🔱 कुंडली में भाव कैसे देखें? | Janam Kundali Kaise Dekhe (Gatyatmak Jyotish Guide) 🌌

 🔱 कुंडली में भाव कैसे देखें? | Janam Kundali Kaise Dekhe (Gatyatmak Jyotish Guide) 🌌

✨ भूमिका 

कुंडली में भाव देखना केवल खाने गिनना नहीं है, बल्कि जीवन की दिशा, प्रवृत्ति और घटनाओं को समझने की वैज्ञानिक प्रक्रिया है। गत्यात्मक ज्योतिष भावों को स्थिर नहीं, बल्कि चलायमान शक्ति-केंद्र मानता है। कुंडली में भाव देखना केवल खाने गिनना नहीं है, बल्कि जीवन की दिशा, प्रवृत्ति और घटनाओं को समझने की वैज्ञानिक प्रक्रिया है। गत्यात्मक ज्योतिष भावों को स्थिर नहीं, बल्कि चलायमान शक्ति-केंद्र मानता है।

कुंडली में भाव कैसे देखें – लग्न से भावों की सही गणना और गत्यात्मक ज्योतिष


📌 Table of Contents

  1. कुंडली में भाव देखने की मूल विधि

  2. बारह भावों का गत्यात्मक अर्थ

  3. भावेश क्या है और क्यों बदलता है

  4. अंकों के अनुसार ग्रह स्वामित्व का सिद्धांत

  5. सभी लग्नों में भावेश निर्धारण (व्यावहारिक समझ)

  6. पारंपरिक ज्योतिष बनाम गत्यात्मक ज्योतिष

  7. Practical Applications: जीवन के निर्णयों में उपयोग

  8. Myth vs Fact: कुंडली को लेकर भ्रम

  9. FAQs (People Also Ask)

  10. निष्कर्ष व मार्गदर्शन

  11. Author Bio & Trust Disclaimer

🔍 1. कुंडली में भाव देखने की मूल विधि 

अधिकांश लोग जन्म कुंडली देखते समय यह गलती करते हैं कि वे कुंडली में लिखे अंकों को ही भाव मान लेते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि: 👉 कुंडली का पहला भाव हमेशा लग्न से शुरू होता है, चाहे वहां कोई भी अंक क्यों न लिखा हो। यही गत्यात्मक ज्योतिष का मूल आधार है।

महत्वपूर्ण तथ्य: चाहे कुंडली में कोई भी अंक लिखा हो, पहला भाव लग्न ही रहेगा और बारहवाँ भाव वहीं समाप्त होगा।

🧭 2. बारह भावों का गत्यात्मक अर्थ (Gatyatmak  Interpretation)

 भाव जीवन क्षेत्र 

1 स्वास्थ्य, आत्मविश्वास 

2 धन, कुटुंब

 3 भाई-बहन, साहस

 4 माता, संपत्ति, सुख

 5 बुद्धि, संतान

 6 रोग, झंझट, प्रतिस्पर्धा

 7 विवाह, साझेदारी

 8 जीवनशैली, रूटीन 

9 धर्म, विचार 

10 पिता, सामाजिक-राजनीतिक स्थिति 

11 लाभ, लक्ष्य 

12 खर्च, बाहरी संसार

👉 गत्यात्मक ज्योतिष में भाव स्थिर नहीं होते, उनकी शक्ति ग्रहों की गति से बदलती रहती है।

🪐 3. भावेश क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है? 

भावेश = उस भाव का स्वामी ग्रह

उदाहरण - 

यदि किसी भाव में मेष या वृश्चिक अंक हो → स्वामी मंगल

वृष या तुला → शुक्र

मिथुन या कन्या → बुध

कर्क → चंद्र

सिंह → सूर्य

धनु या मीन → बृहस्पति

मकर या कुम्भ → शनि

📌 अंक बदलने से भावेश बदलता है, भाव नहीं।

♈ 4. लग्न अनुसार भावेश व्याख्या (संक्षिप्त उदाहरण) 

🔴 मेष लग्न 

स्वास्थ्य → मंगल

धन → शुक्र

झंझट → बुध

संपत्ति → चंद्र

संतान → सूर्य

भाग्य/खर्च → बृहस्पति

सामाजिक जीवन → शनि

🟢 वृष लग्न स्वास्थ्य → शुक्र

धन → बुध

संतान → बुध

संपत्ति → सूर्य

जीवनशैली → बृहस्पति

सामाजिक स्थिति → शनि

खर्च → मंगल

👉 इसी प्रकार सभी 12 लग्नों में भावेश बदलते हैं

💼 5. Practical Applications

 Career: 10वाँ + 11वाँ भाव

Health: 1, 6, 8 भाव

Finance: 2, 11 भाव

Decision-Making: गोचर + भावेश शक्ति

❌ 6. Myth vs Fact

 Myth: कुंडली सब कुछ तय कर देती है। 

Fact: कुंडली परिस्थितियां तय करती हैं, निर्णय इंसान करता है। 

Myth: एक ग्रह सब बिगाड़ देता है। 

 Fact: सभी ग्रह मिलकर फल देते हैं। 

❓ 7. FAQs (People Also Ask)

  1. कुंडली में पहला भाव कैसे पहचानें?

लग्नभाव पहला भाव होता है। 

  1. क्या भाव और राशि एक ही होते हैं?

राशि का क्रम मेष से शुरू होता है, लेकिन भाव का क्रम लग्न से शुरू होता है। 

  1. गत्यात्मक ज्योतिष क्या अलग है?

परंपरागत ज्योतिष ग्रहों की स्थिति को लेकर भविष्यवाणी करता है, जबकि गत्यात्मक ज्योतिष ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति को लेकर। 

  1. भावेश कमजोर हो तो क्या होता है?

भावेश कमजोर हो तो भाव से जुड़े सभी सन्दर्भ कमजोर होते हैं। 

  1. क्या एक भाव दो ग्रहों से प्रभावित हो सकता है?

हाँ, एक भाव उसके स्वामी और उसमे मौजूद सभी ग्रहों के आधार पर चलता है, इसलिए भाव दो ही नहीं, कई ग्रहों से प्रभावित हो सकता है। 

  1. लग्न बदलने से पूरा फल क्यों बदल जाता है?

लग्न बदलता ही सभी भाव बदल जाते हैं, क्योंकि उनकी गणना लग्न के आधार पर ही होती है। 

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👤 Author Bio

लेखिका : संगीता पुरी, गत्यात्मक ज्योतिष विशेषज्ञा, #100womenachiever selected by Indian Govt. in 2016

40+ वर्षों का गत्यात्मक ज्योतिष का अध्ययन,  पारंपरिक और गत्यात्मक ज्योतिष के समन्वय में क्रियाशील । उनका उद्देश्य ज्योतिष को कर्मकांड से निकालकर तार्किक, उपयोगी और आधुनिक दृष्टि देना है। अनुभव आधारित लेखन उनकी विशेषता है।

🔬 वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Disclaimer सहित)

'गत्यात्मक ज्योतिष'  विज्ञानके रूप में  अनुभवजन्य और सांस्कृतिक ज्ञान प्रणाली है, जिसे मार्गदर्शन के रूप में देखना चाहिए।यह चिकित्सा या विज्ञान का विकल्प नहीं है। गत्यात्मक ज्योतिष को Guidance Tool के रूप में समझें तो बहुत सुविधा होगी।


संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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