प्रश्न कुंडली कैसे बनाये ?

प्रश्न कुंडली कैसे बनाये ?(Prashna kundli kaise banaye)

बहुत सारे ज्योतिषी मूल कुंडली के अभाव में प्रश्नकुंडली से ही यजमानों की समस्याओं को समझने की चेष्‍टा करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान भी करते हैं! यजमानो के प्रश्न पूछने के समय को वे प्रश्न का जन्मकाल मानते हैँ, उस समय की जन्मकुंडली बनाकर उस जन्मकुंडली में प्रश्न का उत्तर तलाशते हैँ! 

मूल कुंडली के अभाव में प्रश्नकुंडली की विवेचना भलमनसाहत के साथ ही साथ एक सद्प्रयास की बात हो सकती है , किन्तु इसके माध्यम से वस्तुत: उद्देश्य-पूर्ति में कामयाबी भी मिलती होगी , इसपर हमें संदेह है। इस प्रकार की प्रक्रिया अपनाकर ज्योतिशी किसी न किसी प्रकार की उलझन में ही फंसते चले जाते हैं।

 जब हजारों वर्षों के प्रयास से आजतक फलित ज्योतिष का जितना विकास हुआ है , उससे मूल कुंडली की ही सही व्याख्या और घटनेवाले घटनाओं के सही समय की जानकारी नहीं दी जा सकती है , तो प्रश्नकुंडली से क्या सही कहा जा सकता है , यह सोंचनेवाली बात हो सकती है ? 

प्रश्न कुंडली फलादेश (Prashna kundli faladesh)

मूल कुंडली किसी भी व्यक्ति के समग्र चरित्र , विचारधाराओं , मूल प्रवृत्तियो , संस्कार , कार्यक्षमता , मंजिल , संसाधन और सुख-दुख का परिचायक होती है। जन्मकालीन ग्रहों की स्थिति और गति सर्वदा प्रकृति के भिन्न और अनोखे स्वरुप का ही प्रतिनिधित्व करती है। प्रकृति या शिव का स्वरुप प्रतिक्षण बदलता है। प्रकृति का स्वरुप शाश्वत होते हुए भी अनंतस्वरुपा है। एक बार जो दिखाई पड़ा , उसे पुन: देख पाना काफी कठिन है। अत: प्रश्नकुंडली के द्वारा व्यक्ति की मूल कुंडली की व्याख्या या मौलिक विशेषताओं का एक अंश भी सही चित्रण कर पाना काफी कठिन होगा।

प्रश्नकुंडली बनाकर ज्योतिशी निश्चित रुप से अपने उद्देश्य पूर्ति में 12 लग्नों के बीच के एक लग्न का चयन कर लेते हैं और उसे ही उस जातक की नियति समझ बैठते हैं , फिर वही संभावना और लॉटरी की चर्चा हो गयी , जिससे आजतक फलित ज्योतिश गुमराह होते हुए कश्टकर परिस्थितियों से गुजर रहा है। लॉटरी से संबंधित भाग्यफल जैसा कि मैने पहले ही कहा है , आहत और व्याकुल मन की शांति के लिए अस्थायी राहत प्रदान करने वाला हो सकता है , किन्तु किसी भी हालत में पक्की और स्थायी भविष्‍यवाणी का सशक्त आधार नहीं हो सकता।

प्रश्न कुंडली कैसे देखें ?(Prashn Kundali kaise dekhen )

लेकिन इसके बावजूद गोचर से सम्बंधित प्रश्नो के जवाब देने में प्रश्नकुंडली महत्वपूर्ण रोल अदा कर  सकती है। जन्म कुंडली न होने की स्थिति में बहुत सारे ज्योतिषी जॉब के लिए परेशां युवकों को प्रश्नकुंडली से सलाह देते नजर आते हैं, जो हमारी दृष्टि में सही नहीं है।  जॉब कब होगी , कहाँ होगी , इसका अनुमान प्रश्नकुंडली से नहीं किया जा सकता।  लेकिन यदि जॉब में कोई समस्या चल रही हो , गलत स्थान पर ट्रांसफर हो गया हो , किसी प्रकार का इल्जाम लग गया हो , उसके उपस्थित होने के समय देखकर , उस समय की कुंडली बनाकर समस्या के समाधान को समझा जा सकता है। 

प्रश्नकुंडली में विवाह (Prashna kundli for marriage)

इसी तरह प्रश्नकुंडली से किसी की शादी-विवाह का समय निकालना संभव नहीं है। यदि बात कहीं गंभीर तौर पर बनने के बाद रुकावट आ गयी हो, सबकुछ अच्छा होने के बाद वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ गयी हो तो उस समय की प्रश्नकुंडली बनाकर परेशानी के अंत के समय क अनुमान संभव है। इसका अर्थ यही है कि जन्मकुंडली न होने की स्थिति में किसी भी मामले में समस्या के उपस्थित होने की कुंडली बनाकर समस्या के समाधान का समय बताया जा सकता है, लेकिन जन्मकुंडली की तुलना में इसकी सत्यता का प्रतिशत कुछ कम होगा। 

prashn kundali kaise banaye ?

प्रश्न कुंडली बनाने की विधि (prasn kundli kaise dekhe)

गत्यात्मक ज्योतिष मानता है कि प्रश्न पूछने के समय को नहीं, वरन वास्तव में घटना उपस्थित होने से आपके मस्तिष्क में जिस समय कोई प्रश्न आता है, किसी समय खास परिस्थितिया उपस्थित होती हैँ, उस समय को प्रश्नकुंडली बनाने के लिए लिया जाये, तो गोचर के प्रभाव से किस समय खास परिस्थितिया उपस्थित हुई, जिनके करण किसी के मन में कोई प्रश्न आया तो इसका समाधान कब हो सकता है, इसके बारे में संभावना व्यक्त की जा सकती है।

 पर आजतक प्रश्नकुंडली बनाने का आधार भी गलत लिया जाता रहा है। प्रश्नकुंडली में प्रश्न पूछने का समय नहीं लेकर कुंडली नहीं बनानी चाहिए। प्रश्न के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों के उपस्थित होने का समय लिया जाना चाहिए!

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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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