Jyotish Upay
ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के उपायों की चर्चा के क्रम में विभिन्न रंगो के द्वारा इसे समायोजित करने की चर्चा की गयी है। इन रंगो का उपयोग आप विभिन्न रंग के रत्न के साथ ही साथ वस्त्र धारण से लेकर अपने सामानों और घरों की पुताई तक और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों को लगाकर प्राप्त कर सकते हैं। सुनने में यह बडा अजीब सा लग सकता है , पर इस ब्रह्मांड की हर वस्तु एक खास रंग का प्रतिनिधित्व करती है और इस कारण एक जैसे रंगों को परिवर्तित करनेवाली सभी वस्तुओं का आपस में एक दूसरे से संबंध हो जाता है। और यही ग्रहों के दुष्प्रभाव को रोकने में हमारी मदद करता है।
jyotish samadhan in hindi
किसी भी पद्धति के द्वारा उपचार किए जाने से पहले उसके आधार पर विश्वास करना आवश्यक होता है। ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ का मानना है कि किसी भी प्रकार की शारीरिक , मानसिक या अन्य परिस्थितियों की गडबडी में उस व्यक्ति के जन्त्मकालीन ग्रहों की ‘गत्यात्मक शक्ति’ की कमी भी एक बडा कारण होती हैं , इसलिए उन्हें दूर करने के लिए हमें ग्रहों के इस दुष्प्रभाव को समाप्त करना ही पडेगा , जो कि असंभव है। हमलोग सिर्फ उसके प्रभाव को कुछ कम या अधिक कर सकते हैं। जिस ग्रह से हम प्रभावित हो रहे होते हैं , उससे संबंधित रंगों का प्रयोग हमें समस्याओं से मात्र आसानी से लडने की शक्ति प्रदान करता है।
रंग हमारे मन और मस्तिष्क को काफी प्रभावित करते हैं। कोई खास रंग हमारी खुशी को बढा देता है तो कोई हमें कष्ट देने वाला भी होता है। यदि हम प्रकृति के अत्यधिक निकट हों , तो ग्रहों के अनुसार जिस रंग का हमें सर्वाधिक उपयोग करना चाहिए , उस रंग को हम खुद पसंद करने लगते हैं और उस रंग का अधिकाधिक उपयोग करते हैं। पर प्रकृति से दूर कंप्यूटर में विभिन्न रंगों के संयोजन से तैयार किए गए नाना प्रकार के रंगों में से एक को चुनना आज हमारा फैशन है और वह हमें ग्रहों के दुष्प्रभाव से लडने की शक्ति नहीं दे पाता। यही कारण है कि हमें कृत्रिम तौर पर रंगों की ऐसी व्यवस्था करनी होती है , ताकि हम विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रह सके। अब इस टॉपिक पर बहुत कुछ कह दिया , कहने को शायद कुछ नहीं , अनुभव की वृद्धि होने पर बाद में फिर कभी !!
गत्यात्मक ज्योतिष में ग्रहों के प्रभाव को दूर करने से सम्बंधित उपायों के बारे में प्रकाशित पुस्तक को पढ़ने के लिए अमेज़ॉन के किंडल में इस लिंक पर क्लिक करें !