आसमान में मंगल की खास स्थिति के कारण कई दिनों से चल रही आलेखों के कई और आयाम बाकी ही रह गए हैं। खास 12 - 13 अक्तूबर 2009 से चल रही इस खास ग्रह स्थिति के कारण युवा वर्ग के सम्मुख नई नई चुनौतियां , नए नए कार्यक्रम और नई नई संभावनाओं के दिखाई पडने की शुरूआत हो चुकी है। चारो ओर से हमें किसी न किसी प्रकार की सूचना प्राप्त हो रही है। कोई नई नौकरी , नए प्रोमोशन या नए प्रोजेक्ट का लेकर उत्साहित है , तो कोई घर बसाने , मकान बदलने या लेने की तैयारी में जुट गए हैं । कुल मिलाकर अधिकांश युवाओं की ओर से खुशियों भरी , तो कुछ की ओर से कष्टपूर्ण माहौल की भी घटना उपस्थित हुई है।
कुछ युवाओं की ओर से मुझे यह भी सूचना मिली कि उनका जन्म मेरे लिखे गए समयांतराल में नहीं हुआ है , फिर भी मेरे लिखे अनुसार ही मंगल के प्रभाव से वे प्रभावित हैं। वैसे पाठको को यह जानकारी देना चाहूंगी कि आसमान में खास ग्रह स्थिति के अनुसार जिन लोगों पर स्पष्टत: मंगल प्रभावी रहेगी , उन्हीं के जन्मतिथियों की बात मैने की है , पर इसके अलावे बहुत से ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं , जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर या मजबूत हो सकता है। यदि वैसा हुआ , तो उनके सामने मंगल का अच्छा बुरा प्रभाव उसी तरह ही पडेगा यानि 24 वर्ष की उम्र के बाद उनकी सफलता या समस्या की शुरूआत होगी और 30 वें वर्ष तक सफलता या समस्या अपनी चरम सीमा पर होगी। पर मंगल बुरा होने के बावजूद वे उनलोगों की तुलना में कुछ कम कठिनाई और कष्ट झेलेंगे , जिनके मंगल के बुरे प्रभाव के बारे में मैने स्पष्टत: लिखा है।
इस आलेख में जिस खास बात की चर्चा करनी थी , वह यह कि मंगल के अच्छे या बुरे रहने से युवावस्था में व्यक्ति सामान्य तौर पर अच्छा या बुरा प्रभाव तो प्राप्त करता ही है और उसकी जीवन यात्रा कठिन हो ही जाती है , पर आवश्यक नहीं कि वो हर मामले में सुखी या दुखी ही हो । किसी किसी मामले में वो मंगल के विपरीत सफलता या असफलता प्राप्त कर सकता है। पर व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल जातक के जिन जिन संदर्भों का स्वामी होता है , उससे संबंधित सुख या कष्ट झेलना अवश्यंभावी होता है , इस प्रकार विभिन्न लग्नवाले मंगल की शक्ति में कमी या बेशी के अनुरूप युवावस्था में भिन्न भिन्न प्रकार के सुख या कष्ट झेला करते हैं , जो निम्न प्रकार हैं .....
