'गत्यात्मक ज्योतिषीय अनुसंधान केन्द्र' के द्वारा ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति की खोज के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस विशाल ब्रह्मांड में हर घटना एक दूसरे पर आधारित है और विभिन्न प्रकार की किरणों या गुरूत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव से इनमें से कोई भी अछूता नहीं। जिस तरह हर पशु और पक्षियों में अपने जीन के हिसाब से उसके क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं , उसी प्रकार हर व्यक्ति अपने जन्मकालीन ग्रहों के हिसाब से अपनी शक्ति प्राप्त करता है और अपने अपने कर्तब्यों का पालन करता है। हां, युग , समाज और काल के हिसाब से व्यक्ति विशेष में थोडा बहुत परिवर्तन देखने को मिलता है , उसे हम पृथ्वी के अलग अलग भाग का प्रभाव या इसमें होनेवाले परिवर्तन का प्रभाव मान सकते हैं।
व्यक्ति विशेष पर ग्रहों के प्रभाव का विशद अध्ययन के बाद हमने पृथ्वी की जलवायु पर ग्रहों के प्रभाव को समझना चाहा , तो इन दोनो में दिखाई देनेवाला सहसंबंध हमें इसके अध्ययन के शौक को बढाता रहा। इस दिशा में हमारी खोज के आधार पर 2010 के पूरे वर्षभर के मौसम पर लिखा गया एक आलेख आप कुछ ही दिनों में आपको मिल जाएगी। मैं यह नहीं कह सकती कि जलवायु को प्रभावित करने सारे ग्रहीय कारकों की हमें जानकारी हो चुकी है , 40 प्रतिशत की ही जानकारी हमें हो सकती है , 60 प्रतिशत तक की खोज बाकी हो सकती है।
पर खास तिथि को खास ग्रहीय स्थिति को देखते हुए जलवायु की कोई भविष्यवाणी का सटीक हो जाना इस संबंध को मान्यता दिलाने के लिए काफी है, जो कि पिछले वर्ष कई बार हो चुका। जलवायु पर ग्रहों के प्रभाव को देखने के बादए भूकम्प जैसी घटनाओं पर भी ग्रहों के प्रभाव को जानने की उत्सुकता होनी स्वाभाविक है। इधर एक दो वर्षों से इस दिशा में अध्ययन किया गया तो कुछ सफलता मिलने लगी ।
इस आलेख मे लिखे गए खास ग्रह स्थिति में बाली में हुए भूकम्प की घटना तथा इस आलेख में लिखे गए ग्रहयोग के अनुसार हुई भूकम्प की घटना हमारे अध्ययन के पश्चात निकाले गए निष्कर्ष को सत्य साबित करते हुए और अध्ययन के लिए हमारे आत्मविश्वास को बढाने में मदद कर रही है। यही कारण है कि सामने भूकम्प के लिए जिम्मेदार एक खास ग्रह स्थिति की चर्चा करने से मैं अपने आपको नहीं रोक सकी। आनेवाले 13 से 16 जनवरी 2010 के मध्य आसमान के विभिन्न राशियों में स्थित ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में भूकम्प के कई झटके देने में समर्थ होगी।
इन चार दिनों में जो शुरूआती झटका अधिक बडे रूप में हो सकता है , वह किसी भी देश में 13 जनवरी को 5 बजे से 7 बजे सुबह आ सकता है। हमारे अध्ययन के अनुसार ग्रहों के आधार पर इस झटके की तीव्रता 180 डिग्री देशांतर रेखा पर दिखाई दे रही है। यानि उसके आसपास 20 डिग्री के अंतर पर इस झटके को महसूस किया जाना चाहिए। वह रेखा अंतर्राष्ट्रीय तिथि परिवर्तन की रेखा भी है , इसलिए भूकम्प आने की तिथि के लिए हम 12 जनवरी या 13 जनवरी में से दोनों को ले सकते हैं, ताकि कोई संदेह न बने। पर वास्तव में भारतवर्ष की घडी के हिसाब से यह समय 13 जनवरी की रात 11 बजे का है। अन्य महत्वपूर्ण झटके इस मुख्य समय के अलावे किसी भी देश में यहां तक कि हमारे ही देश के आसपास की देशांतर रेखा के 20 डिग्री अंतर पर 10 बजे रात्रि से लेकर 12 बजे रात्रि तक का भी रह सकता है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि इसमें जान माल की अधिक क्षति न हो ।
भूकम्प जैसे दैवी आपदा के अलावे अन्य मानवकृत आपदाओं के होने में भी इस प्रकार के ग्रहीय योग की भूमिका होती है , क्यूंकि ऐसी ग्रह स्थितियां पृथ्वी में हलचल मचाने के अलावे किसी न किसी प्रकार की घटना को उपस्थित कर व्यक्ति के दिलोदिमाग में भी हलचल मचाने में मुख्य भूमिका अदा करती है । इसलिए ऐसे ग्रहयोग के समय अनावश्यक कार्यों की जबाबदेही या किसी मनोरंजक या महत्वपूर्ण कार्यक्रम की उपेक्षा ही की जानी चाहिए !!
