योगकारक ग्रहों का फलाफल
yogakaraka planet for all ascendants
Yogkarak grah for Aries
इस हिसाब से मेष लग्नवालों की चंद्रमा को +2 , बुध को -5 , मंगल को +4 , शुक्र को +4 , सूर्य को +6 , बृहस्पति को +7 तथा शनि को 0 अंक मिलते हैं यानि बृहस्पति > सूर्य >मंगल >शुक्र >चन्द्रमा >शनि >बुध , इसलिए यदि और कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो सुख प्राप्ति के मामलों में मेष लग्नवालों की भाग्य , खर्च और बाहरी संदर्भों की स्थिति सर्वाधिक अच्छी होती है , उसके बाद बुद्धि , ज्ञान और संतान का स्थान होता है , उसके बाद शरीर , व्यक्तित्व , स्वास्थ्य , आत्मविश्वास , जीवन शैली , धन , कोष , घर गृहस्थी और ससुराल पक्ष का वातावरण होता है , वाहन समेत हर प्रकार की संपत्ति की भी स्थिति अच्छी होती है , पिता , समाज , प्रतिष्ठा , कर्मक्षेत्र की सफलता और अन्य प्रकार के लाभ का नं उसके बाद होता है , बुध के ऋणात्मक होने से भाई , बहन बंधु बांधव और सहयोगी से संबंधित जबाबदेही या किसी प्रकार के झंझट की उपस्थिति की संभावना बनती है।
Yogkarak grah for Taurus
इसी प्रकार वृष लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को -2 अंक मिलते हैं , बुध को +7 अंक , मंगल को +3 , शुक्र को +2 , सूर्य को +2 , बृहस्पति को -5 तथा शनि को +11 अंक मिलते हैं यानि शनि > बुध >मंगल >शुक्र >सूर्य >चन्द्रमा > बृहस्पति , इसलिए यदि और कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो सुख प्राप्ति के मामलों में वृष लग्नवालों का भाग्य , पिता , प्रतिष्ठा और सामाजिक राजनीतिक वातावरण की स्थिति सबसे अच्छी होती है , उसके बाद इनकी धन , कोष , बुद्धि , ज्ञान , संतान का स्थान होता है , इसके बाद घर , गृहस्थी , खर्च और बाहरी संदर्भ , उसके बाद स्वास्थ्य , व्यक्तित्व , आत्मविश्वास , झंझट के लडने की शक्ति , वाहन समेत हर प्रकार की संपत्ति के मामले होते हैं , चंद्रमा के कारण भाई बहन , बंधु बांधवों के सुख में थोडी कमी और बृहस्पति के कारण सबसे कमजोर इनकी जीवन शैली और लाभ होता है।
Yogkarak grah for Gemini
इसी प्रकार मिथुन लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को +1 अंक मिलते हैं , बुध को +7 अंक , मंगल को -7 , शुक्र को +6 अंक मिलते हैं। इसी प्रकार सूर्य को -2 , बृहस्पति को +7 तथा शनि को +6 अंक मिलते हैं यानी बृहस्पति > बुध > शनि >शुक्र >चन्द्रमा >सूर्य > मंगल , इसलिए यदि और कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो सुख प्राप्ति के मामलों में मिथुन लग्नवालों के शरीर , व्यक्तित्व , आत्मविश्वास , हर प्रकार की संपत्ति , घर गृहस्थी का वातावरण , पिता पक्ष और पद प्रतिष्ठा की स्थिति अच्छी होती है , उसके बाद बुद्धि , ज्ञान , संतान , खर्च , बाहरी संदर्भ , भाग्य और जीवन शैली का स्थान भी पक्ष में ही होता है , धन की स्थिति भी सकारात्मक होती है , पर भाई , बहन , बंधु बांधव की स्थिति थोडी गडबड तथा किसी प्रकार के झंझट की उपस्थित की संभावना और लाभ की कमजोरी बनी रहती है।
Yogkarak grah for Cancer
इसी प्रकार कर्क लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को +5 अंक मिलते हैं , बुध को -2 अंक , मंगल को +10 , शुक्र को -2 , सूर्य को +1 , बृहस्पति को +4 तथा शनि को +2 अंक मिलते हैं यानि मंगल > चंद्र > बृहस्पति > शनि > सूर्य > बुध > शुक्र , इसलिए यदि और कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो सुख प्राप्ति के मामलों में कर्क लग्न वालों के बुद्धि , ज्ञान , संतान , पिता , समाज , पद ,प्रतिष्ठा और सामाजिक राजनीतिक वातावरण को सर्वाधिक बढिया माना जा सकता है। उसके बाद उनके शरीर , व्यक्तित्व और आत्मविश्वास की स्थिति होती है , इसके बाद भाग्य और हर प्रकार के झंझट से जूझने की शक्ति , फिर घर , गृहस्थी और जीवनशैली को भी सकारात्मक माना जा सकता है। इनका भाई , बहन , बंधु बांधव , खर्च , बाहरी संदर्भ , माता पक्ष , हर प्रकार की संपत्ति या लाभ से संबंधित मामले कुछ कमजोर होते हैं।
