2023 में शुक्र की चाल का जनसामान्य पर प्रभाव(shukra transit 2023)
'गत्यात्मक ज्योतिष' के अनुसार अन्य ग्रहों की तरह ही शुक्र भी तबतक जातकों को सुख नहीं देता , जबतक इसकी गत्यात्मक शक्ति अच्छी नहीं हो जाती है। इसी प्रकार शुक्र तबतक आपको परेशान नहीं करता , जबतक उसकी गत्यात्मक शक्ति कम नहीं हो जाती है। गत्यात्मक शक्ति कम या अधिक हो जाने पर जातक को शुक्र के कारण उससे सम्बंधित भावों का सुख या कष्ट मिल जाता है। मैं 2023 में शुक्र की खास चाल का पृथ्वी के जड़-चेतन पर पड़नेवाले प्रभाव की व्याख्या कर रही हूँ। 28 -29 मई 2023 को शुक्र सूर्य के साथ 45 डिग्री की कोणात्मक दूरी बनाएगा । इस समय शुक्र और पृथ्वी की दुरी औसत के आस-पास होगी । ऐसे समय में शुक्र काफी क्रियाशील होता है और जनसामान्य को शुक्र से सम्बंधित कार्यों में उलझने के लिए बाध्य करता है।
यूं तो मिथुन राशि में शुक्र की स्थिति लोगों के सुख और दुख दोनो का कारण बनी हुई होगी , पर 24 जुलाई तक दिन ब दिन इसकी स्थैतिक शक्ति में हो रही वृद्धि कुछ लोगों की मन:स्थिति को सुखद बनाएगी , तो कुछ तनाव झेलने को भी विवश होंगे । मई के अंतिम सप्ताह से ही लोग शुक्र के कारण उत्पन्न होनेवाले कार्य में उलझे होंगे। चूंकि शुक्र मेष और वृष राशि का स्वामी है और इसकी स्थिति अभी सिंह में है , इसलिए सिंह , मेष और वृष राशि से संबंधित कार्यों में ही सुख या दुख की अधिक संभावना रहेगी। 36 से 48 वर्ष की उम्र के प्रौढ़ , जिनका जन्मकालीन शुक्र कमजोर है , यानि 1975 में 15 अगस्त से 5 सितम्बर के आसपास, 1977 में 25 मार्च से 22 अप्रैल के आसपास, 1978 में 28 अक्टूबर से 24 सितम्बर के आसपास, 1980 में 3 जून से 2 जुलाई के आसपास , 1982 में 9 जनवरी से 5 फरवरी के आसपास, 1983 में 12 अगस्त से 10 सितम्बर के आसपास, 1985 में 22 मार्च से 19 अप्रैल के आसपास, 1986 में 24 अक्टूबर से 20 नवंबर के आसपास जन्म लेने वालों को शुक्र की इस स्थिति से तकलीफ होगी। उल्लिखित समय से काफी दूर जन्म लेने वाले पर शुक्र का शुभ प्रभाव पड़ेगा।
शुक्र की इस स्थिति के कारण वर्ष 1953 , 1961, 1969, 1977, 1985, 1993, 2001, 2009, 2017 में फरवरी से मई के मध्य जन्म लेनेवाले उत्साहित होकर कार्य में जुटे रहेंगे । शुक्र के कारण 28 -29 मई 2023 से शुरू हुई कार्यक्रमों में बाधा की शुरुआत 24 जुलाई से होगी। 14 अगस्त तक काम लगभग रुका हुआ सा महसूस होगा। उसके बाद ही काम के शुरू किए जाने के लिए आशा की कोई किरण दिखाई दे सकती है। 4 सितम्बर के बाद स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और 25 अक्टूबर के आसपास अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। शुक्र के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को खुशी होगी। इस तरह 6 महीने तक किसी खास संदर्भ , जिसकी चर्चा लेख के अंतिम अनुच्छेद में की गयी है, की सफलता से इनका उत्साह बढा रहेगा।
