इंतजार की घडी बहुत निकट आ गयी है , 11-11-11 के जादुई आंकडें के दिन में मात्र चार दिन बच गए हैं। जैसे जैसे यह निकट आ रहा है , वैसे वैसे शुभ काम शुरू करने की प्रतीक्षा में युवाओं के दिल की धडकने तेज हो गयी है। कुछ विवाह के लिए तो कई परिवार नन्हे मेहमान के इंतजार में बैठे है। वे चाहते हैं कि बच्चा सदी की खास तारीख 11-11-11 को ही इस दुनिया में आए। यहां तक कि ऐश्वर्या राय ने भी इसी दिन मां बनने का निश्चय किया है। अंक ज्योतिषियों की मानें , छह 1 यनि ट्रिपल इलेवन के आने से ही यह दिन महत्वपूर्ण बन गया है। इस दिन लडका हुआ तो राजयोग में जन्म लेगा , धनवान , ईमानदार, ऊर्जावान , कुशल नेतृत्वकर्ता , पुरुषार्थी होगा , जबकि बेटी हुई तो शक्ति का अवतार और धर्मपरायण होगी , उसे संगीत से लगाव होगा तथा वह लेखनी में निपुण होगी। इस खास तारीख का महत्व अंक विशेषज्ञों ने ऐसा बना डाला है कि लोग इस दिन सिजेरियन के लिए भी तैयार हैं , दस दिन पूर्व और पश्चात् जन्म लेने वाले बच्चे भी इसी दिन जन्म लेने को विवश हैं। कइयों के मां बाप ने तो अस्पतालों में एडवांस बुकिंग भी करा ली है और इस दिन की प्रसूति के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की देख रेख में गर्भवती महिलाओं को रखा गया है।
पर ज्योतिष की दृष्टि से देखा जाए तो इस दिन ग्रहों की स्थिति की ऐसी कोई खासियत नहीं दिखाई देती , जिसका प्रभाव जन्म लेने वाले बच्चे पर असाधारण ढंग से पडे। यह दिन पूर्णिमा का है , इसलिए ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के हिसाब से चंद्रमा पूरी ताकत में होगा , इस कारण बच्चे के बचपन के स्वच्छंद मनोवैज्ञानिक विकास में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। मंगल की राशि में पूर्ण चंद्र मंगल से संबंधित पक्षों को भी मजबूत बन सकता है। पर इसके साथ का वक्री बृहस्पति बच्चे को किसी न किसी मुद्दे को लेकर संवेदनशील बनाएगा , जिसका प्रभाव भी उसके विकास पर पडेगा। इस जातक की चंद्र कुंडली में दो दो ग्रहों बुध और शुक्र की आठवें भाव में स्थिति बनेगी , जिसके कारण जीवन के तीन चार पक्ष मनोनुकूल नहीं बने रहने से जीवन में बाधाएं आती रहेंगी। यही नहीं , इन ग्रहों के प्रभाव से बचपन में ही छह वर्ष की उम्र के बाद ही पारिवारिक मामलों में कई तरह की बाधाएं देखने को मिलेगी। चंद्रमा के बाद एक शनि की ग्रह स्थिति ही कुछ मनोनुकूल बनकर जातक को कभी कभी अपने संदर्भों में राहत दे सकती है , पर जिस प्रकार के असाधारण बच्चों की बात अंक विशेषज्ञ कर रहे हैं , वैसा तो ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के हिसाब से हमें नहीं दिखाई देता।