मेष लग्नवाले ... अपने स्वास्थ्य या जीवनशैली से संबंधित ,
वृष लग्नवाले ... अपनी घर गृहस्थी, खर्च या विदेश यात्रा से संबंधित,
मिथुन लग्नवाले ... लाभ में कमी और किसी प्रकार के झंझट से संबंधित,
कर्क लग्नवाले ... बुद्धि , ज्ञान , संतान , पद और प्रतिष्ठा से संबंधित,
सिंह लग्नवाले ... भाग्य की मजबूती और हर प्रकार की छोटी बडी संपत्ति से संबंधित ,
कन्या लग्नवाले ... भाई बहन बंधु बांधव और जीवनशैली से संबंधित ,
तुला लग्नवाले ... धन संपत्ति और घर गृहस्थी से संबंधित ,
वृश्चिक लग्नवाले ... स्वास्थ्य और प्रभाव से संबंधित ,
धनु लग्नवाले ... बुद्धि , ज्ञान , संतान , खर्च और विदेश यात्रा से संबंधित,
मकर लग्नवाले ... हर प्रकार की छोटी बडी संपत्ति , लाभ और स्थायित्व से संबंधित,
कुंभ लग्नवाले ... भाई बहन , बंधु बांधव , सहयोगी , पिता और पद प्रतिष्ठा से संबंधित ,
मीन लग्नवाले ... भाग्य और धन से संबंधित ,
इसके अलावे मंगल जिस राशि में होता है , उससे संबंधित सफलता या समस्या भी युवावस्था में दिखाई पडती है। आनेवाले छह महीने में खासकर उपरोक्त लग्नवाले मंगल से संबंधित इन खुशियों या कष्ट को प्राप्त करेंगे ।
समझ नहीं आता आप ज्योतिषियों को हमेशा दूसरों के भविष्य की इतनी चिंता क्यों सताती रहती है जबकि खुद का वर्तमान क्या कहता है, सही से मालूम भी न होगा।
जवाब देंहटाएंअंशुमाली रस्तोगी जी,
जवाब देंहटाएंकिसी के आलेख को पढे बिना और उसके मंतब्य को समझे बिना टिप्पणी करना उचित नहीं .. इसलिए आज ही टिप्पणी बॉक्स के पास यह लगा रही हूं ....
कृपया ज्योतिष के बारे में पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर टिप्पणी न करें .. मेरे आलेख को पढकर अच्छी तरह समझ कर उससे संबंधित ही प्रश्न करें .. मेरे द्वारा आपके हर प्रश्न का जबाब दिया जाएगा !!
जहां और जिस जगह बहस करने से व्यक्ति बचने लगता है तो यही कहा जाता है कि किसी ने उसके लेख को ढंग से नहीं पढ़ा। जहां तक ज्योतिष पर मेरा स्टैंड है वो तो बदलने से रहा।
जवाब देंहटाएंमैंने यह टिप्पणी आपके लेख को पढ़कर ही दी है।
शुक्रिया इस जानकारी के लिए
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी की अच्छे समय चल रहे हैं मेरे... सो प्रयाश दूना कर रहा हूँ ..उम्मीद है इंतजार ख़त्म होंगे अब ....आलेख के लिए धन्यवाद ...
जवाब देंहटाएं" कुल मिलाकर अधिकांश युवाओं की ओर से खुशियों भरी , तो कुछ की ओर से कष्टपूर्ण माहौल की भी घटना उपस्थित हुई है। "
जवाब देंहटाएंयह स्थिति तो हमेशा से ही रही है॥
@अंशुमाल रस्तोगी जी,
जवाब देंहटाएंमैने आलेख के शुरूआत में लिखा ....
खास 12 - 13 अक्तूबर 2009 से चल रही इस खास ग्रह स्थिति के कारण युवा वर्ग के सम्मुख नई नई चुनौतियां , नए नए कार्यक्रम और नई नई संभावनाओं के दिखाई पडने की शुरूआत हो चुकी है। चारो ओर से हमें किसी न किसी प्रकार की सूचना प्राप्त हो रही है। कोई नई नौकरी , नए प्रोमोशन या नए प्रोजेक्ट का लेकर उत्साहित है , तो कोई घर बसाने , मकान बदलने या लेने की तैयारी में जुट गए हैं । कुल मिलाकर अधिकांश युवाओं की ओर से खुशियों भरी , तो कुछ की ओर से कष्टपूर्ण माहौल की भी घटना उपस्थित हुई है।
यदि आपने इसे पढा और समझा .. तो आपको सीधा यही कहना चाहिए कि आप भी युवा हैं और इधर एक महीने के अंदर आपके सामने कोई नया कार्यक्रम न तो बना और न ही कुछ दिखाई दे रहा .. इसे तर्क कहते हैं .. पर आप तो पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर सीधा कहते हैं कि ज्योतिष के प्रति मेरा जो स्टैण्ड है .. वह तो बदलने से रहा .. इसे मेरे ब्लाग पर लिखने की क्या जरूरत .. जो ज्योतिष से रूचि रखते हैं .. ज्योतिष के बारे में जानना चाहते हैं .. वाद विवाद करना चाहते हैं .. उनका मेरे ब्लाग पर स्वागत है !!
