कोरोना के मामले की सलाह
कोरोना को लेकर लोगोँ में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तीन चार महीनों से मैं ज्योतिष की जगह कोरोना से सम्बंधित लेखन अधिक करने लगी हूँ, तो ज्योतिषीय सलाह लेने वाले हमारे क्लाइंट्स ज्योतिष के साथ साथ कोरोना के मामले की सलाह भी लेने लगे हैं ! वैसे अभी तक भारत में लापरवाहों की भीड़ अधिक है, जो कोरोना को फैलने-फैलाने का माध्यम बने हुए हैं !
एक क्लाइंट ने कोरोना से बचने के लिए तीन महीनों से पूरी सावधानी से जीवन जीया है. पर उसके मोहल्ले के सभी लोग पहले की तरह ही मिलजुल रहे हैं ! संयोग से कोरोना उसके मोहल्ले तक नहीं पहुंचा है, इसलिए पड़ोसी मजाक भी उड़ा रहे हैं ! उसके पड़ोस में शादी है, सबका आना जाना चल रहा है ! मेरी क्लाइंट परेशान है, नहीं जाउंगी तो बुरा लग जायेगा ! मैंने बोला, जाने में कोई बुराई नहीं, पर प्रशासन की गाइडलाइन्स के हिसाब से सेनेटाइजर की व्यवस्था न हो, 50 से अधिक की भीड़ दिखे, सबके मुंह पर मास्क न दिखे, कुर्सियों या खड़े होने की जगह के मध्य छह फ़ीट का दूरी न हो तो कारण बताकर फ़ौरन वापस हो जाएँ !
कोरोना काल में सम्बन्ध
सम्बन्ध साल, दो साल, चार साल के लिए खराब होता है, ठीक हो जायेगा ! नहीं ठीक होगा तो नए लोगों से सम्बन्ध बन जायेंगे, जीवनभर कोई अकेला नहीं रहेगा ! पर पूरी दुनिया को परास्त करने वाला कोरोना का खात्मा चेन तोड़कर ही होगा ! सिर्फ अपने लिए नहीं डरना है, चेन फैलने से रोकने के लिए डरना है ! जो नहीं समझते नहीं, नहीं समझेंगे, पर हम समझकर भी गलती नहीं करेंगे ! कल एक महिला ने बताया कि चप्पल बाहर उतारने को कहने पर उसकी मित्र दरवाजे से ही वापस चली गयी, कोरोना काल में चप्पल बाहर उतारने कहना इतनी बड़ी गलती है कि तुम बचपन की दोस्ती तोड़ दो ! इसकी क्या गारंटी है कि आपका चप्पल रास्ते में किसी कोरोना पॉजिटिव के थूक पर चढ़कर नहीं आया हो !
यदि विदेशो से आ रही ख़बरों पर ही हम सावधान हो जाते तो आज दिल्ली और मुम्बई में जो कोहराम मचा है, वो नहीं होता ! इसके बाद भी यदि लोग नहीं समझेंगे, तो इसका अर्थ यही है कि आप एक एक अपार्टमेंट और एक एक गली तक कोरोना को पहुँचाने का इंतज़ार कर रहे हो ! पूरे भारतवर्ष से कई खबरें ऐसी आयी, जहाँ केवल एक व्यक्ति, चाहे वह ऑफिस का कर्मचारी हो, डॉक्टर हो, यहाँ तक कि एक दूल्हे ने भी 50-100 लोगों को संक्रमित किया ! उनमे से कम इम्युनिटी वाले 2-4 की तो मौत हो ही सकती है ! इस तरह एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी अच्छी इम्युनिटी के कारण कोरोना से खुद न भी मरे, पर 4 लोगों को मार सकता है ! पूरे भारतवर्ष की लापरवाही को मिलाया जाये तो करोड़ों हो जायेंगे !
डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिजल्ट
कल बैंगलोर के एक अपार्टमेंट से खबर आयी कि एक यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिजल्ट है, जिसने दो चार दिन पहले पूजा करवाई थी और पूरे अपार्टमेंट में प्रसाद बांटा था ! उसे भ्रम रहा कि वह कोरोना मरीजों का इलाज नहीं कर रहा है, इसलिए उसे कोरोना नहीं हो सकता ! अरे आपका कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव रह ही सकता है, जिसको चेक करने में आपको कोरोना हो गया हो ! आपने इस समय पूजा में लोगों को बुलाने की या नहीं आने पर घर घर प्रसाद पहुंचाने की भूल क्यों की?
पूरी बिल्डिंग सील की गयीं है, सबके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, कितने रिपोर्ट पॉजिटिव आएंगे, कितने कमजोर मौत के मुंह में जाएंगे, वह तो समय बताएगा, पर कोरोना काल में जब एक डॉक्टर के द्वारा ऐसी भूल होती है तो बाकी लोगों को सिखलाने में बहुत समय चाहिए, तबतक कोरोना भारत के गाँव की एक एक गली और एक एक अपार्टमेंट तक पहुँच चुका होगा, कमजोर इम्युनिटी वाले सारे लोग इस दुनिया को विदा कर चुके होंगे, भाग्यशालियों के ही दादा दादी, नाना नानी बच पाएंगे !
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