Yogkarak grah for Leo
इसी प्रकार सिंह लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को 0 , बुध को -3 अंक , मंगल को +9 , शुक्र को +2 , सूर्य को +5 , बृहस्पति को +5 , तथा शनि को 0 अंक मिलते हैं यानि मंगल > बृहस्पति > सूर्य > शुक्र > शनि > चंद्र > बुध , इसलिए यदि और कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो सुख प्राप्ति के मामलों में सिंह लग्न वालों का भाग्य और हर प्रकार की संपत्ति की स्थिति बहुत अच्छी होती है। उसके बाद इनके शरीर , व्यक्तित्व , आत्म विश्वास , बुद्धि , ज्ञान , संतान और जीवन शैली को स्थान दिया जा सकता है , भाई , बहन , बंधु ,बांधव , पद प्रतिष्ठा की स्थिति भी अच्छी होती हैं , खर्च , बाहरी संदर्भ , घर गृहस्थी और किसी प्रकार के झंझट से जूझने की शक्ति भी होती है , पर बुध के ऋणात्मक होने से धन के मामले काफी सुखद नहीं रह पाते।
Yogkarak grah for Virgoइसी प्रकार कन्या लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को -4 अंक , बुध को +9 अंक , मंगल को -3 , शुक्र को +8 , सूर्य को 0 , बृहस्पति को +5 तथा शनि को +3 अंक मिलते हैं यानि बुध > शुक्र > बृहस्पति > शनि > सूर्य > मंगल > चंद्र , इसलिए यदि अन्य कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो कन्या लग्न वालों के शरीर , व्यक्तित्व , आत्मविश्वास , पिता पक्ष , सामाजिक राजनीतिक पक्ष और प्रतिष्ठा संबंधी मामले काफी सुखद होते हैं। इनके भाग्य और धन की स्थिति भी अच्छी होती है , घर गृहस्थी , पारिवारिक मामले और हर प्रकार की संपत्ति के मामले भी सुखद होते हैं , संतान पक्ष , प्रभाव और हर प्रकार के झंझट से जूझने की शक्ति भी सामान्य तौर पर अच्छी होती है , खर्च के मामले भी सामान्य होते हैं , पर लाभ के मामले ऋणात्मक महसूस होते हैं , भाई बहन बंधु बांधवों से भी इन्हें सहयोग कम मिलता है।
Yogkarak grah for Libra
इसी प्रकार तुला लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को +4 अंक , बुध को +7 अंक , मंगल को +4 , शुक्र को +4 अंक , सूर्य को -4 , बृहस्पति को -5 तथा शनि को +8 अंक मिलते हैं यानी शनि >बुध > मंगल > चंद्र > शुक्र >सूर्य > बृहस्पति , इस कारण यदि अन्य कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो तुला लग्नवाले सुख के मामलों में बुद्धि , ज्ञान , हर प्रकार की संपत्ति और संतान की स्थिति को सर्वाधिक मजबूत पाते हैं। इनके भाग्य और खर्च की स्थिति भी काफी सुखद होती है , स्वास्थ्य , जीवन शैली , पिता , समाज , प्रतिष्ठा , धन , कोष और घर गृहस्थी का वातावरण भी अच्छा होता है , पर लाभ के मामले कष्टकर होते हैं , भाई बहन , बंधु बांधव और प्रभाव की स्थिति भी ऋणात्मक होती है।
Yogkarak grah for Scoropio
इसी प्रकार वृश्चिक लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को +7 अंक , बुध को -5 अंक , मंगल को +2 , शुक्र को+3 अंक , सूर्य को +4 अंक, बृहस्पति को +7 अंक तथा शनि को 0 अंक मिलते हैं यानि बृहस्पति > चन्द्रमा > सूर्य > शुक्र > मंगल > शनि > बुध , इसलिए यदि कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो वृश्चिक लग्नवाले भाग्य , धन , बुद्धि , ज्ञान और संतान के मामले में सर्वाधिक सुखद वातावरण प्राप्त करते हैं , पिता पक्ष , पद प्रतिष्ठा और सामाजिक वातावरण भी सुखद होता है , इनकी घर गृहस्थी और खर्च का वातावरण भी सुखद बनी होतीं है , भाई बंधु , हर प्रकार की संपत्ित के मामले भी अच्छे होते हैं , पर जीवनशैली कुछ कष्टकर होती है , इन्हें लाभ से कुछ समझौता करना पडता है।
Yogkarak grah for Sagittarius
