हनुमान पचासा'

श्री श्रद्धानंद पांडेय जी द्वारा लिखित 'हनुमान पचासा'

हनुमान पचासा जय हनुमान दास रघुपति के। कृपामहोदधि अथ शुभ गति के।। आंजनेय अतुलित बलशाली। महाकाय रविशिष्‍य सुचाली।। शुद्ध रहे आचरण निरंतर। रहे सर्वदा शुचि अभ्‍यंतर।। बंधु स्‍नेह का ह्रास न होवे। मर्यादा का नाश न होवे।। बैरी का संत्र…

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