जी उम्मीद करते हैं की जान माल की कोई हानि न हो।
जवाब देंहटाएंबाकि तो देखते है क्या होता है।
bhagwan kare sab jagah sab thik thak rahe.
जवाब देंहटाएंसब शुभ हो यही दुआ करेंगे
जवाब देंहटाएंहे प्रभु, जीवों की रक्षा करना.
जवाब देंहटाएंयह तो दुखी कर देने वाली घटना होगी.
जवाब देंहटाएंजैसे सब लोगों ने कहा,में भी जान माल की सुरक्षा के लिये,प्रभु से दुआ करता हूँ ।
जवाब देंहटाएं२४ से अड़तालीस घंटों में सब स्पष्ट हो जाएगा. यदि भविष्यवाणी सही हुई तो आपकी विद्या पर विश्वास भी बढ़ेगा.
जवाब देंहटाएंखुदा खैर करे!
जवाब देंहटाएंदेखे क्या होता है,
जवाब देंहटाएं'ईश्वरेच्छा बलीयसि।' कृपया भूकम्प को 'उम्मीद' तो नहीं कहें। वह तो आशंका है।
जवाब देंहटाएंसंगीताजी, अगर भूकंप आता है तो बस, ईश्वर से यही प्रार्थना है की जान-माल का कम से कम नुकसान हो !
जवाब देंहटाएंमैंने कल किसी टीवी के टिकर पर पढ़ा था कि कहीं पर भूकंप आया है।
जवाब देंहटाएंऔर आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि दुनिया में रोज़ कहीं न कहीं भूकंप आता ही है और ये सामान्य भूगर्भीय घटना है..।
भगवान करें, सब सुरक्षित रहे. जीव कोई न मरे, न ही पक्षी.
जवाब देंहटाएंराम बचाएं।
जवाब देंहटाएं--------
अपना ब्लॉग सबसे बढ़िया, बाकी चूल्हे-भाड़ में।
ब्लॉगिंग की ताकत को Science Reporter ने भी स्वीकारा।
राम बचाएं।
जवाब देंहटाएं--------
अपना ब्लॉग सबसे बढ़िया, बाकी चूल्हे-भाड़ में।
ब्लॉगिंग की ताकत को Science Reporter ने भी स्वीकारा।
meri jankari me har din poori dharti par kam se kam 500 bhookamp aata hai.. ho sakta hai maine kuchh galat padh liya ho..
जवाब देंहटाएंशुभ शुभ बोलिये
जवाब देंहटाएंye nature ki narajgi hai humse... bas ummeed karunga ki gussa jyada na nikle...
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉगजगत में आने वाले विवादीय झटकों, ब्लॉगम्पों की भी जानकारी देंगी तो ब्लॉगर संभल कर पोस्ट और टिप्पणियां लिख सकेंगे। संभव हो तो हिन्दी ब्लॉगर मिलन के झटकों पर भी बतलायें ताकि आपस में सब मिलने का सबब बनायें।
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आदरणीय संगीता जी,
आनेवाले 13 से 16 जनवरी 2010 के मध्य आसमान के विभिन्न राशियों में स्थित ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में भूकम्प के कई झटके देने में समर्थ होगी।
गत्यात्मक ज्योतिष के आधार पर की गई आपकी इस भविष्य वाणी के लिये आभार,
वैसे 02 से 10 जनवरी 2010 के मध्य आसमान के विभिन्न राशियों में स्थित ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति भी पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों को कुछ झटके देने में समर्थ रही...
रिकटर स्केल पर छह (6) से अधिक तीव्रता (Magnitude) वाले भूकम्प को ही Significant माना जाता है, सभी की जानकारी के लिये बता दूं कि ०१ जनवरी,२०१० से अब यानी १२ जनवरी तक 06 से अधिक Magnitude के मात्र आठ(8) ही भूकंप आये हैं यानी १२ दिनों में मात्र आठ ।
इनमें से अंतिम भूकंप 10/1/2010 00:27 UTC पर United States में आया था।
06 से अधिक Magnitude के भूकंपों की विश्वस्त व Latest जानकारी विद्वान पाठकगण संयुक्त राष्ट्र संघ की इस आधिकारिक वेबसाईट पर पा सकते हैं।
आभार!