@सी एम प्रसाद जी,
आपने भी मेरी इस बात को समझने की कोशिश नहीं की कि पिछले महीने से मंगल की जो स्थिति चल रही है .. उसके कारण 80 प्रतिशत से अधिक युवा वर्ग के सामने नए नए कार्यक्रम बन रहे हैं .. मेरे पास प्रतिदिन ऐसे फोन आ रहे हैं .. लोग सूचना दे रहे हैं .. आप भी आसपास ध्यान दें .. और गलत लगे तो कहें !!
" आसमान में खास ग्रह स्थिति के अनुसार जिन लोगों पर स्पष्टत: मंगल प्रभावी रहेगी , उन्हीं के जन्मतिथियों की बात मैने की है , पर इसके अलावे बहुत से ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं , जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर या मजबूत हो सकता है। यदि वैसा हुआ , तो उनके सामने मंगल का अच्छा बुरा प्रभाव उसी तरह ही पडेगा यानि 24 वर्ष की उम्र के बाद उनकी सफलता या समस्या की शुरूआत होगी और 30 वें वर्ष तक सफलता या समस्या अपनी चरम सीमा पर होगी। पर मंगल बुरा होने के बावजूद वे उनलोगों की तुलना में कुछ कम कठिनाई और कष्ट झेलेंगे , जिनके मंगल के बुरे प्रभाव के बारे में मैने स्पष्टत: लिखा है। "
जवाब देंहटाएं" aapke dwara is anmol jankari mili is liye aapka sukriya aur dhanyawad "
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http://eksacchai.blogspot.com
"आसमान में खास ग्रह स्थिति के अनुसार जिन लोगों पर स्पष्टत: मंगल प्रभावी रहेगी , उन्हीं के जन्मतिथियों की बात मैने की है , पर इसके अलावे बहुत से ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं , जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर या मजबूत हो सकता है। यदि वैसा हुआ , तो उनके सामने मंगल का अच्छा बुरा प्रभाव उसी तरह ही पडेगा यानि 24 वर्ष की उम्र के बाद उनकी सफलता या समस्या की शुरूआत होगी और 30 वें वर्ष तक सफलता या समस्या अपनी चरम सीमा पर होगी। पर मंगल बुरा होने के बावजूद वे उनलोगों की तुलना में कुछ कम कठिनाई और कष्ट झेलेंगे , जिनके मंगल के बुरे प्रभाव के बारे में मैने स्पष्टत: लिखा है। "
जवाब देंहटाएं" aapke dwara di gayi ye anmol jankari ke liye aapka sukriya "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
जान लिया!! :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जान्कारी दी आप ने धन्यवाद
जवाब देंहटाएंachhaa laga.
जवाब देंहटाएंbadhaai !
सुन्दर जानकारी है संगीताजी ! किसी की परवाह किये बगैर अपनी धार दर लेखनी से उत्साह और उमंग से हमें अवगत करवाते रहिये| ज्योतिष विद्या का महत्व जो यहाँ आलोचना कर रहे हैं वो भी जानते हैं| बस उनको बहस करने की लत है !
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी ।
जवाब देंहटाएंअशुंमाली जी क्या आप बता सकते हैं,पंरापरागत और गत्यातमक ज्योतिष में क्या अन्तर है?
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