श्री श्रद्धानंद पांडेय जी द्वारा लिखित 'हनुमान पचासा' byसंगीता पुरी •11:39:00 pm हनुमान पचासा जय हनुमान दास रघुपति के। कृपामहोदधि अथ शुभ गति के।। आंजनेय अतुलित बलशाली। महाकाय रविशिष्य सुचाली।। शुद्ध रहे आचरण निरंतर। रहे सर्वदा शुचि अभ्यंतर।। बंधु स्नेह का ह्रास न होवे। मर्यादा का नाश न होवे।। बैरी का संत्र…