गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष

ज्योतिष और आध्यात्म

Aadhyatm gyan in Hindi by jyotish किसी खास युग में हर क्षेत्र में किसी प्रकार की सफलता प्राप्‍त करने के लिए चाहे जिन गुणों और ज्ञान का महत्‍व हो , वे किसी एक व्‍यक्ति को शीर्ष तक क्‍यूं न पहुंचा देते हो , उनकी देखा देखी वैसे गु…

सर्पधर नामक 13 वीं राशि

परिवर्तन प्रकृति का नियम है , इसलिए कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं होता। पर परिवर्तन की एक सीमा होती है , कहीं भी किसी परिवर्तन को एकबारगी नहीं लादा जा सकता। जबतक शास्‍त्र के रूप में विकसित किए गए सिद्धांतों के आधार पर ज्‍योतिष…

'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' के प्रचार प्रसार में आपके सहयोग की अपेक्षा

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने देशभर की 100 फीमेल अचीवर्स का चुनाव करने के लिए फेसबुक के साथ मिलकर ‘#100वीमेन इनीशिएटिव’ नाम का कैंपेन शुरू किया। एमडब्ल्यूसीडी और फेसबुक का ये साझा प्रयास देश की…

अपने समय को जानने समझने की वैज्ञानिक पद्धति

पृथ्‍वी को केन्‍द्र में मानकर पूरे आसमान के 360 डिग्री को जब 12 भागों में विभक्त किया जाता है , तो उससे 30-30 डिग्री की एक राशी निकलती है। इन्हीं राशियों को मेष , वृष , मिथुन ............... मीन कहा जाता है। किसी भी जन्मकुंडली म…

धनात्‍मक सहसंबंध आवश्‍यक

पृथ्‍वी की निरंतर गतिशीलता के कारण प्रत्‍येक दो घंटे में विभिन्‍न लग्‍नों का उदय है। इसकी दैनिक गति के कारण दिन और रात का अस्तित्‍व है, वार्षिक गति के कारण इसके ऋतु परिवर्तन का चक्र। गति के कारण ही चंद्रमा का बढता घटता स्‍वरूप…

सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने में कल मिली एक बडी सफलता ( Astrology )

अभी तक एक स्‍वर से गणित ज्‍योतिष को विज्ञान स्‍वीकार किए जाने के बावजूद इसी पर आधारित फलित पक्ष पर हमेशा वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वालों के द्वारा सवालिया निशान लगाया जाता रहा है। 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' ने इसे चुनौतीपूर्…

हमारे सॉफ्टवेयर के आधार पर बने कुछ महत्‍वपूर्ण लोगों के जीवनग्राफ

मेरे ब्‍लॉग में और फेसबुक में अनेक बार जीवन ग्राफ शब्‍द की चर्चा हुई है .. शायद ही लोग जानते होंगे कि 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' के सूत्रों के आधार पर किसी के जन्‍मकालीन ग्रहों को देखकर किसी के पूरे के उतार चढाव का लेखा चित्…

डॉ बी एन पांडेय जी के द्वारा लिखा गया प्राक्‍कथन

सूर्यादि ग्रहों तथा अश्विन्‍यादि नक्षत्रों के गणित तथा फलित का वर्णन विवेचन करने वाले शास्‍त्र की अभिद्दा ज्‍योतिष है। वेद के छठे अंग ( अनुक्रमत शिक्षा , कल्‍प , व्‍याकरण , तिरूक्‍त , छंद और ज्‍योतिष ) के रूप में ज्‍योतिष …

अंधविश्‍वासों के आवरण में प्रच्‍छन्‍न : क्‍या है सत्‍य ??

समाज में भांति भांति के अंधविश्‍वास व्‍याप्‍त हैं , जो बुद्धिजीवी वर्ग को स्‍वीकार्य नहीं हो सकते , पर इन अंधविश्‍वासों के मध्‍य भी कुछ वैज्ञानिक सत्‍य हैं , जिनका खुलासा हमारे पिताजी श्री विद्या सागर महथा इस पुस्‍तक में कर रहे …

ज्‍योतिष के उज्‍जवल पक्ष की खोज

‘ज्‍योतिष : सच या झूठ’ नामक अपने ब्‍लॉग में जहां एक ओर ज्‍योतिष की समस्‍त कमजोरियों को स्‍वीकार किया है , वहीं दूसरी ओर इसके उज्‍जवल पक्ष की मैने वकालत भी की है। मैं इस विद्या का अंध भक्‍त नहीं हूं , फिर भी मैने पाया कि इस व…

समाज से अंधविश्‍वास को दूर करने का है हमारा कार्यक्रम

हमारे देश में तरह तरह के अंधविश्‍वास फैले हुए हैं , ताज्‍जुब है कि अंधविश्‍वासों के चक्‍कर में सिर्फ अनपढ , गरीब निम्‍न स्‍तरीय जीवन जीनेवाले ही नहीं हैं , बल्कि पढे लिखे और अमीर लोगों का तबका भी अंधविश्‍वासों से बाहर नहीं है। …

ज्‍योतिष के विकास के लिए इसका विकसित विज्ञान के साथ सहसंबंध बनाना आवश्‍यक ...

पृथ्‍वी की निरंतर गतिशीलता के कारण प्रत्‍येक दो घंअे में विभिन्‍न लग्‍नों का उदय है। इसकी दैनिक गति के कारण दिन और रात का अस्तित्‍व है, वार्षिक गति के कारण इसके ऋतु परिवर्तन का चक्र। गति के कारण ही चंद्रमा का बढता घटता स्‍वरूप …

تحميل المزيد من المشاركات
لم يتم العثور على أي نتائج