प्रवीण शाह जी,
जवाब देंहटाएंइतने अच्छे लिंक के लिए शुक्रिया .. इससे हमारे अध्ययन में और मदद मिलेगी !!
आपकी पोस्ट पर दी गई संभावनाओं को मेरी पोस्ट पर बताए गए विज्ञान ने समर्थन दिया था
जवाब देंहटाएंताज़ा भूकम्प 7.2 की तीव्रता का आया है, आ रहा है, आएगा
अधिक जानकारी व लिंक्स मेरी पोस्ट पर
http://bspabla.blogspot.com/2010/01/blog-post_11.html
PD की टिप्पणी पर यही प्रतिक्रिया है कि
'मुर्गी एक बार में एक अंडा देती है, सारी दुनिया को पता चल जाता है
मछली एक बार में हजारों अंडे देती है, किसी को खबर नहीं होती' :-)
बी एस पाबला
प्रवीण शाह की दी गई लिंक नहीं खुल रही :-(
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
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@ आदरणीय पाबला जी,
आप यह पेज खोलिये, Earthquake archives पर क्लिक करिये और मेग्नीट्यूड ०६ पर रक़र फिल्टर कर दीजिये सभी जानकारी आपके सामने होगी।
प्रवीण शाह जी ,
जवाब देंहटाएंपर आज 13 जनवरी को हैटी में 7.2 रिक्टर वाली एक बडी भूकम्प आ गयी .. जान माल की
भारी क्षति हुई है .. इसे क्या कहेंगे आप .. मात्र संयोग या ग्रहों का
प्रभाव ??
संगीताजी !!! आप के गृह अच्छे नहीं लग रहे !!! कहीं वैज्ञानिक लोग आपका अपहरण ना कर लें!! पहले ही आपकी एक भविष्य वाणी सच हो चुकी है!!! आप हीट लिस्ट में हैं!!!
जवाब देंहटाएंसंगीता जी मौसम और भुकंप के बारे मे आपकी भविश्यबानी हमेशा सही के करीब होती है आज एक बडे भुकम्प की खबर आ रही है शाद हेति मे। धन्यवाद और शुभकामनायें
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आदरणीय संगीता जी,
मैं किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से मुक्त होकर आपके गत्यात्मक ज्योतिष को आंकने का क्षुद्र प्रयास मात्र कर रहा हूँ।
हैती की capital, Port-au-Prince के दक्षिण में 12/1/2010 21:53 UTC (Coordinated Universal Time) (जो कि Greenwich Mean Time (GMT) के बराबर ही होता है) में 7.0 तीव्रता का भूकम्प आया है, भारतीय समय के अनुसार यह भूकम्प 13/1/2010 को सुबह 03.23 IST पर आया।
भुकंप के स्थान का अक्षांश मान 18.45 व देशान्तर मान (-)72.45 (ऋण 72.45 डिग्री) है।
यह रही हैती के इस भुकंप के बारे में उपलब्ध जानकारी।
हैती के भूकंप के बारे में बीबीसी की खबर भी यहां है।
अब आपने पूछा है...
पर आज 13 जनवरी को हैटी में 7.2 रिक्टर वाली एक बडी भूकम्प आ गयी .. जान माल की
भारी क्षति हुई है .. इसे क्या कहेंगे आप .. मात्र संयोग या ग्रहों का
प्रभाव ??
भूकंप के समय और तारीख के बारे में आप काफीकुछ सही रहीं पर स्थान के बारे में आपका अनुमान (180-72)= 108 डिग्री हटकर रहा।
न तो मैं इसे मात्र संयोग कहूंगा, न ही ग्रहों का
प्रभाव... कुछ भी कहने से पहले मैं आपकी इस तरह की कुछ और भविष्यवाणियों व उनके परिणाम (सच होने) का इंतजार करना अधिक उचित समझूंगा।
आभार!
प्रवीण शाह जी ,
जवाब देंहटाएंयह पहला मौका नहीं है जब आपने मेरी भविष्यवाणी को सही होते पाया है .. आपने मेरी क्रिकेट की हर दिन की भविष्यवाणी पढी हैं .. और उसपर गौर करके देखा है .. इसके बाद भी और इंतजार करना चाहते हैं .. तो मुझे क्या आपत्ति हो सकती है ??
