Are covid cases increasing in india
बहुत गंभीर बातें लिखी जा रही हैं, कृपया राजनीतिक रंग देने की कोशिश न करें। सरकार ने अपने नुकसान की परवाह न करके थोड़े देर से ही सही, पर लॉक डाउन की घोषणा तो की। सरकार ने स्पष्ट बोल था कि ये तीन महीने हमें अपने घर के अंदर रहकर काटने हैं, जो समर्थ हैं अपने खाने पीने की व्यवस्था करें, गरीबों के खाने की व्यवस्था सरकार करेगी। जिनतक सरकार नहीं पहुँच पाए, उनतक समाज के लोग मदद करें। भीषण संकट की घडी है, व्यवसायी अपने एम्प्लाइज के खाने पीने की व्यवस्था करें। मकान मालिक किराया न लें, बैंक EMI न लें। यदि ये सब होता तो कोरोना के केसेज इतने न बढ़ते, गड़बड़ी कहाँ कहाँ आयी, आपलोग ध्यान दें।
Why covid cases rising in india
मैं तो इतना कहूंगी कि जनता ने इस लॉक डाउन को गंभीरता से नहीं लिया। प्रशासन को, पुलिस को, डॉक्टर्स को, नर्सों को काफी दवाब आया। जो बाहर न निकले, वे भी सोसाइटी में पिकनिक मनाते दिखें। घर में किसी एक को सर्दी-बुखार हुआ तो किसी ने खुद से क्वैरेन्टाइन नहीं किया। पूरे घर, सोसाइटी में घूमते मिले। लोगों ने कोरोना की गंभीरता को नहीं समझा। मजदूरों को स्थायित्व का खतरा दिखा। फुर्सत में होम सिकनेस बना, रोज रोज भीड़ इकट्ठी करते रहें। लॉक डाउन के तीसरे दिन से ही यत्र-तत्र जो भीड़ दिखी, वह इसी ओर इशारा करती है। हर जगह सिर्फ लाचारों की भीड़ नहीं थी, हठी की भी भीड़ थी। तीन महीने तो किसी तरह गुजारने थे, सबलोगों को घर में रहकर जीवन जी लेना था, कुछ भी खाकर। सब्जी, दूध की इतनी मारामारी क्यों, हमारे जनरेशन तक पहुँचने के लिए हमारे पूर्वजों ने कितनी मेहनत की है हम भूल गए।
Why covid cases increasing in india
संकट के समय जानवर भी एकजुटता को महत्व देते आये हैं, लेकिन हमें नहीं देनी थी । कुल मिलाकर एक बात कही जा सकती है कि एकजुटता की कमी से भारत ने बहुत जगह हार मानी है, लोग माने न माने कोरोना काल का इतिहास भी एकजुटता की कमी का इतिहास बनेगा। उनके द्वारा की जानेवाली लापरवाही भविष्य में सबको कोरोना के चक्र में झोंकेगी, जबतक गलती का अहसास होगा, काफी देर हो चुकी होगी। एक बात यह भी है कि जिस देश मे जागरूकता इतनी कम हो कि हेलमेट और सीट बेल्ट भी फाइन के डर से पहनते हों, वहाँ जनता से कुछ उम्मीद करनी भी बेकार है. हमारे यहाँ अभी कोरोना नहीं आया है, यह बात देशभर मे हर जगह हर महीने फेल हो रही है, फिर भी अभीतक लोग यही बात कर रहे हैं।
Recovery rate of coronavirus
कोरोना के रिकवरी रेट पर मत जाइये, रिकवरी के पहले पूरे महीने जो झेलना पड़ेगा, उसे समझिए ! नादानी मत कीजिए ! कुछ दिनों जरूरी बातों के लिए ही बाहर निकलें ! घर मे रहेंगे तो एक साल पीछे जायेंगे ! बाहर निकले और कोरोना हुआ तो पूरे परिवार डिस्टर्ब होंगे ! कई साल पीछे जायेंगे ! परिवार मे कोई दुर्घटना हो गयी तो जीवनभर खुद को माफ़ न कर सकेंगे ! दूसरे क्या कर रहे हैं, नक़ल न कीजिए ! आप सही कीजिए, दूसरे नक़ल करेंगे ! कोरोना जहाँ फ़ैल जाता है, संभालना मुश्किल होता है ! जहाँ नहीं फैला है, वहाँ फैलने न दें ! सरकार ने पहले दिन ही हाथ खड़े कर दिए थे ! उनसे कुछ उम्मीद नहीं कीजिए ! जब लॉक डाउन का पालन ही नहीं हुआ तो अब सरकार को गाली देने से कुछ नहीं होगा ! अधिक से अधिक लोग पोस्ट को शेयर कीजिए ! ताकि लोग पढ़कर कुछ समझें, भीड़ न बनायें ! बिलकुल जरूरी काम से ही बाहर निकले लोग ! हर जगह भीड़ हो रही है !
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