عرض المشاركات من يوليو, 2010
ज्योतिष के पक्ष्ा और विपक्ष में तर्कों की कमी नहीं , पर किसी का यह तर्क देना कि हम भविष्य को अनिश्चित ही देखना चाहते हैं , इसलिए ज्योतिष के अध्ययन की कोई आवश्यकता नहीं , सबसे बेकार का तर्क है। यदि आप भविष्य को अनिश्चि…
2004 में 19 फरवरी से 21 फरवरी के मध्य राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला में तृतीय अखिल भारतीय विज्ञान सममेलन हुआ था , जिसमें परंपरागत ज्ञान से संबंधित विषय को भी स्वीकार किया गया था। उस सम्मेलन के अवसर पर जो स्मारिका प्रकाशित हुई थ…
कल दिब्या श्रीवास्तव जी के लेख मनचाही संतान कैसे प्राप्त करें के पोस्ट होने के बाद से ही ब्लॉग जगत में हमारे देश के परंपरागत तकनीकों के विरोध के स्वर मुखरित हो रहे हैं। पोस्ट के विवादास्पद होने का कारण यह विषय नहीं , व…
कल मैने एक लोकोक्ति पोस्ट की थी और पाठकों से उसका अर्थ पूछा था .. आत न आर्द्रा जो करे , जात न जोडे हस्त। एतै में दोनो गए , पाहुन और गृहस्थ !! बहुत सारे रोचक जबाब आए ... पाठकों का बहुत आभार ... आप भी देखिए उनके जबा…
गांव में बोली जाने वाली एक लोकोक्ति की याद आ गयी , पाठकों से निवेदन है कि इसका अर्थ स्पष्ट करें ..... आत न आर्द्रा जो करे , जात न जोडे हस्त। एतै में दोनो गए , पाहुन और गृहस्थ !!
जब से मैने चिट्ठा लिखना शुरू किया है , 'गत्यात्मक ज्योतिष' की दृष्टि से ग्रहों के आधार पर जो आनेवाला मौसम होना चाहिए , उसके बारे में मैं अक्सर आलेख लिखा करती हूं। वैसे नियमित तौर पर पढनेवाले पाठक ही समझते होंगे कि म…
दुनिया में भूत प्रेत के किस्सों की कमी नहीं , पहले चारो ओर जंगल थे , शाम होते ही अंधेरा फैल जाता था , सन्नाटे को चीरती कोई भी आवाज भयावहता उत्पन्न करती थी , वैसे में भय का बनना स्वाभाविक था। पर जैसे जैसे जंगल कटकर गांव बनत…
मेरे पिछले आलेख के अंतिम वाक्य " वैसे जो भी हो , जिन भविष्यवाणियों को करने के लिए हमें गणनाओं का ओर छोर भी न मिल रहा हो , उसे आसानी से बता देने के लिए ऑक्टोपस और उनके मालिक को बधाई तो दी ही जा सकती है " पर हमारे …
मैने जब से ब्लॉग लिखना शुरू किया है , हर चर्चित मुद्दे पर , चाहे वो मौसम हो या राजनीति , खेल हो या कोई बीमारी , कुछ न कुछ भविष्यवाणियां करती आ रही हूं । आकलन में कितनी सत्यता होती है , वो तो हमारे पाठक ही बता सकते हैं , पर म…
बात मेरे बेटे के बचपन की है , हमने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया था कि अक्सर भविष्य की घटनाओं के बारे में लोगों और मेरी बातचीत को वह गौर से सुना करता है। उसे समझ में नहीं आता कि मैं होनेवाली घटनाओं की चर्चा किस प्रकार करती…
गत्यात्मक ज्योतिषीय दृष्टि से कल यानि 3 जुलाई का दिन खास है, क्यूंकि बृहस्पति और चंद्र को केन्द्रगत करते हुए आसमान में बाकी ग्रहों की स्थिति के संयोग से एक खास प्रकार का योग तैयार हो रहा है। यह योग 3 जुलाई को 11 बजे से 1…