लग्न कुंडली vs चंद्र कुंडली Lagna Kundli & Chandra Kundli Difference Explained

लग्न कुंडली vs चंद्र कुंडली Lagna Kundli & Chandra Kundli Difference Explained 

भूमिका 

भारत में ज्योतिष का अध्ययन अत्यंत प्राचीन काल से होता आ रहा है। परंपरागत रूप से जब किसी बच्चे की जन्मकुंडली बनाई जाती थी, तो उसमें केवल लग्न कुंडली ही नहीं, बल्कि चंद्र कुंडली भी अवश्य बनाई जाती थी। आज भी ज्योतिष सीखने वाले अधिकांश लोग यह प्रश्न पूछते हैं, लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में वास्तविक अंतर क्या है? और किस कुंडली से क्या देखना चाहिए? इस लेख में इन्हीं प्रश्नों का उत्तर गत्यात्मक ज्योतिष की दृष्टि से विस्तार से दिया गया है।

लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली का मूल अंतर❓ ऐसा क्यों?

यदि आप किसी व्यक्ति की:

  • लग्न कुंडली

  • और चंद्र कुंडली

दोनों को साथ रखें, तो आप पाएँगे कि:

  • ग्रह वही रहते हैं

  • राशियाँ वही रहती हैं

  • फर्क केवल कुंडली के भाव (खाने) में होता है

क्योंकि

  • आसमान में चंद्रमा लगभग ढाई दिन तक एक ही राशि में रहता है।

  • जबकि लग्न हर दो घंटे से भी कम समय में बदल जाता है। 

👉 यही कारण है कि

  • ढाई दिनों में जन्मे बच्चों की चंद्र कुंडली एक जैसी हो सकती है। 

  • लेकिन उनकी लग्न कुंडली दो-दो घंटे में बदलती रहती है।

चंद्र कुंडली (Chandra Rashi Kundali) क्यों स्थूल मानी जाती है?

 चूंकि चंद्र कुंडली में भाव धीरे बदलते हैं, इसलिए - 

  • वह स्थूल (Broad) मानी जाती है। 

  • उसमें सूक्ष्म जीवन घटनाएँ कम स्पष्ट होती हैं। 

इसके बावजूद चंद्र कुंडली का महत्व प्राचीन काल से आज तक बना हुआ है। ज्योतिषी आज भी - 

  • लग्न कुंडली

  • चंद्र कुंडली

दोनों को मिलाकर भविष्यवाणी करते हैं।

❓ भ्रम की स्थिति: किस कुंडली से क्या देखें? 

अब तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया कि भविष्यवाणी - 

  • कौन-सी लग्न कुंडली से की जाए

  • और कौन-सी चंद्र कुंडली से

यहीं गत्यात्मक ज्योतिष एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।

 गत्यात्मक ज्योतिष का स्पष्ट सिद्धांत 

गत्यात्मक ज्योतिष मानता है कि जातक का मन, मानसिक प्रतिक्रिया, किन परिस्थितियों से मन सबसे अधिक प्रभावित होता है, यह चंद्र कुंडली बताती है यानी मन की अनुभूति (Experience), जबकि जीवन की घटनाएँ (Events) लग्न कुंडली बताती है -  

  • जातक का स्वभाव और चरित्र

  • जीवनभर आने वाली परिस्थितियाँ

  • जीवन के सभी संदर्भों के सुख-दुःख

गत्यात्मक ज्योतिष के अनुसार लग्न कुंडली से भावों का सही विश्लेषण, जातक के सभी संदर्भ केवल लग्न कुंडली से ही देखे जाने चाहिए। उदाहरण - 

स्वास्थ्य → लग्न भाव और उसका स्वामी

धन → द्वितीय भाव और उसका स्वामी

शिक्षा → पंचम भाव

विवाह → सप्तम भाव

कर्म/करियर → दशम भाव

षष्ठ, अष्टम, द्वादश आदि भावों, उनके भावधिपति और उनमें स्थित ग्रहों से ही वास्तविक जीवनफल जाना जाना चाहिए।

फिर चंद्र कुंडली की भूमिका क्या है?

 चंद्र कुंडली -  जीवन की घटनाएँ नहीं, बल्कि उन घटनाओं का मानसिक प्रभाव बताती है।  एक ही घटना - 

  • किसी को सुख दे सकती है

  • किसी को तनाव दे सकती है

यह अंतर चंद्र कुंडली से समझ में आता है।

चंद्रमा की शक्ति कैसे देखी जाती है? 

‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के अनुसार - 

  • चंद्रमा जिस भाव का स्वामी हो

  • या जिस भाव में स्थित हो

 वहाँ उसके प्रभाव की तीव्रता चंद्र अवस्था से देखी जाती है। चन्द्रमा की अवस्था के तीन चरण हैं - 

  • पूर्णिमा के आसपास जन्म उन संदर्भों में सुख की प्राप्ति - भावनात्मक सुख। 

  • अमावस्या के आसपास जन्म उन्हीं संदर्भों में कष्ट और उलझन - भावनात्मक अस्थिरता। 

  • अष्टमी के आसपास जन्म उन विषयों के प्रति अत्यधिक महत्वाकांक्षा - भावनात्मक संतुलन। 

चंद्र कुंडली और मन की गहराई हम सभी जानते हैं - 

चंद्रमा मन का प्रतीक ग्रह है। कमजोर चंद्रमा -

  • बचपन से ही मानसिक प्रभाव डालता है। 

  • भावनात्मक असुरक्षा देता है। 

 जन्म समय न हो तो क्या करें? 

जब जन्म समय उपलब्ध नहीं होता

तब बनाई जाने वाली कुंडली वास्तव में चंद्र कुंडली ही होती है। हमारे अनुभव में चंद्र कुंडली के आधार पर भी

सटीक भविष्यवाणी संभव है, क्योंकि मन को जो कष्ट दे रहा है, वही जातक के लिए सबसे बड़ा सत्य होता है।  गत्यात्मक ज्योतिष इन दोनों को जोड़कर  जीवन और मन, दोनों की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करता है।

निष्कर्ष

यदि - 

  • आप जानना चाहते हैं क्या होगा → लग्न कुंडली देखें

  • आप जानना चाहते हैं मन कैसे महसूस करेगा → चंद्र कुंडली देखें

❓ FAQs - Google People Also Ask 

🔹 लग्न कुंडली क्या बताती है? 

लग्न कुंडली जीवन की घटनाएँ, परिस्थितियाँ और वास्तविक सुख-दुःख बताती है।

🔹 चंद्र कुंडली किसलिए देखी जाती है? 

चंद्र कुंडली मन, भावनात्मक स्थिति और मानसिक प्रतिक्रिया समझने के लिए देखी जाती है।

🔹 क्या केवल चंद्र कुंडली से भविष्यवाणी हो सकती है?

 हाँ, विशेषकर जब जन्म समय उपलब्ध न हो।

🔹 गत्यात्मक ज्योतिष में कौन अधिक महत्वपूर्ण है? 

दोनों, लग्न जीवन बताती है, चंद्र मन।

लिए सिर्फ जन्मतिथि के आधार को लेकर चंद्रकुंडली बनाकर आपके लिए सटीक भविष्यवाणियों के लिए संपर्क करें - 8292466723, gatyatmakjyotishapp@gmail.com
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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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