Amla yog in Astrology
'गत्यात्मक ज्योतिष' प्राचीन ज्योतिषीय ग्रंथों में वर्णित सारे योगों के प्रभाव की पुष्टि के लिए संभावनावाद के नियमों का सहारा लेता है। इसकी मान्यता है कि कोई भी राजयोग तभी राजयोग माना जा सकता है , जब कुल जनसंख्या के बहुत कम प्रतिशत कूंडली मे उस राजयोग के होने की पुष्टि हो। मैने गणित के संभावनावाद के नियम के अनुसार दुनियाभर के लोगों की जन्मकुंडली में गजकेशरी योग के होने की संभावना का आकलन किया था और बताया था कि 4/11 की संभाब्यता रखने वाला यह नियम गजकेशरी योग के फलों को देने की सामर्थ्य तबतक नहीं रख सकता , जबतक पूरी दुनिया में इतनी समृद्धि न आ जाए , जिससे लगभग 37 प्रतिशत लोग उसके फल को प्राप्त करने लायक न हो जाएं। ज्योतिष
उसी योग की पुस्तक में दूसरे नंबर पर अमला योग की चर्चा की गयी थी। इस योग की परिभाषा देते हुए लिखा गया है कि लग्न से 10वें स्थान पर या चंद्रमा जिस राशि पर बैठा हुआ हो , उस राशि से दसवें स्थान पर शुभग्रह बैठे हों ,तो जन्मकुंडली मे अमला योग बनता है और इस योग में जन्म लेनेवाला व्यक्ति प्रसिद्ध , गुणवान और ख्याति प्राप्त करनेवाला होता है। ऐसा व्यक्ति पूर्ण सुखी जीवन व्यतीत करता है और संपूर्ण सुखों को भोगता है। ऐसा व्यक्ति चरित्रवान एवं सज्जन होता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष में चंद्र, बुध, शुक्र, केतु और बृस्पति ये पांचो शुभग्रह माने जाते हैं। अमला योग के अनुसार इनमें से एक की भी उपस्थिति से मुनंष्य सुखी जीवन जी सकता है। लग्न से 10वें स्थान पर किसी एक शुभ ग्रह की उपस्थिति की संभावना 1/12 होगी, लेकिन इन पांचों में से किसी एक की संभावना 5/12 हो जाएगी। इसी प्रकार चंद्र राशिवाले स्थान से भी इन पांचों ग्रहों में से एक के होने की संभावना भी 5/12 होगी। इन दोनो प्रकार की संभावना में से किसी एक संभावना के बनने का चांस 10/12 होगा। इसका अर्थ यह है कि संभावनावाद के नियम के अनुसार कुल जनसंख्या का बडा भाग यानि 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या अमला योग में जन्म ले सकती है।
इस आधार पर इस योग की सत्यता को तभी स्वीकारा जा सकता है, जब पूरे विश्व का विकास इतना हो चुका हो कि 80 प्रतिशत से अधिक लोग प्रसिद्ध, गुणवान और ख्याति प्राप्त करनेवाले और पूर्ण सुखी जीवन व्यतीत करनेवाले हों। कम से कम आज के समय में, जब विश्व के 90 प्रतिशत से अधिक लोग कष्ट में जीवन यापन करने को बाध्य हों, इस योग की प्रामाणिकता का कोई तुक नजर नहीं आता।