What is a metro city
Metro city population in India
भारतवर्ष में 21 वीं सदी के आरंभिक वर्षों के विकास को मेट्रो सिटीज के विकास के लिए जाना जायेगा, जो बढ़ती जनसँख्या का केंद्र बने। इन महानगरों में जहाँ बड़े-बड़े व्यवसायियों, भूमि-मालिकों और मकान-मालिकों के लिए अपार समभावनाएँ बन गयी, जीवन के चकाचौंध के हर अवसर उनके लिए उपलब्ध हुए। महानगरों को विकास की गति में मजदूर, कामगार, गरीब शामिल तो हुए, पर उनका जीवन गावों से भी बदतर बना रहा। मेट्रो सिटीज में जितने बड़े-बड़े घर ये बनाते हैं, उतने ही छोटी झोपड़ियों में उनका भविष्य, उनकी सुरक्षा अधर में लटकी होती है । इन महानगरों में अमीर और अमीर होता जाता है, पर गरीब भाग्य भरोसे जीते रहते हैं । इस लॉक डाउन ने महानगरों की असलियत खोलकर रख दी, अभी निम्नस्तरीय लोगों का महानगर छोड़ना पड़ा है, नौकरियाँ कटते ही मध्यम-वर्गीय भी महानगर छोड़कर अपने गाँवों, शहरों की ओर लौटेंगे।
Labour in indian metro cities
मजदूर कृषि सहित सभी उद्योगों, सभी निर्माण-कार्यों, किसी शहर को मेट्रो सिटी बनाने में एक मजबूत स्तम्भ हैं। उनके जाने के बाद उनका महत्व सबको समझ में आ रहा है। कई साल पहले भी हरियाणा से भागे मजदूरों को लुभावने लालच देकर बुलवाया गया था, आज महाराष्ट्र भी यही कर रहा है. शिक्षा में कमी का नाजायज फायदा लोग उठाते हैं, मजदूर देश और समाज के बहुत बड़े स्तम्भ हैं, इनकी उपेक्षा ठीक नहीं, मजदूरों के जन्म भूमि की राज्य सरकार ध्यान दे, मजदूरों और फैक्ट्री मालिकों के बीच का बड़ा पैसा एजेंटों की जेब में जाता है, एजेंटों को सक्रिय न होने दें, खुद संज्ञान लेकर एक एक मजदूरों की सुरक्षा निश्चित करें, तभी बाहर भेजें !
Civilization vi rise and fall
इतिहास गवाह है कि भूकंप, तूफ़ान या बीमारी ने कितनी सभ्यताए नष्ट कर दी है. हाल फिलहाल भी हमने भूकंप और तूफ़ान से विश्व के कई शहरों को नष्ट होते पाया है, फिर पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चंद शहरों में क्यों समेटकर रखा गया है? देश के मुख्य उद्योग धंधों से लेकर आईटी तक के मुख्य केंद्र चंद शहरों में सिमटे हुए हैं, भूकंप के लिए संवेदनशील स्थान दिल्ली को देश की राजधानी बनाकर देश के संसाधनों का बड़ा भाग वहाँ झोंका जा रहा है, जबकि प्राकृतिक दृष्टि से सुरक्षित राज्यों, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों में अधिक निवेश किया जाना चाहिए. इतिहास से यदि से कुछ सबक नहीं ले सके तो फिर इतिहास की पढ़ाई हमलोग क्यों करते हैं?
Metro city security services
केंद्र सरकार से निवेदन है कि हर प्रदेश को विकसित बनाये, ताकि आपातकालीन स्थिति में नुक्सान कम से कम हो, देश का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं होगा, जहाँ चिंतक, विचारक, समाजसेवी, दूसरों के हित की चिंता करनेवाले नहीं मौजूद हों, पर जनता उन्हें बेवकूफ समझती है, येन केन प्रकारेण पैसे बना लेने वाले लोग सामाजिक प्रभाव प्राप्त कर लेते है, जनता यहीं मार खाती है, मेरे पोस्ट मेरे मौलिक चिंतन से निकलते हैं, ताज्जुब होता है कि सरकार के पास इतने बड़े बड़े विद्वान् होते हैं, वे छोटी बात क्यों नहीं सोच पाते, मेरा लिखना तो व्यर्थ है, यह जानते हुए भी मैं लिखती रहती हूँ, टिप्पणियों का भरपूर स्वागत है, पर मैं पूर्वाग्रह से ग्रस्त लोगों को पसंद नहीं करती।
बहुत सही लिखा आपने। मैं भी अक्सर यही सोचती हूँ कि सरकार के सलाहकार इतने बड़े बड़े बुद्धिजीवी लोग हैं, तो उन्हें देश के सही हालात का अंदाज़ा क्यों नहीं होता है। सिर्फ़ महानगरों को ही नहीं बल्कि हर बड़े छोटे शहर क़स्बे का विकास ज़रूरी है।
जवाब देंहटाएंसरकार को हर ५०-६० km के बाद ५०-६० एकड़ इंडस्ट्रियल ज़ोन बनाने चाहिए ... छूट देनी चाहिए जिससे की उत्पाद बढ़े ... विकास का मार्ग खुले ...
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