गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी विशेष


भारत त्योहारों का देश है और गणेश चतुर्थी उन्हीं त्योहारों में से एक है जिसे 10 दिनों तक बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।  भारत में भगवान गणेश के जन्मदिन के इस उत्सव को उनके भक्त बेहद ही उत्साह के साथ मनाते हैं।  वैसे भी भारत में  नए या अच्छे काम की शुरूआत करने से पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाना शुभ माना जाता है।  हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद महीने में आता है यानि कि  हर साल यह त्योहार अगस्त या सितंबर के महीने पड़ता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक चलता है, ऐसा माना जाता है विर्सजन के बाद वह अपने माता-पिता देवी पार्वती और भगवान शिव के पास लौट जाते हैं।  इस साल गणेश चतुर्थी का यह पर्व 25 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलेगा।  इन दिनों भगवान गणेश भक्त उन्हें हर रोज नए-नए पकवान और मिठाईयों का भोग लगाते हैं।

गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी का त्यौहार शुक्रवार, 25 अगस्त 2017 को देश-विदेश में रहने वाले हिन्दू लोगों द्वारा मनाया जाएगा। यह शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होगी । गणपति स्थापना और गणपति पूजा मुहूर्तऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। पहले भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म दिन के रूप में पुरे हिंदू समुदाय के द्वारा एक साथ पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाता था  । आजकल यह हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी का त्योहार आने से दो-तीन महीने पहले ही कारीगर भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियां बनाना शुरू कर देते हैं। गणेश चतुर्थी वाले दिन लोग इन मूर्तियों को अपने घर लाते हैं. कई जगहों पर 10 दिनों तक पंडाल सजे हुए दिखाई देते हैं जहां गणेश जी की मूर्ति स्थापित होती हैं।  प्रत्येक पंडाल में एक पुजारी होता है जो इस दौरान चार विधियों के साथ पूजा करते हैं।  अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु-जन बड़े ही धूम-धाम के साथ सड़क पर जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील, नदी इत्यादि में विसर्जन करते हैं।विसर्जन के दौरान उनके भक्त ''गणपति बप्पा मोरया, पुग्चा वर्षा लोकर या" जिसका मतबल है गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ।

गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन वर्ज्य होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चन्द्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक लगता है जिसकी वजह से दर्शनार्थी को कोई झूठा आरोप सहना पड़ता है। पौराणिक गाथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक नाम की कीमती मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखा था जिसकी वजह से उन्हें मिथ्या दोष का श्राप लगा था । भगवान गणेश ने चन्द्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चन्द्र के दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जायेगा और झूठे आरोप से कलंकित हो जायेगा। मिथ्या दोष से मुक्ति के लिये गणेश चतुर्थी का व्रत कर चन्द्रमा को फल, फूल, दही का भोग लगाकर या हाथ में कोई फल लेकर चंद्र-दर्शन की परम्परा अनेक जगहों पर है।



संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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