google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 अतिवृद्धों की स्थिति बिगडेगी

अतिवृद्धों की स्थिति बिगडेगी

‘खगोल शास्‍त्र’ के अंतर्गत ग्रहों के अध्‍ययन में हमेशा ही कुछ दिक्‍कतें आती रही हैं। कुछ गणनाओ के आधार पर यूरेनस औरनेप्च्यून की गति में हमेशा एक विचलन का कारण ढूंढते हुए वैज्ञानिकों ने एक ‘क्ष’ ग्रह (Planet X) की भविष्यवाणी की , जिसके कारण यूरेनस और नेप्च्यून की गति पर प्रभाव पड रहा था। अंतरिक्ष विज्ञानी क्लाइड डबल्यू टोमबौघ इस ‘क्ष’ ग्रह के रूप में 1930 में प्लूटो खोज निकाला। लेकिन प्लूटो इतना छोटा निकला कि यह नेप्च्यून और यूरेनस की गति पर कोई प्रभाव नहीं डाल सकता है। वास्‍तव में प्‍लूटो इतना छोटा है कि सौरमंडल के सात चन्द्रमा ( हमारे चन्द्रमासहित) इससे बड़े है। इसकी कक्षा का वृत्ताकार नहीं होना और वरुण की कक्षा को काटना भी इसे ग्रह का दर्जा देने में विवाद पैदा करते रहें। इस बौने से ग्रह प्लूटो की पृथ्वी से लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर दूरी पर स्थित है और 248.5 साल में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है। इस तरह एक एक राशि पार करने में इसे लगभग पंद्रह वर्ष लग जाते हैं।


खगोलशास्त्रियों की अंतरराष्ट्रीय संस्था (आईएयू) , जो सभी खगोलकीय नामों और उनकी श्रेणियों को अंतिम रुप देती है , ने प्लूटो को सौरमंडल के नौ ग्रहों से अलग करते हुए कहा कि उसमें ग्रह जैसे पूरे गुण नहीं हैं , पर ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ ने अपने अध्‍ययन में पाया है कि समय समय पर किसी भी देश में लगातार बारह से पंद्रह वर्षों तक के युग में किसी खास वर्ग के लोगों के एक सी परिस्थिति का कारण प्‍लूटों की खास चाल ही होती है। गोचर में यह जिस ग्रह की राशि में मौजूद होता है , उस ग्रह से प्रभावित होनेवाले लोगों के सुख में कमी लाता है। राशि परिवर्तन के बाद लोग बडी राहत प्राप्‍त करते हैं। इस तरह किसी देश या क्षेत्र में खास युग और काल को बुरे रूप में प्रभावित करने में इस ग्रह की खासी भूमिका रही है और इस आधार पर आनेवाले समय में किसी खास निष्‍कर्ष पर पहुंचने में इस ग्रह की मदद ली जा सकती है। इसलिए इसे ग्रह माना जाना चाहिए।

भारतवर्ष में प्‍लूटो के राशि परिवर्तन के बाद एक खास प्रकार का माहौल तैयार होते देखा जा सकता है। वैसे तो पूर्व में भी यह नियम काम कर रहा होगा , पर मैने इधर हाल फिलहाल हुए प्‍लूटों के राशि परिवर्तन पर खास गौर किया। प्‍लूटो की स्थिति 1980 से 1992 तक तुला राशि में बनी रही। तुला राशि शुक्र की राशि है , ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ शुक्र का दशाकाल 36 वर्ष से 48 वर्ष की उम्र के बुजुर्गों के लिए मानता आया है , 1980 से 1992 तक मैने 36 से 48 वर्ष के अधिकांश बुजुर्गों को परेशान पाया , खास गडबडी मध्‍य के वर्षों 1985–1986 में दिखाई पडी। जन्‍मकुंडली अच्‍छी हो तो थोडी राहत और जन्‍मकुंडली गडबड हो तो पूरे परेशानी में इन्‍हें देखा। कारण स्‍पष्‍ट था , परिवार नियोजन के कम प्रचार प्रसार के कारण सबों के परिवार बडे थे , व्‍यक्तिगत सुख का ख्‍याल न कर पारिवारिक मूल्‍यों की कद्र करना उनका जीवन था , दायित्‍व के हिसाब से आय के साधन सीमित थे। 1986 के बाद परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार से परिवार सीमित होते गए और उनका दबाब कम हुआ। लगभग इसी समय से सरकारी कर्मचारियों की आय में लगातार वृद्धि होने लगी और उसका असर अन्‍य प्रकार के कार्य करनेवालों पर भी पडा। 1992 में बुजुर्गों की स्थिति में सुधार से समाज की स्थिति में सुधार तो अया , पर युवा वर्ग के लिए परेशानी बढ गयी।

