आशीष जी , अनिल कांत जी , पाबला जी और कासिफ जी चर्चा कर चुके हैं कि उनके ब्लाग आस्ट्रेलियन विश्वविद्यालय की ईलर्निंग स्टाफ में शामिल है , इस बात पर सबों ने उनको बधाइयां दी। जब मैने गूगल में 'गत्यात्मक ज्योतिष' सर्च किया , तो यह भी मुझे आस्ट्रेलियन विश्वविद्यालय की ईलर्निंग स्टाफ में शामिल मिला , पर मै इसका अर्थ नहीं समझ पायी। यह किस प्रकार की उपलब्धि है , कृपया मुझे समझाने का कष्ट करें ।
अर्थ तो पता नही अगर ये उपलब्धि है तो बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंउपलब्धि तो आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय की है जिसने बिना किसी को बताये सारे ब्लॉग अपनी साईट पर डाल रखे हैं.
जवाब देंहटाएंकापीस्केप के जरिये तो मेरा ब्लाग भी दिखा रहा था, लेकिन बाद में ढूंढा तो नहीं मिला. पता नहीं यह सब क्या है?? मुझे लगता है कि कुछ सर्च साइटों की तरह ही यह भी अपनी साइट पर ले जाने की जुगत है, एसीयू की.
जवाब देंहटाएंpata nahin ji kya mamla hai.
जवाब देंहटाएंmain bhi abhi dekhta hoon.
हम भी नहीं समझ पाये हैं क्योंकि हमारा ब्लॉग भी इधर मिला है हमें....
जवाब देंहटाएंIs Hightech uplabdhi ke tatparya se main bhi anbhigya hun, vaise aapke Blog ki kisi antarashtriya manch par charcha hai to iski badhai to aapko di hi jani chahiye. Badhai.
जवाब देंहटाएंसंगीता जी
जवाब देंहटाएंये कोई उपलब्धि नहीं है...
किसी का भी ब्लॉग वहां मिल जाएगा। गूगल पर ACU लिखिए और एक स्पेस देकर ब्लॉग का नाम। वो ई लर्निंग लिस्ट में मिलेगा। ये एक किस्म से सर्च इंजिन की तरह काम रहा है। कोई उपलब्धि नहीं। ई गुरु राजीव ने सबसे पहले इस तरह भ्रम पैदा किया था।
मेरे ब्लॉग का लिंक भी देखें...
http://my.acu.edu.au/apps/staff_dir/department_list2?sq_content_src=%2BdXJsPWh0dHAlM0ElMkYlMkZweWFsYS5ibG9nc3BvdC5jb20lMkYyMDA5JTJGMDclMkZibG9nLXBvc3RfMTQuaHRtbCZhbGw9MQ%3D%3D
अच्छा प्रश्न उठाया है।
जवाब देंहटाएंमुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है।
आदर्श राठौर जी .. यदि यह एक प्रकार का सर्च इंजिन है .. तो कापीस्केप में क्यूं आता है ?
जवाब देंहटाएंपता नहीं क्या चक्कर है लेकिन अपना ब्लॉग हमसफ़र यादों का....... भी शुमार है इस सूची में.......
जवाब देंहटाएंसाभार
हमसफ़र यादों का.......
क्या खूब ।आपकी उपलब्धि पर।
जवाब देंहटाएंjab bade-bade log iska arth nahi jante to mujhe nahi pata kahne me mujhe koi sankoch nahi hai.....jo bhi ho chhoti ho ya moti uplabdhi to hai...isliye badhai...
जवाब देंहटाएंभाई आदर्श राठौर जी,
जवाब देंहटाएंमैं तो पिछले आठ माह से कुछ लिख भी नहीं रहा हूँ.
यह आपको कैसे भ्रम हो गया कि मैं भ्रम फैला रहा हूँ !!
:)
जल्द ही पुनः लेखन कार्य आरम्भ होगा तो बताता हूँ कि जिसे आप उपलब्धि समझ रहे हैं वह दरअसल क्या है.
:)
बडी बात है
जवाब देंहटाएंहम तो सोचे थे कि आप उत्तर बताने वाली है..
जवाब देंहटाएंEk bhram door huaa.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-T & S }
राजीव भाई,
जवाब देंहटाएंमाफी चाहता हूं, मेरे कहने का आशय था कि सबसे पहले आपने ही इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद जिस किसी ने भी अपना ब्लॉग वहां देखा तो भ्रम में आया गया कि कोई बड़ी उपलब्धि उसने हासिल कर ली है। जल्दबाज़ी में मैंने कुछ और ही लिख दिया। माफी चाहता हूं। आगे से ऐसा कभी नहीं होगा। मैं बहुत शर्मिन्दा हूं। और हां, जल्द ही इस रहस्य का उद्घाटन करके हमें बताएं कि एसीयू का मामला आखिर है क्या
क्षमाप्रार्थी
आदर्श राठौर
आशीष खंडेलवाल जी ने एक व्यंग्यात्मक लेख लिखा था जिसे हूबहू उठा कर मैंने उस व्यंग्य को कायम रखने का प्रयास किया था।
जवाब देंहटाएंयह कोई उपलब्धि नहीं है। :-(