Hast rekha in Hindi
हस्तरेखा शास्त्र भविष्य कथन की एक बहुत ही प्राचीन और विश्वसनीय विधा मानी जाती है। चूंकि सभी लोगों के पास जन्म विवरण भी मौजूद नहीं होता है , इसलिए हर युग में हस्तरेखा की उपयोगिता बनी हुई है। हस्तरेखाओं से मनुष्य की चारित्रिक विशेषताओं और उसकी प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला जा सकता है। कुछ घटनाओं के संबंध में काफी हद तक सही भविष्यवाणी की जा सकती है, किन्तु हस्तरेखा शास्त्र के साथ सबसे बड़ी कमजोरी है, घटनाओं के साथ समय का उल्लेख न कर पाना।
दरअसल ज्योतिषी समय विशेषज्ञ ही होते हैं। यदि घटनाओं के साथ घटित होनेवाले समय का उल्लेख नहीं कर सके, तो उस घटना को जानने का महत्व काफी कम हो जाता है। जीवनरेखा कटी हुई हो, दुर्घटना के संकेत मिल रहें हों, तो व्यक्ति किस उम्र में सावधानी बरते, कारण 10 सेमी की रेखा 100 वर्षों की कहानी कह रही है। विभिन्न रेखाएं कहॉ से शुरु हों और कहॉ पर खत्म हों, जिसके आधार पर समय का सही सही निर्धारण किया जा सके, इसका कोई निश्चित विश्वसनीय सूत्र नहीं निकल सका है। ( हस्तरेखा शास्त्र )
Hast rekha astrology in Hindi
जीवन रेखा का प्रारंभ ऊपर से तथा भाग्य रेखा का प्रारंभ नीचे से । किसी भी रेखा को यदि कोई दूसरी रेखा काट रही हो, तो उसका अर्थ अच्छा नहीं है, इसकी भविष्यवाणी तो की जा सकती है, परंतु विश्वासपूर्वक घटना के काल का निर्धारण काफी कठिन काम होगा। हस्तरेखाओं में बड़ी रेखाओं से ज्यादा महत्व पैनी और सूक्ष्म रेखाओं का है, यहॉ तक कि कैपिलरीज का महत्व और अधिक है। पर्वत कितने ऊंचे हैं किधर झुकाव है, हथेली के विभिन्न भागों की ऊंचाई-निचाई को समझने के लिए कंटूरलाइन को समझना, हथेली की कठोरता और कोमलता को समझना, रेखाओं के रंग को समझना, इस तरह बहुत जटिलताएं हैं।
इन जटिलताओं को सरल करने की दिशा में बहुत कम काम होने से जटिलताएं ज्यो की त्यों बनी हुई हैं। अत: विश्वासयुक्त तिथियुक्त भविष्यवाणियॉ कर पाना काफी कठिन काम है। आकाश की तरह ही ग्रहों से संबंधित फल-कथन कर पाने में फलित ज्योतिश की सीमाएं असीम है , जबकि हस्तरेखा से भविश्य-कथन बंद मुट्ठी की तरह ही सीमित हो जाती है। किसी प्रकार की सिद्धी प्राप्त करने के बाद हथेली देखकर जन्मकुंडली का निर्माण कर भले ही दूसरे को चमत्कृत किया जा सके, पर वैज्ञानिक विधि से हस्तरेखाओं का रुपांतरण कुंडली के रुप में बिल्कुल असंभव है। ( Hast rekha Astrology in Hindi)