इसी प्रकार धनु लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को -1 अंक , बुध को +7 अंक , मंगल को +6 , शुक्र को -7 अंक , सूर्य को +7 , बृहस्पति को +7 तथा शनि को -1 अंक मिलते हैं यानि बृहस्पति > सूर्य > बुध > मंगल > शनि > चंद्र > शुक्र , इसलिए यदि कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो तो धनु लग्न वालों का सबसे सुखद संदर्भ पिता , घर गृहस्थी का वातावरण और सामाजिक वातावरण होता है , शरीर , व्यक्तित्व , माता पक्ष , हर प्रकार की संपत्ति , भाग्य , बुद्धि , ज्ञान , संतान और खर्च की स्थिति भी मनोनुकूल बने होते है , पर धन कोष , भाई बहन , बंधु बांधव की स्थिति और जीवन शैली कुछ कमजोर होता है , शुक्र के अधिक ऋणात्मक होने से जीवन में कई प्रकार के झंझट की उपस्थिति और लाभ की कमी की संभावना बनी रहती है।
Yogkarak grah for Capricorn
इसी प्रकार मकर लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को +3 अंक , बुध को +4 अंक , मंगल को -2 , शुक्र को+10 अंक , सूर्य को -1 , बृहस्पति को -2 तथा शनि को +6 अंक मिलते हैं यानि शुक्र > शनि > बुध > चंद्र > सूर्य > मंगल > बृहस्पति , इस कारण यदि कोई ज्योतिषीय बडा कारण न हो तो मकर लग्न वालों के लिए सर्वाधिक सुखद संदर्भ बुद्धि , ज्ञान , संतान , पिता , कैरियर और सामाजिक वातावरण होता है। शरीर , व्यक्तित्व और धन की स्थिति भी सुखद होती है , भाग्य , घर गृहस्थी का वातावरण , प्रभाव और हर प्रकार के झंझट से जूझने की शक्ति भी अच्छी होती है , पर ये जीवन शैली को लेकर हल्की कमजोरी महसूस करते हैं , माता पक्ष और किसी प्रकार की संपत्ति से संबंधित लाभ में कमी होती है , भाई , बंधु और खर्च के मामले भी कुछ दबाबपूर्ण होते हैं।
Yogkarak grah for Aquarius
इसी प्रकार कुंभ लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को -3 अंक , बुध को +5 अंक , मंगल को +2 , शुक्र को +9 , सूर्य को +3 , बृहस्पति को -3 तथा शनि +5 अंक मिलते हैं यानि शुक्र > शनि > बुध > सूर्य > मंगल > बृहस्पति > चंद्र , इसलिए यदि ज्योतिषीय कारण न हो तो माता पक्ष , हर प्रकार की संपत्ति और भाग्य के मामले में कुंभ लग्नवालों की स्थिति सर्वाधिक सुखद होती है , इनके शरीर , व्यक्तित्व , खर्च और बाहरी संदर्भ के मामले भी सुखद होते हैं , बुद्धि , ज्ञान , संतान और जीवन शैली के मामले भी अच्छे होते हैं , घर गृहस्थी का वातावरण सुखद होता है , उसके बाद इनके जीवन में भाई , बहन , बंधु बांधव , पिता और प्रतिष्ठा से संबंधित मामलों का सुख आता है , पर किसी प्रकार के झंझट से जूझने की शक्ति कम होती है , धन और लाभ का वातवरण भी कमजोर बना होता है।
Yogkarak grah for Pisces
इसी प्रकार मीन लग्नवालों की जन्मकुंडली में चंद्रमा को +6 अंक , बुध को +5 अंक , मंगल को +8 , शुक्र को -3 , सूर्य को -3 , बृहस्पति को +9 तथा शनि को -4 अंक मिलते हैं यानि बृहस्पति >मंगल > चन्द्रमा > बुध > शुक्र > सूर्य > शनि , इसलिए यदि कोई बडा ज्योतिषीय कारण न हो , तो मीन लग्न वाले शरीर , व्यक्तित्व , हर प्रकार की संपत्ति , धन और भाग्य के मामले में सर्वाधिक सुख प्राप्त करते हैं , इनका बुद्धि , ज्ञान , संतान , घर गृहस्थी और पद प्रतिष्ठा का वातावरण भी सुखद होता है , पर भाई , बहन , बंधु , बांधव , जीवन शैली , झंझट से जूझने की शक्ति कुछ कमजोर बनी होती है , लाभ और खर्च के मामले सर्वाधिक कमजोर होते हैं।
उपरोक्त लेख ग्रहों के स्वामित्व के आधार पर लिखा गया है , योग कारक और अयोग कारक ग्रहों के निर्णय में जन्मकुंडली में जिस भाव में ग्रह की उपस्थिति हो , इसके अंक को भी जोडा जाना चाहिए , जिससे ग्रहों की शक्ति का उपयुक्त निर्णय हो सकता है। इसके बाद ग्रहों की गत्यात्मक और स्थैतिक शक्ति के आधार पर ग्रहों की शक्ति का निर्णय करना उचित है । अपनी अपनी शक्ति के हिसाब से ही सभी ग्रह अपने प्रतिफलन काल में प्रभाव डालते हैं।