आप ने 180 डिग्री लोंजीट्यूड पर या उस से 20 डिग्री विचलन पर भूकंप की भविष्यवाणी की थी। लेकिन यह हेती में आया जो कि 72.20 डिग्री पर मौजूद है। इस तरह आप की भविष्यवाणी बहुत भटक गई। यदि यह 20 डिग्री के भीतर होती तो उस इलाके में लोगों को सावधान किया जा सकता है। लेकिन आप की भविष्यवाणी के हिसाब से तो सारी धरती को सावधान हो जाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए जो संभव ही नहीं है।
जवाब देंहटाएंइस तरह की भविष्यवाणी का कोई सामाजिक उपयोग नहीं हो सकता है।
गणना में मामूली चूक और बाहरी कारक
जवाब देंहटाएंकितने ही रॉकेट प्रक्षेपण असफल कर चुकी है,
कितने ही प्रयोग दम तोड़ चुके हैं,
कितने ही मरीज बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद होश में नहीं आ पाए,
कितने ही लोग फांसी चढ़ाए जाने पर रस्सी टूटने पर बच गए
कितने ही लोग ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या से बच गए,
कितने ही किसान मौसम की वैज्ञानिक सूचना के भरोसे बारिश की राह जोहते अपनी फसल गंवा बैठे,
कितने ही तेज धावक पीछे रह गए।
अगली बार और सटीक गणना की उम्मीद, आपसे
बी एस पाबला
दिनेश रॉय द्विवेदी जी,
जवाब देंहटाएंटिप्प्णी के लिए धन्यवाद .. इससे थोडा दुख तो अवश्य हुआ .. पर अपनी सहन शक्ति के लिए ईश्वर को धन्यवाद देती हूं .. आपने कोई नई बात नहीं कही है .. मैं इसी बात से परेशान हूं कि इतने वर्षों से इस क्षेत्र में समर्पित होने के बावजूद मेरे ज्ञान से समाज के सारे लोगों का भला नहीं हो पा रहा .. पर इसके लिए ग्रहों के पृथ्वी पर पडने वाले प्रभाव के महत्व को सबों को स्वीकारना होगा .. यदि मैं अपनी गणना से वर्ष के 365 दिनों मे से एक दिन पर आ जाती हूं .. 24 घंटों में से किसी दो घंटों पर आ जाती हूं .. तो स्थान की मेरी कमजोरी को भूगर्भ विज्ञान वाले तो हल कर सकते थे .. जिससे कुछ फायदा तो अवश्य हो सकता था .. अन्य विकसित विज्ञानों से ज्योतिष का तालमेल बनाकर कई घटनाएं टाली भी जा सकती थी .. या आने वाले दिनों में मै खुद भी इसे हल कर लूं .. ऐसा आपको शुभकामनाएं देनी चाहिए थी .. पर आपने उस संभावना की चर्चा न कर सीधा कह दिया कि मेरे ज्ञान से समाज का कुछ भी भला नहीं हो सकता .. जबकि प्रतिदिन मेरे ज्ञान से दो चार लोगों का भला हो रहा है.. और मेरा लक्ष्य लाखों का भला करना है !!
पाबला जी,
जवाब देंहटाएंमेरी हौसला अफजाई के लिए आपका बहुत बहुत आभार !!
दिनेश राय द्विवेदी जी की बातों से पूर्ण सहमति है। इस तरह की भविष्यवाणियों का क्या औचित्य है?
जवाब देंहटाएंवाह रजनीश जी,
जवाब देंहटाएंआजतक आप चिल्लाते रहें कि ग्रहों के आधार पर भविष्यवाणियां सही हो ही नहीं सकती .. बरसात की तिथियुक्त भविष्यवाणियों को भी स्वीकार करने से आप कतराते रहें .. पर आज जब काटने की कोई जगह नहीं दिखी .. तो आप कह रहे हैं कि ऐसी भविष्यवाणियों का क्या औचित्य है .. दिनेश रॉय द्विवेदी जी के साथ ही रहें .. कोई आपत्ति नहीं मुझे .. पर उनको जो जबाब मैने दिए है .. उसे आप अपना जबाब समझिए !!
aapke is lekh ki satyta ke baad aapke kai lekh padhe ...aapka lekhan or vishleshan margdarshak hai
जवाब देंहटाएंपहली बार ज्योतिष के माध्यम से भूकम्प की भविष्यवाणी के समय में शुद्धता (accuracy) कुछ घंटे की देखने को मिली है । आप अपने काम में लगे रहें । भूकम्प के स्थान की भविष्यवाणी के लिए और शोध की आवश्यकता है । इस मामले में इतनी अशुद्धि क्यों आई, इसके लिए post-mortem करके देखें । शायद कोई कारण दिख जाए और अगली भविष्यवाणी में और शुद्धता प्राप्त की जा सके ।
जवाब देंहटाएंSangeeta ji, aap ki bhavishyavani kaabile tareef hai. aap logon ki chinta na kare, chhadma vaigyanik soch wale log to aalochna karte rahenge. Aap apni bhavishyavaniyan jari rakhiye.
जवाब देंहटाएंbadhut hi badiya prediction.
-- Punit Pandey