Kahani in Hindi me मुझे परंपरागत मान्यताएं बहुत पसंद है , क्यूंकि उससे सामान्य तौर पर कुछ नुकसान नहीं दिखाई पडता तथा ध्यान देने पर उसमें अनेक अच्छी बातें छुपी महसूस होती हैं। पर कभी कभी समाज में प्रचलित कुछ ऐसे अंधविश्वास…
समाज की विसंगतियों पर आधारित यह पोस्ट पूर्व में नुक्कड मे भी प्रकाशित हो चुकी है .. पर अपनी रचनाओं को एक स्थान पर रखने के क्रम में इसे पुन: यहां प्रकाशित कर रही हूं .... प्रथम दृश्य ‘अब तबियत कैसी है तुम्हारी’ आफिस से लौटते…
hamari kahani ‘क्या हुआ, ट्रेन क्यूं रूक गयी ?’ रानी ने उनींदी आंखों को खोलते हुए पूछा। ’अरे, तुम सो गयी क्या ? देखती नहीं , बोकारो आ गया।‘ बोकारो का नाम सुनते ही वह चौंककर उठी। तीन दिनों तक बैठे बैठे कमर में दर्द सा हो रह…
hamari kahani एक झूठ के बाद पढें मेरी अगली कहानी ... सिक्के का दूसरा पहलू आज इस व्हील चेयर पर बैठे हुए मुझे एक महीने हो गए थे। अपने पति से दूर बच्चों के सान्निध्य में कोई असहाय इतना सुखी हो सकता है , यह मेरी कल्पना …
hamari kahani जब ब्लॉग जगत में आयी थी तो मैने सिर्फ 'गत्यात्मक ज्योतिष' नाम का अपना ब्लॉग बनाया था और उसमें ज्योतिषीय लेख ही पोस्ट किया करती थी। डायरी में कुछ पुरानी कहानियां लिखी पडी थी , ज्योतिषीय ब्लॉग …
amari kahani अचानक बचपन में किसी पत्रिका में पढी एक मजेदार कहानी की आज मुझे याद आ गयी। किसी गांव में तीन भाई रहा करते थे .. लालू , बालू और कालू । लालू और बालू खेतों में काम करते , जबकि कालू का काम उस गांव के दारोगा जी के लिए …
Nai Kahani एक राजा को झूठी कहानियां सुनने का बहुत शौक था , मतलब कि ऐसी कहानी जो सच हो ही नहीं सकती। उन्होने पूरे राज्य में घोषणा कर दी थी कि उनको जो भी झूठी कहानी सुना दे , जो कभी सत्य हो ही नहीं सकती , तो राजा की ओर से…
hamari kahani आज 01:00 बजे दोपहर मेरी कहानी ‘पहला विरोध’ साहित्य शिल्पी में प्रकाशित की गयी है। इसे पढने के लिए यहां क्लिक करें। इसके पहले भी 7 दिसम्बर 2008 को साहित्य शिल्पी मेरी एक कहानी ‘एक झूठ’ को प्रकाशित कर चुका …