। कर्क लग्नवालों से मकर लग्नवालों के सम्बन्धों पर जानने में रुचि थी।
अच्छी जानकारी,आभार.
ज्ञानवर्धक ....आपका आभार
नियमित रूप से जानकारी देने के लिए आभारी हैं। बधाई हो, बॉम्बे हाई कोर्ट ने ज्योतिष को विज्ञान न माने जाने के लिए कोर्ट से निदेश देने के लिए दायर की गई याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि ज्योतिष सिद्ध विज्ञान है और इसे विश्व विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल करने की कार्रवाई की जाए।
डा.यादव ने एक अच्छी खबर दी.अब तो आलोचकों के मुंह बंद हो जाने चाहिए.
हमारे ब्लॉग में आने के लिए आपका बहुत आभार -------
गत्यात्मक ज्योतिष को इसी तरह बढ़ावा मिलते रहना चाहिए !!
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