विवाह पारिवारिक एवं सामाजिक व्यवस्था के लिए एक महवपूर्ण मांगलिक कार्य है। युवकों और युवतियों के विवाह योग्य उम्र में प्रवेश करते ही माता-पिता और अभिभावक उनके विवाह के लिए चिन्तित हो जाते हैं , ताकि उन्हें अपने दायित्व से छुट्टी मिले। यदि विवाह-निर्धारण में थोड़ा भी विलंब होता है ,तो अधिकांश अभिभावक विवाह के निश्चित समय की जानकारी के लिए ज्योतिषियों से भी परामर्श देखे जाते हैं । कभी किसी ज्योतिषी की बातें सच निकलती हैं तो कभी झूठ भी , ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अभी तक ज्योतिष की पुस्तकों में कोई ऐसा निश्चित सूत्र उपलब्ध नहीं है ,जिसे आधार पर हम किसी जातक के विवाह समय की निश्चित जानकारी प्राप्त कर सकें। इसे बावजूद प्राय: सभी जन्मपत्रों में शादी की कोई न कोई निश्चित उम्र लिखी हुई पायी जाती है। इस निश्चित उम्र का उल्लेख परंपरावादी पंडित किस आधार पर करते हैं ,यह तो वे ही जानते होंगे, परंतु इसमें सत्यता बिल्कुल नहीं होती ,इसे हमने महसूस किया है।
'गत्यात्मक ज्योतिष' की दृष्टि से लोगों के विवाह निर्धारण में गोचर के ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है , भले ही वैवाहिक सुख या कष्ट के लिए जन्मकालीन ग्रह जिम्मेदार हों। पर गोचर के ग्रहों की गत्यात्मक शक्ति की कमी और स्थैतिक शक्ति की प्रचुरता होने से उनकी क्रियाशीलता बढती है , जो कई प्रकार के शुभ कार्यों को करवाने में समर्थ होती हैं। इसलिए भिन्न भिन्न लग्नवालों के विवाह के लिए दूसरे दूसरे ग्रह जिम्मेदार होते हैं। प्रतिवर्ष नवंबर माह में मैं एक आलेख लिखा करती हूं , जिसमें विभिन्न लग्नवालों के लिए वर्षभर के विवाह के मुहूत्तों के बारे में जानकारी दी जाती है। आवश्यक नहीं कि उस लग्न के सभी युवाओं युवतियों के विवाह उस समयांतराल में हो ही जाएं , पर विवाह योग्य वर वधूओं में से अधिकांश की संभावना अवश्य बन जाती है। इंटरनेट में भी आप अपने लग्न की जानकारी के लिए कई लिंकों पर जा सकते हैं , यहां और यहां । जन्म के शहर के लांगिच्यूड और लैटिच्यूड की जानकारी के लिए आप इस लिंक पर भी जा सकते हैं।