आसमान में प्‍लूटो की स्थिति 1992 से 2006 तक वृश्चिक राशि में बनीं रही। वृश्चिक राशि मंगल की राशि है , ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ मंगल का दशाकाल 24 वर्ष से 36 वर्ष की उम्र के युवाओं के लिए मानता आया है। 1992 से 2006 तक मैने 24 से 36 वर्ष की उम्र के अधिकांश युवाओं को परेशान पाया। खास गडबडी मध्‍य के वर्षों 1998–1999 में दिखाई पडी। जन्‍मकुंडली अच्‍छी हो तो थोडी राहत और जन्‍मकुंडली गडबड हो तो पूरे परेशानी में इन्‍हें देखा। कारण स्‍पष्‍ट था , छोटे बडे सभी संस्‍थान कर्मचारियों की कटौती कर रहे थे , इसलिए सरकारी नौकरियां की वेकेंसी ही बंद थी। प्राइवेट नौकरी में युवाओं का भरपूर शोषण हो रहा था , उनका परेशान रहना स्‍वाभाविक था। योग्‍य लडकों के अभाव से समाज में तिलक और दहेज जैसी कुप्रथाएं बढीं , जिससे युवतियां भी प्रभावित हुईं। पर 1999 से ही क्रमश: सुधार का क्रम लेता युवा वर्ग 2006 के बाद ऊंची उडान भरने लगा है , युवकों की कौन कहे , युवतियां भी आज किसी से कम नहीं रह गयी हैं , लेकिन इसका बुरा प्रभाव वृद्धों के जीवन पर पडा है।

आसमान में प्‍लूटो की स्थिति 2006 के पश्‍चात धनु राशि में चल रही है। धनु राशि बृहस्‍पति की राशि है , ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ बृहस्‍पति का दशाकाल 60 वर्ष से 72 वर्ष की उम्र के लिए मानता आया है। 2006 के बाद मैं अधिकांश वृद्धों को परेशान ही देख रही हूं। जन्‍मकुंडली अच्‍छी हो तो थोडी राहत और जन्‍मकुंडली गडबड हो तो पूरे परेशानी में इन्‍हें देख रही हूं। कारण स्‍पष्‍ट है , बेटे–बहू , बेटियां–दामाद ..... सब आपने आपने प्रोफेशन , अपनी अपनी महत्‍वाकांक्षाओं में व्‍यस्‍त हैं , इनके लिए समय काटना दूभर है।वृ द्धों के लिए खास गडबडी मध्‍य के वर्षों 2012-2013 में बनी रहेगी। पर उसके बाद वृद्धों की जो पीढियां आएंगी , वो आर्थिक तौर पर अपनी स्‍वतंत्रता को खोकर इनकी मुहंताज रहना नहीं पसंद करेंगी। अपना समय काटने के लिए इनके पास भी कोई न कोई उपाय होगा और 2019 के बाद के 60 से 72 वर्ष की उम्र के वृद्धों को हम बूढा नहीं पाएंगे , इसी प्रकार अभी तक की प्‍लूटों के चाल के कारण दिखाई देनेवाली परिस्थिति के हिसाब से आनेवाले युग के बारे में कुछ अनुमान अवश्‍य लगाया जा सकता है।

आसमान में प्‍लूटो की स्थिति 2019 के पश्‍चात् मकर राशि में और 2033 के पश्‍चात् 2047 तक कुंभ राशि में चलेगी। मकर और कुंभ दोनो ही राशि शनि की राशि है , ‘गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष’ शनि का दशाकाल 72 वर्ष की उम्र से 84 वर्ष की उम्र तक का मानता आया है। 2019 से 2047 तक लगातार अतिवृद्धों की स्थिति बहुत ही गडबड दिखाई देगी , उनकी देखभाल करने को कोई न बचेगा। जन्‍मकुंडली अच्‍छी हो तो थोडी राहत और जन्‍मकुंडली गडबड हो तो पूरे परेशानी में ये रहेंगे । कारण स्‍पष्‍ट है , अभी ही समाज में अतिवृद्धों की देखभाल वृद्धों के जिम्‍मेदारी में हैं , जब वृद्ध भी व्‍यक्तिगत सुख का ख्‍याल करने लगेंगे , तो अतिवृद्धों की हालत दयनीय होना तय है।
संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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