maulik kartavya in hindi
जिस दिन अपने अधिकारों का अनुचित पालन करने से बचेंगे लोग, जिस दिन अपने कर्तव्यों का समुचित पालन करेंगे लोग, उसी दिन से दुनिया शांतिपूर्ण ढंग से जीएगी ! क्योंकि किसी के द्वारा भी गलत परम्परा की शुरुआत बहुसंख्यक को उसी रास्ते पर ले जाती हैं !
ज़ब एक अफसर तनख्वाह में खर्चे चलता था, तो उसे बच्चों के ट्युशन, इलाज, फैशन, दिखावे पर भी तो खर्च की मजबूरी नहीं थी, क्योंकि सब ईमानदारी से काम करते और सीमित खर्च करते थे ! पर गलत शुरुआत होती हैं तो हर जगह पहुँच जाती हैं !
इस परम्परा के तहत आज दूसरों के लिए जो बुरा कर रहे हैं, उन्हें कल बुरा फल मिलना, दूसरों के लिए जो अच्छा कर रहे हैं, उन्हें कल अच्छा फल मिलना तय हैं ! क्यों न हम दुनिया में ऐसे कर्मों की शुरुआत करें, जिससे एक अच्छी परंपरा चल पड़े , जो हमारे आनेवाली पीढ़ी को शांतिपूर्ण ढंग से जीने में मदद करें !
एक कहानी थी, एक व्यक्ति को अच्छे कर्म की आदत थी, जब भी किसी के साथ वह कुछ अच्छा करता, उससे वचन लेता था कि वे भी तीन लोगों के लिए कुछ अच्छा करें ! यह परंपरा बढ़ती हुई दुनिया की एक एक इकाई तक पहुंचने चाहिए !
पैसों के लिए मल्टी लेवल मार्केटिंग करके अपनी मीनार तैयार करनेवाले बहुत लोग मिलेंगे, पर अच्छे कर्मों के लिए ऐसे बड़े मीनार खडे किये जाये तो देश-दुनिया का भला हो ! क्योंकि शांति के अभाव में पैसे काम नहीं आएंगे !
लेकिन वैश्वीकरण के युग में यह बात सबको सोचनी होगी ! कोई गलत परम्परा किसी ऑफिस में, किसी विभाग में, किसी राज्य में, किसी देश में, विश्व के किसी कोने में नहीं होनी चाहिए ! एक जंगल में भी जानवरों के मध्य मार-काट सिर्फ भोजन के लिए होती हैं !
आज के सभ्य समाज में मनुष्य किसी भी लालच में यदि परोपकार से विमुख होता हैं, तो बहुत गलत बात हैं ! इसका फल उसे ही भोगना होगा !
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