24 सितंबर तक देश के अधिकांश हिस्सों में हो रही बारिश और इसके कारण नदियों में बाढ के कारण बना अस्त व्यस्त जनजीवन 25सितंबर के बाद बारिश के बंद होते ही सामान्य होने लगा , जैसा कि मैने 16 सितंबर के अपने आलेख में लिखा था। दो तीन वर्षों से इस प्रकार के आकलन करते रहने से हमारे ब्लॉग के पुराने पाठकों को तो आश्चर्य नहीं हुआ होगा , पर इस ब्लॉग से जुडे एक नए पाठक काफी प्रभावित हुए। उनके अनुसार मेरे पाठक कितने भी बढ जाएं , आपकी मदद नहीं कर सकते , हमारे इस विधा की जानकारी सरकार को होनी चाहिए , जिससे दूर तक की मौसम की भविष्यवाणी अच्छी तरह की जा सकती है। उनके कहने पर आज से मैने अपनी मौसम संबंधी भविष्यवाणियों की एक कॉपी मौसम विभाग और दूसरी कॉपी मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजने का निश्चय किया है। इन दोनो को आज भेजी गयी कॉपी इस प्रकार है .......
30 वर्षों से हमारी संस्था 'गत्यात्मक ज्योतिषीय अनुसंधान केन्द्र' ने ग्रहों की गति के आधार पर भारत के मौसम से तालमेल बिठाते हुए कुछ आश्चर्यजनक तथ्य प्राप्त किए हैं , जिसके आधार पर मौसम से संबंधित दूर दूर तक की भविष्यवाणियां की जा सकती हैं। इसी आधार पर मैं अपने ब्लॉग http:/sangeetapuri.blogspot.com पर कई वर्षों से अक्सर मौसम से संबंधित भविष्यवाणियां करती आ रही हूं।
इस वर्ष 29 मार्च के लेख http://sangeetapuri.blogspot.com/2010/03/blog-post_29.html में मैने इस वर्ष की बारिश के बारे में लिखा था कि 29 अप्रैल के आसपास उत्तर भारत के अधिकांश भागों में गर्मी अपनी चरम सीमा पर रहेगी। उसके बाद क्रमश: कुछ सुधार होते हुए 12 मई के बाद स्थिति थोडे नियंत्रण में आ सकती है, क्यूंकि 18 मई के आसपास का समय पुन: हल्की फुल्की बारिश लानेवाला होगा , जो आमजनों को थोडी राहत दे सकता है। उसके बाद मई का बाकी समय भी सामान्य गर्मी का ही होगा। 24 जून तक लगातार बढते हुए क्रम में नहीं , वरन् कमोबेश होती हुई गर्मी बनी रहनी चाहिए , पर उसके तुरंत बाद शुभ ग्रहों का प्रभाव आरंभ होगा , जिसके कारण बादल बनने और बारिश होने की शुरूआत हो सकती है , यदि नहीं तो कम से कम मौसम खुशनुमा बना रह सकता है। इस वर्ष यानि 2010 में मौसम की सबसे अधिक बारिश 4 अगस्त के आसपास से शुरू होकर 19 सितम्बर के आसपास तक होगी।
पुन: 16 सितंबर को ही http://sangeetapuri.blogspot.com/2010/09/blog-post_16.html पर मैने लिखा कि 19 सितंबर बहुत निकट है और इस हिसाब से तेज बारिश का मौसम यहीं समाप्त हो जाना चाहिए। वैसे 16 सितंबर को एक खास ग्रहयोग एक दो दिनों तक यत्र तत्र बहुत तेज बारिश और आंधी तूफान तक का दृश्य उपस्थित कर सकती है , लेकिन इसके बाद लगातार होनेवाली बारिश बादलों को समाप्त करनेवाली है और अब बारिश खात्मे की ओर है। यदि थोडी देर भी हुई तो यह अधिकतम 24 सितंबर तक दिखाई दे सकती है। इसलिए कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसी मुसीबतभरी बारिश की कोई संभावना नहीं दिखती। पर अक्तूबर के पहले सप्ताह तक हस्त नक्षत्र में सूर्य होने तक बारिश बिल्कुल नहीं होगी , ऐसा नहीं माना जा सकता। यत्र तत्र तो बारिश होगी ही , खासकर 3 अक्तूबर को खेल के उद्घाटन के दिन ही थोडी बहुत बारिश की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। पर 'गत्यात्मक ज्योतिष' के हिसाब से बारिश से भयानक तबाही वाली कोई बात अब नजर नहीं आएगी।
अब हाल फिलहाल में बहुत अधिक बारिश की कोई संभावना नहीं दिखाई पड रही। मौसम में गडबडी लानेवाले कारक ग्रह अब दिसंबर के पहले सप्ताह में ही क्रियाशील हैं , इसलिए उस समय तक मौसम में कोई बडा परिवर्तन नहीं होता दिखेगा। उम्मीद रखती हूं , मेरी बातों पर गौर करते हुए ग्रहों को मौसम में परिवर्तन लाने का कारक मानते हुए इस दिशा में भी शोध को भी आप महत्व देंगे।
मौसम से संबंधित सारे तथ्यों को पूर्ण तौर पर परखने के बाद ही आपसे संपर्क किया जा रहा है , मौसम विभाग के अलावे इसकी एक प्रति मानव संसाधन विभाग को भी भेजी जा रही है , आनेवाले समय में भी यहां से मौसम से संबंधित सभी भविष्यवाणियां आप दोनो को भेजी जाती रहेगी । ताकि सरकार इसपर ध्यान दें और मौसम की सटीक भविष्यवाणी समय से पूर्व किया जा सके ।