क्या ज्योतिष को विकासशील नहीं होना चाहिए ??

Astrology in hindi

ज्योतिष विज्ञान है या अंधविश्वास , एक बड़ा प्रश्न , वो भी अनुत्तरित , क्योंकि इसके सही आधार की नासमझी के कारण जहां कुछ लोग इसका तिरस्कार करते हैं , वहीं दूसरी ओर अतिशय भाग्यवादिता से ग्रसित लोग किंकर्तब्यविमूढ़ावस्था को प्राप्त कर इसका अंधानुसरण करते हैं। दोनो ही स्थितियों में फलित ज्योतिष रहस्यमय और विचित्र हो जाता है। पहले वर्ग के लोगों का कहना है कि भला करोड़ों मील दूर स्थित ग्रह हमें किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं , वहीं दूसरे वर्ग के लोगों को आकाशीय पिंड की जानकारी से कोई मतलब ही नहीं , मतलब अपने भाग्य की जानकारी से है। 

इस तरह मूल तथ्य की परिचर्चा के अभाव में फलित ज्योतिष को जाने अनजाने काफी नुकसान है रहा है। एक भारतीय प्राचीन विद्या को हमारे देश में उचित स्थान नहीं मिल रहा है। ज्योतिष के पक्ष और विपक्ष में बहुत सारी बातें हो चुकी हैं , सबके अपने.अपने तर्क हैं , इसलिए किसी की जीत या हार हो ही नहीं सकती। बेहतर होगा कि बुद्धिजीवी वर्ग हर प्रकार के पूर्वाग्रह से मुक्त होकर ज्योतिषियों की बात सुनें , उनपर विचार करें।

Undeveloped, developing and developed

प्रकृति के नियम के अनुसार प्रत्येक निर्माण--चाहे वह कला का हो , विज्ञान का या फिर धर्म का हो या संस्कृति का---------- अविकसित , विकासशील और विकसीत तीनों ही दौर से गुजरते हैं। न सिर्फ वैयक्तिक और सामाजिक संदर्भों में ही , वरन् प्राकृतिक वस्तुओं का निर्माण भी इन तीनों ही दौर से गुजरकर ही परिपक्वता प्राप्त करता है। इस सामान्य से नियम के तहत् ज्योतिष को भी इन तीनों ही दौर से गुजरना आवश्यक था। यदि वैदिक काल में ज्योतिष के गणित पक्ष की तुलना में फलित पक्ष कुछ कमजोर रह गया था तो क्या आनेवाले दौर में इसे विकसित बनाने की चेष्टा नहीं की जानी चाहिए थी। परंतु किसी भी युग में ऐसा नहीं किया गया। ज्योतिष को अंधविश्वास समझते हुए लगभग हर युग में इसे उपेक्षित किया गया। यह कारण मेरी समझ में आजतक नहीं आया कि क्यों हमेशा से ही भूत पढ़नेवालों को विद्वान और भविष्य पढ़नेवाले को उपहास का पात्र समझा जाता रहा।

Astrology in hindi

Developing science

आज भले ही कुछ ज्योतिषी इसे विकसीत बनाने की चेष्टा में जी.जान से लगे हों , सरकारी , अर्द्धसरकारी या गैर सरकारी ---. किसी भी संस्था का कोई सहयोग न प्राप्त कर पाते हुए लाख बाधाओं का सामना करते हुए ज्योतिष को विकासशील बनाए बिना विकसीत विज्ञान की श्रेणी में रख पाना संभव नहीं है। मै मानती हूं कि ज्योतिष विज्ञान के प्रति कुछ लोगों की न सिर्फ आस्था , वरण् भ्रांतियों को देखते हुए इसमें लाभ कमाने के इच्छुक लोगों का बहुतायत में प्रवेश अवश्य हुआ है , जिनका फलित ज्योतिष के विकास से कुछ लेना.देना नहीं है , पर उनके कारण कुछ समर्पित ज्योतिषियों के कार्य में बाधाओं का आना तो अच्छी बात नहीं है , जो कई सामाजिक भ्रांतियों को समाज से दूर करने के इच्छुक हैं।

Astha aur vigyan  

जब कुछ ज्योतिषी आस्था की बात करते हुए ज्योतिष को विज्ञान के ऊपर मान लेते हैं , यह मान लेते हें कि जहां से विज्ञान का अंत होता है , वहां से ज्योतिष आरंभ होता है , तो यह बात बुद्धिजीवियों के गले से नहीं उतरती।वे कार्य.कारण में स्पष्ट संबंध दिखानेवाले विज्ञान की तरह ही ज्योतिष को देखना चाहते हैं। पर जब उन्हें एक विज्ञान के रूप में ज्योतिषीय तथ्यों से परिचित करवाया जाता है , तॅ वे यहां चमत्कार की उम्मीद लगा बैठते हैं। उन्हें शत्.प्रतिशत् सही भविष्यवाणी चाहिए। क्या एक डाक्टर हर मरीज का इलाज करना सिर्फ इसलिए छोड़ दे , क्योंकि वह कैंसर और एड्स के मरीजों का इलाज नहीं कर सकता ?

Effect of planets (Astrology in hindi )

जब हम ज्योतिषी स्वयं यह मान रहे हैं कि ग्रह.नक्षत्रों का प्रभाव पृथ्वी के जड़.चेतन के साथ.साथ मानवजीवन पर अवश्य पड़ता है और इस प्रकार मानवजीवन को प्रभावित करने में एक बड़ा अंश विज्ञान के नियम का ही होता है , परंतु साथ ही साथ मानवजीवन को प्रभावित करनें में छोटा अंश तो सामाजिक , आर्थिक , राजनीतिक और देश काल परिस्थिति का भी होता है। फिर ज्योतिष की भाविष्यवाणियों के शत.प्रतिशत सही होने की बात आ ही नहीं सकती। इसी कारण आजतक ज्योतिष को अविकसित विज्ञान की श्रेणी में ही छोड़ दिया जाता रहा है , विकासशील विज्ञान की श्रेणी में भी नहीं आने दिया जाता , फिर भला यह विकसित विज्ञान किस प्रकार बन पाए ?

Difference of undeveloped, developing and developed

एक अविकसित प्रदेश के विद्यार्थी की योग्यता को जांचने के लिए आप शत्.प्रतिशत् परीक्षा परिणाम की उम्मीद करें , तो यह आपकी भूल होगी। सामान्य परीक्षा परिणाम के बावजूद वह योग्य हो सकता है , क्योंकि उसने उस परिवार और विद्यालय में अपना समय काटा है , जो साधनविहीन है। विकासशील क्षेत्र के अग्रणी विद्यालय या विकासशील परिवार के विद्यार्थी की योग्यता को आंकने के लिए आप शत.प्रतिशत परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं , क्योंकि हर साधन की मौजूदगी में उसने विद्याध्ययन किया है।

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    संगीता पुरी

    Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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