वैदिक गणितः चुटकियों में बड़ी-बड़ी गणनाएँ

Vaidik ganit ke bare mein

आज शाम एक आलेख पर नजर पडी वैदिक गणितः चुटकियों में बड़ी-बड़ी गणनाएँ , जिसमें दिया गया है कि भारत में कम ही लोग जानते हैं, पर विदेशों में लोग मानने लगे हैं कि वैदिक विधि से गणित के हिसाब लगाने में न केवल मजा आता है, उससे आत्मविश्वास मिलता है और स्मरणशक्ति भी बढ़ती है। भारत के स्कूलों में वह शायद ही पढ़ाई जाती है। भारत के शिक्षाशास्त्रियों का भी यही विश्वास है कि असली ज्ञान-विज्ञान वही है जो इंग्लैंड-अमेरिका से आता है। घर का जोगी जोगड़ा, आन गाँव का सिद्ध। 

vaidik ganit ke bare mein


लेकिन आन गाँव वाले अब भारत की वैदिक अंकगणित पर चकित हो रहे हैं और उसे सीख रहे हैं। बिना कागज-पेंसिल या कैल्क्युलेटर के मन ही मन हिसाब लगाने का उससे सरल और तेज तरीका शायद ही कोई है। भारत का गणित-ज्ञान यूनान और मिस्र से भी पुराना बताया जाता है। शून्य और दशमलव तो भारत की देन हैं ही, कहते हैं कि यूनानी गणितज्ञ पिथागोरस का प्रमेय भी भारत में पहले से ज्ञात था। ऑस्ट्रेलिया के कॉलिन निकोलस साद वैदिक गणित के रसिया हैं। 

उन्होंने अपना उपनाम 'जैन' रख लिया है और ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रांत में बच्चों को वैदिक गणित सिखाते हैं। उनका दावा है- 'अमेरिकी अंतरिक्ष अधिकरण नासा गोपनीय तरीके से वैदिक गणित का कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले रोबेट बनाने में उपयोग कर रहा है। साद अपने बारे में कहते हैं, 'मेरा काम अंकों की इस चमकदार प्राचीन विद्या के प्रति बच्चों में प्रेम जगाना है। 

मेरा मानना है कि बच्चों को सचमुच वैदिक गणित सीखना चाहिए। भारतीय योगियों ने उसे हजारों साल पहले विकसित किया था। आप उन से गणित का कोई भी प्रश्न पूछ सकते थे और वे मन की कल्पनाशक्ति से देख कर फट से जवाब दे सकते थे। उन्होंने तीन हजार साल पहले शून्य की अवधारणा प्रस्तुत की और दशमलव वाला बिंदु सुझाया। उनके बिना आज हमारे पास कंप्यूटर नहीं होता।

इस आलेख को पढने के बाद मुझे अपने गांव की एक अनपढ ग्रामीण महिला याद आ गयी। वो महाजनों के घर से धान खरीदा करती थी और उससे ग्रामीण प्रक्रियाओं के अनुसार चावल तैयार किया करती थी। फिर उसे बाजार में बेच दिया करती थी , इसी कार्य के द्वारा कमाया गया मुनाफा उसके परिवार की जरूरतें पूरा करता था।  हमें हिसाब में कठिनाई होती थी , इसलिए हमलोग उसे किलो और क्विंटल के हिसाब से धान खरीदने को कहते थे , पर वह मेरे यहां पूराने तौल के अनुसार ( 40 सेर का मन ) धान खरीदती। 

इतने रूपए मन के हिसाब से इतने मन और इतने किलो , हमें इस हिसाब किताब में काफी दिक्‍कत महसूस होती थी , इस दशमलव के हिसाब को हमलोग बिना कॉपी किताब और केलकुलेटर के नहीं कर सकते थे , वो मन ही मन जोडकर रूपए और पैसे तक का सही आकलन कर लेती थी। बिना किसी तरह की पढाई लिखाई के यह ज्ञान निश्चित तौर पर उसके पास मौखिक रूप में अपने माता पिता या किसी अन्‍य पूर्वजों से ही आया होगा और अभी तक वह उसे धरोहर के तौर पर संभाले हुई है। 

बिना किताबों और कॉपियों या पढाई के ही परंपरागत रूप से ही अपनी आनेवाली पीढी तक यह ज्ञान खेल खेल में ही चलता आ रहा है। हमलोग उसके इस ज्ञान पर चकित रह जाते थे , पर हमें कभी भी उस हिसाब को समझने का मौका नहीं मिल पाया था। शायद अब भी हमलोगों का नजरिया अपने परंपरागत ज्ञान के प्रति बदलेगा , मैं ऐसी आशा रखती हूं , क्‍यूं‍कि उस वक्‍त मैं अपने परंपरागत ज्ञान को लेकर इतनी गंभीर नहीं थी , इसलिए शायद सोंच लिया हो कि जब हमारे पास दशमलव की उन्‍नत पद्धति है , तो इस बेकार के ज्ञान को सीखने का क्‍या फायदा ?

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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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