google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 बोकारो में दूध की व्‍यवस्‍था भी खुश कर देनेवाली है !!

बोकारो में दूध की व्‍यवस्‍था भी खुश कर देनेवाली है !!

अभी तक आपने पढा .. जब बच्‍चे छोटे थे , तो जिस कॉलोनी में उनका पालन पोषण हुआ , वहां दूध की व्‍यवस्‍था बिल्‍कुल अच्‍छी नहीं थी। दूधवालों की संख्‍या की कमी के कारण उनका एकाधिकार होता था और दूध खरीदने वाले मजबूरी में सबकुछ झेलने को तैयार थे , और उनके मुनाफे की तो पूछिए मत। हमारे पडोस में ही एक व्‍यक्ति मोतीलाल और उसका पुत्र जवाहरलाल मिलकर सालों से सरकारी जमीन पर खटाल चला रहे थे। जमीन छीने जाने पर दूसरे स्‍थान में वे लोग दूसरी जगह खटाल की व्‍यवस्‍था न कर सके और सभी गाय भैंसों की बिक्री कर देनी पडी। जमीन की व्‍यवस्‍था में ही उन्‍हें कई वर्ष लग गए , हमलोगों को शक था कि इतने दिनों से आपलोगों का व्‍यवसाय बंद है , महीने के खर्च में तो पूंजी कम हो गयी होगी। पर हमें यह जानकर ताज्‍जुब हुआ कि कि उन्‍होने पूंजी को हाथ भी नहीं लगाया है, अभी तक जहां तहां पडे उधार से अपना काम चला रहे हैं। 

दूध का व्‍यवसाय करने वाले घर घर पानी मिला दूध पहुंचाना पसंद करते थे , पर कुछ जागरूक लोगो ने सामने दुहवाकर दूध लेने की व्‍यवस्‍था की। इसके लिए वह दूध की दर अधिक रखते थे , फिर भी उन्‍हें संतोष नहीं होता था। कभी नाप के लिए रखे बरतन को वे अंदर से चिपका देते , तो कभी दूध निकालते वक्‍त बरतन को टेढा कर फेनों से उस बरतन को भर देते। चूंकि हमलोग संयुक्‍त परिवार में थे और दूध की अच्‍छी खासी खपत थी , सो हमने रोज रोज की परेशानी से तंग आकर हारकर एक गाय ही पाल लिया था और शुद्ध दूध की व्‍यवस्‍था कर ली थी। यहां आने पर दूध को लेकर चिंता बनी हुई थी।



पर बोकारो में दूधविक्रेताओं की व्‍यवस्‍था को देखकर काफी खुशी हुई , अन्‍य जगहों की तुलना में साफ सुथरे खटाल , मानक दर पर मानक माप और दूध की शुद्धता भी। भले ही चारे में अंतर के कारण दूध के स्‍वाद में कुछ कमी होती हो, साथ ही बछडे के न होने से दूध दूहने के लिए इंजेक्‍शन दिया करते हों। पर जमाने के अनुसार इसे अनदेखा किया जाए , तो बाकी और कोई शिकायत नहीं थी। पूरी सफाई के साथ ग्राहक के सामने बरतन को धोकर पूरा खाली कर गाय या भैंस के दूध दूहते। बहुत से नौकरी पेशा भी अलग से दूध का व्‍यवसाय करते थे , उनके यहां सफाई कुछ अधिक रहती थी।

अपनी जरूरत के हिसाब से ग्राहक आधे , एक या दो किलो के हॉर्लिक्‍स के बोतल लेकर आते , जिसमें दूधवाले निशान तक दूध अच्‍छी तरह भर देते। सही नाप के लिए यदि दूध में फेन होता , तो वह निशान के ऊपर आता।  इतना ही नहीं , कॉपरेटिव कॉलोनी में तो वे गायें लेकर सबके दरवाजे पर जाते और आवश्‍यकता के अनुसार दूध दूहकर आपको दे दिया करते और फिर गायें लेकर आगे बढ जाते। यहां के दूधवाले हर महीने हिसाब भी नहीं करते , वे कई कई महीनों के पैसे एक साथ ही लेते। हां , हमारा दूधवाला एडवांस में जरूर पैसे लेता था।
संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

Please Select Embedded Mode For Blogger Comments

और नया पुराने