किन्तु सिंह राशि में शुक्र की इस विशेष स्थिति से वर्ष 1949 के दिसंबर से 1950 के मार्च तक , 1957 के दिसंबर से 1958 के मार्च तक , 1965 के दिसंबर से 1966 के मार्च तक , 1973 के दिसंबर से 1974 के मार्च तक , 1981 के दिसंबर से 1982 के मार्च तक , 1989 के दिसंबर से 1990 के मार्च तक , 1997 के दिसंबर से 1998 के मार्च तक , 2005 के दिसंबर से 2006 के मार्च तक , 2013 के दिसंबर से 2014 के मार्च तक , 2021 के दिसंबर से 2022 के मार्च तक , के मध्य जन्म लेनेवाले लोग निराशाजनक वातावरण में कार्य करने को बाध्य होंगे। 25 अक्टूबर के आसपास कार्य के असफल होने से उन्हें तनाव का सामना करना पड सकता है। 14 अगस्त के आसपास उनके समक्ष किकर्तब्यविमूढावस्था की स्थिति बनी रहेगी। 4 सितम्बर के बाद निराशाजनक वातावरण में ही स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और 25 अक्टूबर में अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। शुक्र के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को कष्ट पहुंचेगा। इस तरह 6 महीने तक किसी खास संदर्भ , जिसकी चर्चा लेख के अंतिम अनुच्छेद में की गयी है, की परेशानी बनी रह सकती है।
इसके अलावे गोचर के इस शुक्र के कारण मीन राशि वाले पर शुभ प्रभाव तथा मकर राशि वाले बुरा प्रभाव महसूस करेंगे। काफी हद तक सिंह राशि वाले पर भी शुक्र के इस चाल का अच्छा प्रभाव पडेगा। कुछ हद तक मार्च-अप्रैल माह में जन्म लेनेवालों के लिए शनि की यह स्थिति शुभ प्रभाव देने वाली होगी , जबकि जनवरी-फरवरी माह में जन्म लेनेवाले इसके बुरे प्रभाव से युक्त हो सकते हैं। यदि ऊपर मौजूद तिथियों या राशि कोई जातक एक साथ शुक्र के अच्छे और बुरे दोनो प्रभाव में आते हों , तो उनपर शुक्र का मिश्रित प्रभाव पडेगा , यानि कोई कठिनाई आएगी तो उसके समाधान के रास्ते भी दिखेंगे।
शुक्र के इस खास चाल के कारण ऊपर मौजूद तिथियों या राशि में जन्म लेनेवाले विभिन्न लग्नवाले भिन्न भिनन प्रकार के सुख या दुख से खुद को संयुक्त पाएंगे। मेष लग्नवाले धन-कोष
, साख , परिवार, प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी के मामले से संबंधित,वृष लग्नवाले स्वास्थ्य, व्यक्तित्व,
आत्मविश्वास, रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव के मामले से संबंधित ,मिथुन लग्नवाले पढ़ाई-लिखाई,
निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, खर्च-शक्ति, बाह्य-सम्बन्ध से सम्बंधित मामलों , कर्क लग्नवाले माता , संपत्ति, वाहन, सुख
प्रदान करने वाली सभी वस्तुएँ, लाभ, लक्ष्य, मंजिल से संबंधित ,सिंह लग्नवाले भाई-बहन,
सहपाठी-सहकर्मी, सहायक, पडोसी, कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति से सम्बंधित , कन्या लग्नवाले धन-कोष
, साख , परिवार, भाग्य, आध्यात्म, धर्म से सम्बंधित क्रियाकलाप से सम्बंधित , तुला लग्नवाले रूटीन, जीवन-शैली, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आत्मविश्वासआदि मामले ,वृश्चिक लग्नवाले प्रेम-सम्बन्ध,
दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी, खर्च-शक्ति, बाह्य-सम्बन्ध आदि के मामले , धनु लग्नवाले रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों
से जूझने की शक्ति, प्रभाव, लाभ, लक्ष्य, मंजिल के मामले ,मकर लग्नवाले पढ़ाई-लिखाई,
निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, कैरियर, पिता , सामाजिक स्थिति, राजनीति आदि मामले , भाई-बहन,
सहपाठी-सहकर्मी, सहायक, पडोसी, रूटीन, जीवन-शैली , कुम्भ लग्नवाले माता , संपत्ति, वाहन, सुख
प्रदान करने वाली सभी वस्तुएँ, भाग्य, आध्यात्म, धर्म से सम्बंधित क्रियाकलापके मामले , मीन लग्नवाले भाई-बहन,
सहपाठी-सहकर्मी, सहायक, पडोसी, रूटीन, जीवन-शैली की मजबूती या कमजोरी से खुद को सुखी या दुखी महसूस करेंगे।
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