Covid 19 astrology in hindi
जब तक हम विज्ञान की खोजों के हिसाब से हर परिस्थिति को नियंत्रित करने में समर्थ होते हैं, हमारा आत्मविश्वास काम करता रहता है। पर जब भी ऐसी स्थिति आती है, परिस्थितियाँ हमारे हाथ से निकलती महसूस होती है, लोगों को भाग्य, धर्म सब याद आने लगता है। पवन, अग्नि, जल, रोग की शक्ति के सम्मुख नतमस्तकता ही तो भारतीय संस्कृति में इनके साथ ही कण-कण को ईश्वर समझने को मजबूर करती आयी है। दो-चार महीनो में कोरोना ने विश्वभर में डर का माहौल बनाया है और भयभीत होने पर लोगों को ईश्वर और ज्योतिषी याद आते ही हैं, यह कोई नयी बात नहीं। हमने हमेशा कहा है कि सिर्फ विपत्ति आने पर ही भाग्य, धर्म, ज्योतिषी, ईश्वर को याद न करें, विज्ञान के साथ साथ हमेशा परंपरागत ज्ञान को भी समझते रहें, ग्रहों के प्रभाव को समझते रहें, पर लोगों को चकाचौंध ही चाहिए। चलिए, फिर भी जब जागे तब सवेरा !
grahon ka prabhav in hindi
अभी लगातार हमारे सामने लोगों के दो प्रश्न आ रहे हैं ---- पहला कि क्या आपने भविष्यवाणी की थी कि कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी विश्वभर में आतंक वाली है ? दुसरा यह कि इसका खात्मा कबतक होगा ? गत्यात्मक ज्योतिष को समझ चुके हमारे क्लाइंट्स और पाठक तो अच्छी तरह समझते हैं कि ग्रहों के प्रभाव को घटना से नहीं समझाया जा सकता, ग्रहों के हिसाब से समय किसी मामलों के लिए ऋणात्मक होता है, वह आपके सामने किसी प्रकार की घटना उपस्थित कर सकता है। जैसे किसी का खास काल घर-गृहस्थी के मामलों के लिए ऋणात्मक हो तो पति या पत्नी की मृत्यु भी हो सकती है, तलाक भी हो सकता है, दिन-रात कीच-कीच भी हो सकती है। सभी परिस्थितियाँ ऋणात्मकता को ही सिद्ध करती है, इसलिए कोरोना यानि घटना की चर्चा न करके अच्छे-बुरे समय की चर्चा करना चाहूंगी। अगर आपने हमारे रिसर्च पर, पोस्ट पर ध्यान दिया होता, तो यह सब पूछने की नौबत नहीं आती।
navagraha positions
अपने यूट्यूब चैनल पर हमने 27 अक्टूबर २०१२ को मैंने jyotish ka naya research .. fully scientific ... must watch एक वीडियो पोस्ट की थी, अधिक नहीं बस 1943 views मिले हैं इस वीडियो को, ज्योतिष को अधिक देखने की लोगों को जरूरत भी क्या थी ? लेकिन आप इसे एक बार ध्यान से देख लीजिए, खासकर अंतिम भाग २४:४० से अंत तक , जिन्हे वीडियो देखने की फुर्सत नहीं, वे इन चित्रों से भी समझ सकते हैं। लोगों में ग्रहों के प्रभाव के प्रति जागरूकता लाने के लिए इस पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन को हमारे कई कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया जा चूका है-----
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इस चित्र के माध्यम से मैंने समझाया है कि ग्रह हमसे जितने नजदीक रहें, उतना बुरा होता है। |
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इस चित्र के माध्यम से मैंने समझाया है कि ग्रह हमसे जितने दूर रहें, उतना अच्छा होता है। |
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अच्छा या बुरा - पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय |
भारत के प्रधान-मंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना 'ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया' में भी मैंने संक्षेप में
इस वीडियो को पोस्ट किया था।
Gatyatmak jyotish research institute
अब मैं आपको गोचर में यानी अभी आसमान में ग्रहों की स्थिति की और लिए चलती हूँ। आपको अभी से २५ दिनों तक की सौरमंडल की फोटो दिखती हूँ, जहाँ तक के चित्र
https://www.theplanetstoday.com/index.html# में उपलब्ध है, समय बढ़ने के साथ साथ आगे के चित्र भी आपको इसी वेबसाइट पर मिल जायेंगे ----
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सभी चित्र में ऊपर तिथि अंकित है |
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१५ मई को इसमें तीन ग्रह गुलाबी घेरे लिए हुए हैं, जो इनके वक्री होने का संकेत दे रहे हैं। |
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पृथ्वी और सूर्य के ठीक निचे की और आने को प्रवृत्त हैं ग्रह |
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पृथ्वी और सूर्य के और निचे की और आने को प्रवृत्त हैं ग्रह |
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grah kharab hone ke lakshan
ऊपर के चित्रों में आपको सौर-तल के ऊपर कोई भी ग्रह दिखाई नहीं दे रहे होंगे। सूर्य और पृथ्वी के ठीक सबसे निचे अधिकांश ग्रह जून-जुलाई में रहेगी, इस समय पूरे विश्व में सर्वाधिक चिंतनीय माहौल बनेगा। यह पोस्ट आपको डराने नहीं, सावधान करने के लिए लिखा जा रहा है। कैसे भी हो घर में रहें, जान बचेगी तो सबकुछ होगा। सरकार ने गरीबों तक तीन महीने का राशन-पैसे-गैस पहुँचाने और सबको उनके घर में रहने की हिदायत दी थी, तो उस समय मुझे ग्रह-स्थिति देखकर सरकार का उपयुक्त कदम लगा था। हमें इसका विरोध न करके जिनको सुविधा नहीं मिल पा रही थी, उसका नाम लिस्ट में जोड़ते जाने की जरूरत थी। पर जिस भी कारण से सरकार ने फैसला बदला हो, सबकुछ खोलने के लिए नए गाइड-लाइन जारी हो रहे हों, हमें उचित नहीं लग रहा है। इसलिए अपना ध्यान रखे, घर पर रहें ! सुरक्षित रहें !!
मेरी पुस्तक 'मेरी कोरोना डायरी' का एक अंश ! पूरी पुस्तक पढ़ने के लिए नीचे लिंक हैं ! आमेज़न के किंडल पर यह मात्र 100/- रुपये में उपलब्ध हैं :-----
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