जन्मकुंडली को देखकर अपनी तिथि का अंदाजा कैसे लगाएं ?
Tithi kundli in hindi
अभीतक के वीडियो देखकर आपने जन्मकुंडली को देखकर अपना लग्न, चंद्र राशि, सूर्य राशि के अतिरिक्त मोटे तौर पर अपने जन्म का महीना और समय निकालना सीखा। आपको शायद ही यह बात पता हो कि जन्मकुंडली में सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति को देखकर आप मोठे तौर पर हिंदी महीने की तिथि भी निकाल सकते हैं।
जन्मकुंडली में कोई भी लग्न या कोई भी राशि क्यों न हो , सूर्य और चंद्र एक साथ हो , तो वह अमावस्या या उसके आसपास का दिन होता है। सूर्य और चंद्र एक साथ मेष राशि में हो तो वह 15 अप्रैल से 15 मई के मध्य की अमावस होगी , सूर्य और चंद्र एक साथ वृष राशि में हो तो वह 15 मई से 15 जून के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ मिथुन राशि में हो तो वह 15 जून से 15 जुलाई के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ कर्क राशि में हो तो वह 15 जुलाई से 15 अगस्त के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ सिंह राशि में हो तो वह 15 अगस्त से 15 सितम्बर के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ कन्या राशि में हो तो वह 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ तुला राशि में हो तो वह 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ वृश्चिक राशि में हो तो वह 15 नवंबर से 15 दिसंबर के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ धनु राशि में हो तो वह 15 दिसंबर से 15 जनवरी के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ मकर राशि में हो तो वह 15 जनवरी से 15 फरवरी के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ कुम्भ राशि में हो तो वह 15 फरवरी से 15 मार्च के मध्य की अमावस होगी, सूर्य और चंद्र एक साथ मीन राशि में हो तो वह 15 मार्च से 15 अप्रैल के मध्य की अमावस होगी।
इसके विपरीत , जन्मकुंडली में सूर्य और चंद्र आमने सामने हो , तो वह पूर्णिमा या उसके आस पास का दिन होता है। सूर्य मेष राशि में और चंद्र तुला राशि में हो तो वह 15 अप्रैल से 15 मई के मध्य की पूर्णिमा होगी , सूर्य वृष राशि में और चंद्र वृश्चिक राशि में हो तो वह 15 मई से 15 जून के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य मिथुन राशि में और चंद्र धनु राशि में हो तो वह 15 जून से 15 जुलाई के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य कर्क राशि में और चंद्र मकर राशि में हो तो वह 15 जुलाई से 15 अगस्त के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य सिंह राशि में और चंद्र कुम्भ राशि में हो तो वह 15 अगस्त से 15 सितम्बर के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य कन्या राशि में और चंद्र मीन राशि में हो तो वह 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य तुला राशि में और चंद्र मेष राशि में हो हो तो वह 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्र वृष राशि में हो तो वह 15 नवंबर से 15 दिसंबर के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य धनु राशि में और चंद्र मिथुन राशि में हो तो वह 15 दिसंबर से 15 जनवरी के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य मकर राशि और चंद्र कर्क राशि में वह 15 जनवरी से 15 फरवरी के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य कुम्भ राशि में और चंद्र सिंह राशि में हो तो वह 15 फरवरी से 15 मार्च के मध्य की पूर्णिमा होगी, सूर्य मीन राशि में और चंद्र कन्या राशि में हो हो तो वह 15 मार्च से 15 अप्रैल के मध्य की अमावस होगी।
जन्मकुंडली में सूर्य से दूर होते हुए चंद्रमा को देखकर शुक्ल पक्ष की विभिन्न तिथियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सूर्य से एक खाने बाद रहने वाले चंद्र से तृतीया के आसपास , सूर्य से दो खाने बाद रहने वाले चंद्र से पंचमी के आसपास , सूर्य से तीन खाने बाद रहने वाले चंद्र से अष्टमी के असपास , सूर्य से चार खाने बाद रहने वाले चंद्र से दशमी के आसपास , सूर्य से पांच खाने बाद रहने वाले चंद्र से त्रयोदशी के आसपास और सूर्य के सामने रहने वाले चंद्रमा से पूर्णिमा के आसपास की तिथि में बालक का जन्म समझा जा सकता है।
इस तरह जन्मकुंडली में सूर्य की ओर प्रवृत्त होते चंद्रमा को देखकर आप कृष्ण पक्ष की विभिन्न तिथियों का आकलन कर सकते हैं । सूर्य से पांच खाने पहले रहनेवाले चंद्र से तृतीया के आसपास , सूर्य से चार खाने पहले रहने वाले चंद्र से पंचमी के आसपास , सूर्य से तीन खाने पहले रहने वाले चंद्र से अष्टमी के आसपास , सूर्य से दो खाने पहले रहने वाले चंद्र से दशमी के आसपास , सूर्य से एक खाने पहले रहनेवाले चंद्र से त्रयोदशी के आसपास और सूर्य के साथ रहने वाले चंद्र से अमावस्या के आसपास की तिथि में बालक का जन्म समझा जा सकता है।
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