काश आई पी एस अफसर राहूल शर्मा को भी किसी का सहारा मिला होता !!!!

ज्‍योतिष के क्षेत्र में 20 वर्षों से अधिक के अध्‍ययन के बावजूद प्रतिदिन कुछ ग्रहों के आम जनजीवन पर पडनेवाले नए नए रहस्‍यों की जानकारी के मोह ने मुझे अभी तक ज्‍योतिष को प्रोफेशनल ढंग से नहीं लेने दिया , पर यत्र तत्र गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष से संबंधित लेखों के प्रकाशित होते रहने के कारण मुझसे सलाह के लिए मिलने या फोन करने वालों की कमी भी नहीं। एक डॉक्‍टर और एडवोकेट की तरह ही मुझसे संपर्क करनेवाले भी किसी न किसी समस्‍या से जूझ रहे होते हें।  ज्‍योतिष के व्‍यावहारिक स्‍वरूप को मजबूत बनाने के लिए लोगों के समक्ष उपस्थित होने वाली समस्‍याओं को समझना और विभिन्‍न ग्रहों के साथ उनका सहसंबंध स्‍थापित करते हुए शोध को आगे बढाना भी मेरे लिए आवश्‍यक है , इसलिए नई कुंडहलयों के साथ लोगों से मिलना आवश्‍यक भी है। इसलिए ग्रहों के प्रभाव की अभी तक की जानकारी के आधार पर समय निकालकर मैं अधिकांश लोगों को उनकी ग्रहस्थिति के आधार पर ज्‍योतिषीय परामर्श अवश्‍य दिया करती हूं।

वैसे तो हर कोई को जन्‍म लेने के बाद ही एक सा वातावरण नहीं मिलता है , कोई अमीर तो कोई गरीब या भिखारी के घर भी , कोई सुंदर और स्‍वस्‍थ , तो कोई कुरूप और अस्‍वस्‍थ या अपंग भी , कोई तेज दिमाग का , तो कोई कमजोर दिमाग और कोई  तो कोई मानसिक बीमारी के साथ जन्‍म लेता है। पूरे जीवन में भी कोई किसी संदर्भ में बडी तो कोई छोटी सफलता या असफलता से जूझता रहता है , पर इसे लेकर जनसामान्‍य कुछ खास परेशानी महसूस नहीं करता, क्‍यूंकि अपनी अपनी परिस्थिति के हिसाब से ही जीने की उसकी आदत बनी होती है ।  लेकिन बिना किसी प्रकार की गडबडी के अचानक किसी प्रकार की असामान्‍य परिस्थिति उनके जीवन में आ जाती है , तो लोगों को किसी अज्ञात शक्ति के प्रति आकर्षित होना स्‍वाभाविक होता है और इसलिए वे ज्‍योतिषी या किसी अन्‍य जानकार के पास जाते हैं।

हम सभी जानते हैं कि जहां जीवन है , वहां बदलाव है । प्रकृति में दिन है तो रात भी , अंधेरा है तो उजाला भी , वसंत है तो पतझड भी। पर अपने जीवन में सिर्फ सुख ही सुख की कामना करते हैं। कष्‍ट आते ही हमारी बेचैनी बढ जाती है , जबकि सुख का समय हमे जीवन में किताबी ज्ञान के सिवा कुछ नहीं देता , व्‍यवहारिक ज्ञान हम कष्‍ट के समय ही प्राप्‍त करते हैं। अपने पास आनेवाले अधिकांश लोगों को मैं अनुकूल समय का इंतजार करने की ही सलाह देती हूं ,  'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' के हिसाब से लोगों के जीवन में आनेवाली समस्‍याएं भी दो प्रकार की होती हैं , पहली उनके जन्‍म कालीन ग्रहों के हिसाब से आने वाली , यह सामान्‍य ढंग होती हैं , इसलिए कुछ दिनों , महीनों या वर्षों का इंतजार करना लोगों के लिए कठिन नहीं होता है। प्रकृति ने उस परिस्थिति के हिसाब से जीने के लिए उसके बॉडी की प्राग्रामिंग कर दी होती है।

पर समय समय पर आसमान में अलग अलग स्थिति और शक्ति के हिसाब से चल रहे ग्रहों के कारण कोई समस्‍या उपस्थित होती है , तो यह विशेष ढंग की होती है , कभी दो चार दिनों , तो कभी दो चार महीनों या कई कई वर्षों तक आनेवाली ये समस्‍या लोगों के व्‍यक्त्त्वि के बिल्‍कुल प्रतिकूल वातावरण तैयार करती है , इसे झेल पाना लोगों के लिए बहुत ही कठिन हो जाता है। इसलिए लोग तुरंत ही उससे छुटकारा प्राप्‍त करना चाहते हैं , पर उनके पास कोई साधन नहीं होता है। इस वक्‍त कितना भी हाथ पांव चलाएं , कोई फायदा नहीं दिखता , आगे भी उन्‍हें अंधेरा ही अंधेरा नजर आने लगता है ,  वैसी हालत में निराश शारीरिक या मानसिक तौर पर कमजोर हो जाते हैं , इसी वक्‍त आत्‍म हत्‍या करने तक की सोंच लेते हैं। 

पूरी दुनिया जानती है कि आज के प्रतियोगिता के दौर में सफल और असफल लोगों के मध्‍य भाग्‍य या संयोग की भूमिका कम नहीं , फिर भी आज समाज की जीवन शैली इतनी बिगड गयी है कि इन्‍हें इस दौरान कहीं से भी ढाढस के दो शब्‍द नहीं मिलते , दुनिया सफल लोगों के गुणगान में लगी होती है , असफल लोगों को जगह मिलना मुश्किल होता है। अपने पास आनेवाले ऐसे परेशान लोगों की नियमित काउंसलिंग करके मैं उन्‍हें गुमराह होने से बचाती हूं , अनेक उदाहरण हैं मेरे पास। इसमें से ही एक की चर्चा कल ललित शर्मा जी ने अपने पोस्‍ट में की थी , जिसमें वे भी शामिल थे। हमने अपने अध्‍ययन में पाया है कि आसमान में चल रहे प्रतिकूल ग्रह की खास स्थिति से दूर होते ही पुन: कोई न कोई उपाय निकलता है और वातावरण पूर्ववत हो जाता है। जो भी समस्‍याएं चल रही होती हैं , उनसे निजात मिल जाती हैं , भले ही इस दौरान उन्‍हें शारीरिक या मानसिक कष्‍ट के दौर से गुजरना पडा हो। इसलिए ऐसे समय में उन्‍हे सहारा देने  की आवश्‍यकता होती है , काश आई पी एस अफसर राहूल शर्मा को भी किसी का सहारा मिला होता !!!!
संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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