google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 मेरी पुस्तक का कौन सा संस्करण आपके पास है ?

मेरी पुस्तक का कौन सा संस्करण आपके पास है ?

पाठकों से अनुरोध है कि यदि उनके पास मेरी पुस्तक है तो यह जानकारी दें कि उसमे कौन सा एडिशन लिखा गया है। हमारे पाठकों में प्रकाशक भी हैं, लेखक भी। वकील भी हैं और पाठक भी।  मुझे एक और विचार देने का कष्ट करें कि इस परिस्थिति में मुझे क्या कदम उठाना चाहिए ? पूरी कहानी इस प्रकार है ....

20 वीं सदी के अंत में हमारे पिताजी श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष के क्षेत्र में गंभीर शोधकार्य चला। 21 वीं सदी के आरम्भ से पिताजी के साथ हम सभी बच्चे भी इस शोध का आगे ले जाने के लिए नियमित कार्य कर रहे हैं। ज्योतिष के विद्वानों को इस शोध-कार्य से परिचित करवाया जाये , मैंने एक पुस्तक लिखी , जो ज्योतिष की प्रचलित पुस्तकों से बिलकुल भिन्न हमारे खुद के अनुभव पर आधारित थी। वर्ष 1996 में ही एक प्रकाशक ने पुस्तक की 400 प्रति छापने और बेचने के लिए मुझसे सहमति ली । उस वक्त कितने छापे और बेचे, मुझे पता नहीं।

पुनः 1999 में दूसरे संस्करण के 400 पुस्तकें छपने के लिए उन्होंने मुझसे संपर्क किया और मैंने फिर उन्हें अनुमति दे दी। दोनों संस्करण में लगभग 8000 रुपये मुझे मिलने की बात हुई थी, पर काफी तकाजे के बाद उन्होंने मुझे पैसे न देकर उतने मूल्य की पुस्तकें ही भेजीं। दो-चार वर्ष बाद फिर से उनका पत्र मिला कि वे तीसरा संस्करण छापना चाहते हैं, मैंने अनुमति नहीं दी। ज्योतिष के क्षेत्र में मुझ जैसी पहली लेखिका की हिंदी किताब की इतनी अच्छी बिक्री से आप पुस्तक में मौजूद विषय की मजबूती का आकलन कर सकते हैं। तीसरी बार अनुमति न देने से मैं निश्चिन्त हो गयी कि अब मेरी पुस्तक नहीं छप रही है।

आश्चर्य तो तब हुआ, जब कुछ दिनों पूर्व हमारे ब्लॉग के एक-दो पाठकों ने जिक्र किया कि उन्होंने मेरी पुस्तक मंगवाकर पढ़ी। मैंने नेट पर देखा तो कई जगहों पर उपलब्ध थी, आमेजन पर भी। मुझे लगा कि 20 साल पुरानी पुस्तक में से ही बची हुई उपलब्ध होगी। मैं प्रकाशक के कार्यालय में गयी और बची पुस्तकों के बारे में जानकारी मांगी। मैंने कहा कि उनके पास पुस्तक हो तो मुझे दें। उन्होंने कई फटी हुई पुरानी किताबें मुझे दिखाईं और बोलै कि बस इतनी ही बची है।

मैंने अमेजन को ऑर्डर किया तो तीन दिन बाद पुस्तक मेरे घर पर आयी। बिलकुल नई पुस्तक में कॉपीराइट लेखिका के पास और एडिशन 2018 का लिखा गया था। मैं तो सोच भी नहीं सकती थी कि मेरी सहमति के बिना यह पुस्तक छापी और बेची जाती रही है। क्या इसमें 'गत्यात्मक ज्योतिष' को जन्म देनेवाले मेरे गुरु और पिताजी श्री विद्या सागर महथा जी और मेरा हिस्सा नहीं होना चाहिए ?




संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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