According to Gatyatmak Jyotish Astrology quotes in Hindi
गत्यात्मक ज्योतिष के रिसर्च के बाद भी इसको पहचान दिलाने में दिक्कत को देखते हुए मन में उपस्थित भावों ने यत्र-तत्र डायरी में ऐसे अभिव्यक्ति की , ये एस्ट्रोलॉजी कोट्स हमारे द्वारा ही लिखे गए हैं।
- विडंबना ही है कि जो निरीक्षण, परीक्षण के बाद मिले तथ्य को जांचकर किसी बात को विज्ञान मानते है, वही बिना निरीक्षण, परीक्षण और तथ्य को जांचे बिना ज्योतिष को अंधविश्वास कहते हैं!
- किसी ने कहा कि विज्ञान के जिस नियम को हम समझ नहीं पाते उसे चमत्कार कहते हैं, इसमें एक पंक्ति मैं जोडना चाहती हूं कि विज्ञान के जिस नियम को हम नहीं समझ पाते उसे अंधविश्वास भी कहते हैं।
- ज्योतिष विज्ञान और अंधविश्वास के भंवर में फंसा है ! न तो अंधविश्वासी ज्योतिष के वैज्ञानिक स्वरूप को स्वीकार पाते हैं, न वैज्ञानिक विज्ञान में ज्योतिष को समाविष्ट देख सकते हैं !
- जीवन के भी कुछ अजब गजब रहस्य हैं .. कभी कम प्रयास से ही किसी संयोग के कारण हम सफल हो जाते हैं .. कभी अधिक प्रयास के बाद भी किसी दुर्योग के कारण असफल .....
- दूसरों को सफल नहीं देखने पर हम उनकी मेहनत में ही कोई कमी समझ लेते हैं, पर अपनी बारी आने पर समझ जाते हैं कि कोई शक्ति है ऐसी जो मनुष्य को आगे बढने नहीं देती, बल्कि बहुत समय निरंतर पीछे की ओर धकेल देती है !
- कुछ गणितज्ञ अपने गणित की गति से , कुछ जादूगर अपने जादू से , कुछ तांत्रिक अपने तंत्र मंत्र से, कुछ कर्मकांडी अचूक कर्मकांडों से लोगों को भ्रमित कर ज्योतिष के क्षेत्र में भी अपना सिक्का् चलाना चाहते हैं।
- यदि समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को चोरी छुपे ज्योतिष की शरण में जाने की मानसिकता न होती तो आजतक ज्योतिष को विज्ञान का दर्जा मिल गया होता ! जल में H2O क्यों है इसका कारण बताना नामुमकिन है,पर इसे अलग अलग किया जा सकता है!
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- ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के सूत्र किसी के जन्म कालीन ग्रहों की शक्ति निकालकर उसके जीवन के उतार चढाव का ग्राफ खींच देते हैं, जिसके हिसाब से कभी परिस्थितियां हमारे नियंत्रण में होती हैं तो कभी हम परिस्थितियों के नियंत्रण में।
- अच्छे ग्रहों का प्रभाव भी सच्चे लोगों अधिक और बुरे लोगों पर कम पड़ता है.... जबकि बुरे ग्रहों का प्रभाव झूठे लोगों पर अधिक और सच्चे लोगों पर कम पड़ता है...
- पिछले माह और पिछले जन्म में किए गए कर्मों का फल आप इस महीने के वेतन और भाग्य के रूप में प्राप्त कर रहे हैँ...... पर प्राप्त संसाधन की बदौलत आगे के महीने या अगले जन्म को सार्थक बनाना आपके कर्म निश्चित करते है!
- जन्म के बाद समय समय पर जीवन के समक्ष आनेवाली अच्छी और बुरी परिस्थितियां हमारा सौभाग्य या दुर्भाग्य है. अच्छी परिस्थितियों का फ़ायदा उठा पाना और बुरी परिस्थितियों से लड़कर निकल जाना हमारा पुरुषार्थ है ..अच्छी परिस्थितियों में निकम्में बने रहना और बुरी परिस्थितियों में भाग्य को कोसना --- दोनों ही आलस है !
- यह विडंबना ही है कि हर व्यक्ति अपनी सफलता के वर्षों को , सफलता के मुद्दों को खुद के कर्म का फल मानता है .... असफलता के वर्षों को , असफलता के मुद्दों को ईश्वर के द्वारा दिया जाने वाला दंड ..... यदि सफलता और असफलता दोनो को ईश्वर का ही वरदान या दंड मान ले या फिर दोनो को अपने ही कर्म का अच्छा और बुरा फल तो कभी न हारे ... उसके हारने की वजह खुद का अहंकार है
- केवल नदी में गिरने मात्र से किसी की जान नहीं जाती , बल्कि जान तभी जाती है जब तैरना नहीं आता ..उसी प्रकार परिस्थितियां कभी समस्या नहीं बनती , समस्या तभी बनती है जब हमें परिस्थितियों से निपटना नहीं आता .. गत्यात्मक ज्योतिष आपको आने वाली परिस्थितियों से लड़ने का तरीका सिखाता है ......
- डॉक्टर के पास आप बीमार पडने पर ही नहीं जाते, गर्भ में बच्चे के आने के बाद ही उससे सलाह लेकर काम करना आरंभ कर देते हैं ! कानून की मदद आप झंझट में पडने के बाद नहीं लेते, वरन् होश संभालने के बाद ही कानून का पालन करते हैं ! गुरू के संपर्क में तब नहीं जाते जब आप गुमराह हो जाते हैं, वरन् जीवन की शिक्षा पाने के लिए पहले से गुरू की सलाह लेते हैं ! फिर एक ज्योतिषी के पास जाने के लिए आप बुरे समय का इंतजार क्यों करते हैं?