भविष्य को जानने की एकमात्र विधा ज्योतिष है
भूतकाल को हम माता , पिता , बडे बुजुर्गों की कहानियों लेखकों द्वारा लिखी गयी कहानियों के माध्यम से जानते हैं। वर्तमानकाल को समझने के लिए हम अपनी आंखों से सबकुछ देखने की और विभिन्ने लोगों से बातचीत करके समझने की कोशिश करते हैं। पर यदि हमें वर्तमान से थोडा भी आगे देखना हो तो हमारी दृष्टि आसमान की ओर जाकर ठहर जाती है।
बादलों से हम आनेवाले समय में बारिश का , सूरज से हमें धूप के टिकने का और चांद से हमें चांदनी रात के ठहराव का पता चलता है। सूरज के रास्ते का उत्तरायण और दक्षिणायन होते सहने से हमें मौसम के बदलने के बारे में जानकारी मिली। चांद का सूरज की दूरी का बढते जाने से हम समझ सके कि कितने दिन चांदनी रात रहेगी और कितने दिन अंधियारा ?
आसमान से हम भविष्य के बारे में इतना ही नहीं जान सकते , ग्रहों की गति हमें आनेवाले समय की बहुत सारी घटनाओं से अवगत कराती है , 50 वर्षों से इसकी स्पष्ट खोज ‘गत्यात्मतक ज्योतिष’ के द्वारा की गयी है , ज्योतिषियों के लिए तो मेरे पिताजी ने ८०-९० की दशक में ही बहुत कुछ लिखा था। उसके बाद उनके लिए मेरी पुस्तक 1996 में ही उपलब्ध हो गयी थी , पर आम जन को ग्रह के प्रभाव की जानकारी स्पष्टतः हो जाये, इसके लिए यह व्यवस्था पहली बार हो रही है, इसका फ़ायदा अवश्य उठायें। एप्प में जो भी छोटी-बड़ी कमजोरियां थी अब दूर कर ली गयी है।
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